उसने देखा, राजा प्रथा के अनुसार मंच पर खड़ा है। शतपति और तुरही-वादक भी राजा के समीप खड़े हैं। आम जनता आनन्द मना रही है। वे नरसिंगे फूंक रहे हैं। अतल्याह ने आतंक प्रकट करने के लिए अपने राजसी वस्त्र फाड़ दिए और वह चिल्लाई, ‘यह राज-द्रोह है!’
2 इतिहास 23:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने देखा, प्रवेश-द्वार पर राजा राजकीय मंच पर खड़ा है। शतपति और तुरही-वादक भी राजा के समीप खड़े हैं। आम जनता आनन्द मना रही है। वे नरसिंगे फूंक रहे हैं। गायक अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए समारोह का संचालन कर रहे हैं। अतल्याह ने अपने राजसी वस्त्र फाड़ दिए, और वह चिल्लाई, ‘यह राज-द्रोह है!’ पवित्र बाइबल उसने नजर दौड़ाई और राजा को देखा। राजा राज स्तम्भ के साथ सामने वाले द्वार पर खड़ा था। अधिकारी और लोग जो तुरही बजाते थे, राजा के पास थे। देश के लोग प्रसन्न थे और तुरही बजा रहे थे। गायक संगीत वाद्यों को बजा रहे थे। गायक प्रशंसा के गायन में लोगों का नेतृत्व कर रहे थे। तब अतल्याह ने अपने वस्त्रों को फाड़ डाला, और उसने कहा, “षड़यन्त्र!” Hindi Holy Bible और उसने क्या देखा, कि राजा द्वार के निकट खम्भे के पास खड़ा है और राजा के पास प्रधान और तुरही बजाने वाले खड़े हैं, और सब लोग आनन्द कर रहे हैं और तुरहियां बजा रहे हैं और गाने बजाने वाले बाजे बजाते और स्तुति करते हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़ कर पुकारने लगी, राजद्रोह, राजद्रोह! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने क्या देखा, कि राजा द्वार के निकट खम्भे के पास खड़ा है, और राजा के पास प्रधान और तुरही बजानेवाले खड़े हैं, और सब लोग आनन्द कर रहे हैं और तुरहियाँ बजा रहे हैं और गाने बजानेवाले बाजे बजाते और स्तुति करते हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़कर पुकारने लगी, राजद्रोह, राजद्रोह! सरल हिन्दी बाइबल उसने दृष्टि की और देखा कि राजा अपने ठहराए हुए खंभे के पास खड़ा हुआ था और शतपति और तुरही वादक राजा के पास खड़े हुए थे. सभी देशवासी आनन्दमग्न हो तुरही फूंक रहे थे, गायक लोग अपने वाद्य-यंत्रों के साथ स्तुति कर रहे थे. यह देख अथालियाह अपने वस्त्र फाड़ चिल्ला उठी, “राजद्रोह! राजद्रोह!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने क्या देखा, कि राजा द्वार के निकट खम्भे के पास खड़ा है, और राजा के पास प्रधान और तुरही बजानेवाले खड़े हैं, और सब लोग आनन्द कर रहे हैं और तुरहियां बजा रहे हैं और गाने बजानेवाले बाजे बजाते और स्तुति करते हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़कर पुकारने लगी, राजद्रोह, राजद्रोह! |
उसने देखा, राजा प्रथा के अनुसार मंच पर खड़ा है। शतपति और तुरही-वादक भी राजा के समीप खड़े हैं। आम जनता आनन्द मना रही है। वे नरसिंगे फूंक रहे हैं। अतल्याह ने आतंक प्रकट करने के लिए अपने राजसी वस्त्र फाड़ दिए और वह चिल्लाई, ‘यह राज-द्रोह है!’
