लोगों ने स्वेच्छा से चढ़ाई गई भेंट के लिए आनन्द मनाया; क्योंकि उन्होंने मुक्त हृदय से प्रभु को भेंट चढ़ाई थी। राजा दाऊद ने भी बहुत आनन्द मनाया।
2 इतिहास 24:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब अधिकारी तथा सब लोग आनन्द और हर्ष से कर चुकाने लगे। वे कर का रुपया लाते और बक्से में डाल देते थे। और यों सबने अपना कर चुका दिया। पवित्र बाइबल सभी प्रमुख और सभी लोग प्रसन्न थे। वे धन लेकर आए और उन्होंने उसे सन्दूक में डाला। वे तब तक देते रहे जब तक सन्दूक भर नहीं गया। Hindi Holy Bible तो सब हाकिम और प्रजा के सब लोग आनन्दित हो रुपए लाकर जब तक चन्दा पूरा न हुआ तब तक सन्दूक में डालते गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तो सब हाकिम और प्रजा के सब लोग आनन्दित हो रुपए लाकर जब तक चन्दा पूरा न हुआ तब तक सन्दूक में डालते गए। सरल हिन्दी बाइबल सभी अधिकारी और प्रजा के लोग इस पर बहुत ही खुश हुए और हर एक ने उसे कोष में अपने लिए तय कर डाल दिया, जिससे वह कोष भर गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो सब हाकिम और प्रजा के सब लोग आनन्दित हो रुपये लाकर जब तक चन्दा पूरा न हुआ तब तक सन्दूक में डालते गए। |
लोगों ने स्वेच्छा से चढ़ाई गई भेंट के लिए आनन्द मनाया; क्योंकि उन्होंने मुक्त हृदय से प्रभु को भेंट चढ़ाई थी। राजा दाऊद ने भी बहुत आनन्द मनाया।
जब उप-पुरोहित देखते कि बक्से में बहुत सिक्के जमा हो गए हैं, तब वे बक्सा उठाकर राजा के उच्चाधिकारियों के पास उसको पहुँचा देते थे। तब राजा का सचिव तथा महापुरोहित का उच्चाधिकारी आते और वे बक्से को खाली करके उसके स्थान पर रख देते थे। वे प्रतिदिन ऐसा ही करते थे; और इस प्रकार उन्होंने अपार मात्रा में रुपया एकत्र कर लिया।
तत्पश्चात् समस्त यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम नगर में यह राजाज्ञा सुनाई गई कि जो कर प्रभु के सेवक मूसा ने निर्जन प्रदेश में इस्राएली समाज पर लगाया था, वह समस्त इस्राएलियों को प्रभु के लिए नियमित रूप से चुकाना होगा।
तू उन लोगों से मिलता है जो आनन्दपूर्वक धर्म के कार्य करते हैं; जो तेरे मार्गों पर चलकर तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू हमसे क्रोधित था, क्योंकि हमने पाप किया था। हम बहुत समय तक पाप की अवस्था में रहे। क्या हम बच सकते हैं?
कष्टों की अग्निपरीक्षा में भी उनका आनन्द अपार रहा और घोर दरिद्रता की दशा में रहते हुए भी उन्होंने बड़ी उदारता का परिचय दिया है।
हर एक ने अपने मन में जितना निश्चित किया है, उतना ही दे। वह अनिच्छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्योंकि “परमेश्वर प्रसन्नता से देने वाले को प्यार करता है।”