जब अहाब ने एलियाह को देखा तब वह एलियाह से बोला, ‘ओ इस्राएल प्रदेश का संकट उत्पन्न करनेवाले एलियाह, तुम्हीं हो न?’
2 इतिहास 18:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएल प्रदेश के राजा ने यहोशाफट को बताया, ‘यहां एक आदमी है। उससे हम प्रभु का वचन प्राप्त कर सकते हैं। उसका नाम मीकायाह बेन-यिम्लाह है। पर मैं उससे घृणा करता हूँ! क्योंकि वह मेरे विषय में कभी शुभ नबूवत नहीं करता, वरन् सदा अशुभ ही कहता है।’ यहोशाफट ने कहा, ‘महाराज, ऐसा मत बोलिए।’ पवित्र बाइबल तब राजा अहाब ने यहोशापात से कहा, “यहाँ पर अभी एक व्यक्ति है। हम उसके माध्यम से यहोवा से पूछ सकते हैं। किन्तु मैं इस व्यक्ति से घृणा करता हूँ क्योंकि इसने कभी मेरे बारे में यहोवा से कोई अच्छा सन्देश नहीं दिया। इसने सदैव बुरा ही सन्देश मेरे लिये दिया है। इस आदमी का नाम मीकायाह है। यह यिम्ला का पुत्र है।” किन्तु यहोशापात ने कहा, “अहाब, तुम्हें ऐसा नहीं कहेना चाहिये!” Hindi Holy Bible इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, हां, एक पुरुष और है, जिसके द्वारा हम यहोवा से पूछ सकते हैं; परन्तु मैं उस से घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विष्य कभी कल्याण की नहीं, सदा हानि ही की नबूवत करता है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है। यहोशापात ने कहा, राजा ऐसा न कहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, “हाँ, एक पुरुष और है, जिसके द्वारा हम यहोवा से पूछ सकते हैं; परन्तु मैं उससे घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विषय कभी कल्याण की नहीं, सदा हानि ही की नबूवत करता है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है।” यहोशापात ने कहा, “राजा ऐसा न कहे।” सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल के राजा ने यहोशाफ़ात को उत्तर दिया, “एक व्यक्ति है. ज़रूर, जिससे हम याहवेह की इच्छा मालूम कर सकते है, मगर मुझे उससे घृणा है, क्योंकि वह मेरे लिए भली तो नहीं बल्कि बुरी ही भविष्यवाणी करता है, मीकायाह, इमलाह का पुत्र.” यहोशाफ़ात ने इस पर कहा, “राजा का ऐसा कहना सही नहीं है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, “हाँ, एक पुरुष और है, जिसके द्वारा हम यहोवा से पूछ सकते हैं; परन्तु मैं उससे घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विषय कभी कल्याण की नहीं, सदा हानि ही की नबूवत करता है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है।” यहोशापात ने कहा, “राजा ऐसा न कहे।” |
जब अहाब ने एलियाह को देखा तब वह एलियाह से बोला, ‘ओ इस्राएल प्रदेश का संकट उत्पन्न करनेवाले एलियाह, तुम्हीं हो न?’
एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
एलियाह ने उत्तर दिया, ‘स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्वर, मैं तेरे लिए धर्मोत्साह से भरा हूं। इस्राएल प्रदेश की जनता ने तेरे विधान को भुला दिया। तेरी वेदियों को तोड़ दिया। तेरे नबियों को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। मैं, केवल मैं बचा हूं! लोग मेरे प्राण की भी खोज में है।’
अहाब ने एलियाह से कहा, ‘ओ मेरे शत्रु! तू मुझसे फिर मिलने आ गया?’ एलियाह ने उत्तर दिया, ‘मैं आपसे इसलिए मिलने आया हूं, क्योंकि आपने प्रभु की दृष्टि में दुष्कर्म किया है, और अपनी आत्मा को बेच दिया है।
इस्राएल प्रदेश के राजा ने यहोशाफट को बताया, ‘यहां एक आदमी है। उससे हम प्रभु का वचन प्राप्त कर सकते हैं। उसका नाम मीकायाह बेन-यिम्लाह है। पर मैं उससे घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विषय में कभी शुभ नबूवत नहीं करता, वरन् सदा अशुभ ही कहता है।’ यहोशाफट ने कहा, ‘महाराज, ऐसा मत बोलिए।’
यहोराम ने येहू को देखा। वह उससे बोला, ‘येहू, सब कुशल-मंगल तो है?’ येहू ने उत्तर दिया, ‘जब तक तुम्हारी माता ईजेबेल के द्वारा संचालित पूजा-स्थानों से संबंधित वेश्यालय उपस्थित हैं और देश में इतना जादू-टोना होता है, तब तक कुशल-मंगल का प्रश्न ही नहीं उठता।’
किन्तु मीकायाह ने कहा, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! जो वचन परमेश्वर मुझसे कहेगा, वही मैं बोलूंगा।’
किन्तु यहोशाफट ने पूछा, ‘क्या यहां प्रभु का कोई नबी नहीं है, जिससे हम प्रभु का वचन प्राप्त करें?’