तब राजा योशियाह मंच पर खड़ा हुआ। उसने प्रभु के साथ यह विधान स्थापित किया, कि वह प्रभु का अनुसरण करेगा, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी आज्ञाओं, सािक्षयों तथा संविधियों का पालन करेगा। वह इस विधान की पुस्तक में लिखे गए वचनों पर दृढ़ रहेगा। समस्त जनता ने भी प्रतिज्ञा की, कि वह विधान का पालन करेगी।
तत्काल हरएक व्यक्ति ने अपना अंगरखा उतार कर येहू को बैठाने के लिए उसे सीढ़ियों पर ही बिछा दिया। उन्होंने नरसिंगा फूंका, और यह जयघोष किया, ‘येहू राजा है!’
उनके पड़ोसी भी, इस्साकार, जबूलून और नफ्ताली जैसे दूर के कुल-क्षेत्रों के लोग, गधों, ऊंटों, बैलों और खच्चरों पर भोजन-वस्तु लाए। वे प्रचुर मात्रा में आटा, सूखे अंजीर फल, किशमिश, अंगूर रस, तेल, बैल और भेड़-बकरियां भी लाए; क्योंकि इस्राएली राष्ट्र में आनन्द व्याप्त था।
ये पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा के सम्मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।
दाऊद, मंजूषा के वाहक उप-पुरोहित, गायक तथा गायक-वादकों का अगुआ कननयाह, ये सब सन वस्त्र के बने अंगरखे पहिने हुए थे। दाऊद ने सन वस्त्र का बना एपोद धारण किया था।
रानी अतल्याह ने लोगों के जय-जयकार, गुणगान और आने-जाने की आवाज सुनी। वह प्रभु के भवन में लोगों के पास गई।
पुरोहित यहोयादा ने शतपतियों को, जो सेनापति नियुक्त किए गए थे, यह आदेश दिया, ‘सेना-पंिक्त के मध्य से अतल्याह को बाहर निकालो। जो व्यक्ति उसका पक्ष ले, उसको तलवार से मौत के घाट उतार दो।’ पुरोहित यहोयादा ने यह कहा, ‘प्रभु के भवन में उसकी हत्या नहीं होनी चाहिए।’
तब योशियाह मंच पर खड़ा हुआ। उसने प्रभु के साथ विधान की धर्मविधि सम्पन्न की कि वह प्रभु का अनुसरण करेगा, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी आज्ञाओं, सािक्षयों, तथा संविधियों का पालन करेगा। वह इस विधान की पुस्तक में लिखे गए वचनों पर दृढ़ रहेगा।
जब धार्मिक मनुष्य का कल्याण होता है, तब सम्पूर्ण नगर जय जयकार करता है किन्तु दुर्जन के विनाश पर सब नगरवासी हर्ष मनाते हैं।
जब धार्मिक मनुष्य शासन करते हैं तब जनता आनन्द मनाती है; किन्तु जब दुर्जन सत्ता हथिया लेते हैं, तब जनता शोक मनाती है।
मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछली कुटिल जाल में फंस जाती है, जैसे पक्षी फंदे में फंस जाते हैं, वैसे ही मनुष्य समय-जाल में फंस जाते हैं। यह जाल अचानक उन पर पड़ता है।
इस्राएल देश का शासक बाहर से फाटक के ओसारे के मार्ग से प्रवेश करेगा, और खंभे के पास खड़ा हो जाएगा। पुरोहित उसकी ओर से अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाएंगे। वह फाटक की ड्योढ़ी पर ही आराधना कर लौट जाएगा। वह फाटक से बाहर निकल जाएगा, किन्तु फाटक शाम तक बन्द नहीं किया जाएगा।
अत: गिद्ओन ने लोगों के हाथ से घड़े और नरसिंघे ले लिए। उसने तीन सौ पुरुषों को रोक लिया, और शेष इस्राएली लोगों को अपने-अपने तम्बू में भेज दिया। मिद्यानियों का पड़ाव गिद्ओन के पड़ाव के नीचे, घाटी में था।