इस्राएल प्रदेश के राजा ने एक खोजा-अधिकारी को बुलाया, और उससे कहा, ‘मीकायाह बेन-यिम्लाह को अविलम्ब लाओ।’
शत्रु की धमकी और दुष्ट के दमन के कारण मैं व्याकुल रहता हूँ। वे मुझ पर विपत्ति ढाहते हैं, और क्रोध में मेरे प्रति शत्रुभाव रखते हैं।
कीच-दलदल से मुझे मुक्त कर, कि मैं धंस न जाऊं; मेरे बैरियों से, गहरे सागर से, मुझे मुक्त कर।
डांट-डपट को माननेवाले मनुष्य के कान में ताड़ना के शब्द वैसे ही कीमती होते हैं, जैसे सोने की बाली अथवा स्वर्ण आभूषण।
खून के प्यासे लोग उस मनुष्य से घृणा करते हैं, जो निष्कलंक है; दुर्जन उसके प्राण की खोज में रहता है।
अत: हंसी उड़ाने वाले को चेतावनी मत दो; अन्यथा वह तुमसे घृणा करेगा, बल्कि बुद्धिमान को उसकी भूल के लिए डांटो; वह तुमसे प्रेम करेगा।
ये द्रष्टाओं को आदेश देते हैं: “परमेश्वर के दर्शन मत देखो;” और दर्शियों से कहते हैं, “जो कटु सत्य है उसकी नबूवत हम से मत करो। हमें मीठी-मीठी बातें सुनाओ, हमसे मिथ्या भविष्यवाणी कहो।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
उच्चाधिकारियों ने राजा से कहा, ‘इस आदमी को अवश्य मार डालना चाहिए; क्योंकि यह नगर में बचे हुए सैनिकों का मनोबल घटा रहा है। वह अपनी इन बातों से नगरवासियों की हिम्मत तोड़ रहा है। इस आदमी को अपने लोगों के हित की चिंता नहीं है, बल्कि यह उनका अनिष्ट खोज रहा है।’
जो व्यक्ति कचहरी में सच्चाई से न्याय करता है, उससे तुम घृणा करते हो; और जो सच बोलता है, उससे नफरत।
प्रभु कहता है, ‘ओ याकूब के वंशजो, क्या मनुष्य मुझ से यह प्रश्न पूछ सकता है, “क्या प्रभु का आत्मा धीरज खो बैठा है? क्या यह उसके कार्य हैं? क्या सदाचारी के प्रति उसके वचन हितकर नहीं होते?”
राजा ने तुरन्त जल्लाद को भेज कर योहन का सिर ले आने का आदेश दिया। वह गया। उस ने बन्दीगृह में उनका सिर काटा
धन्य हो तुम, जब मानव-पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, तुम्हारा बहिष्कार और अपमान करेंगे, और तुम्हारा नाम घृणित समझ कर निकाल देंगे!
यदि मैंने उनके सामने वे महान् कार्य नहीं किये होते, जिन्हें किसी और ने कभी नहीं किया, तो उन्हें पाप नहीं लगता। परन्तु अब तो उन्होंने देख कर भी मुझ से और मेरे पिता से बैर किया है।
संसार तुम से बैर नहीं कर सकता; किन्तु वह मुझ से बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विषय में यह साक्षी देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं।