यूसुफ ने अपने कर्मचारियों, वैद्यों को आदेश दिया कि वे उसके पिता के शव पर मसाले का लेप लगाएँ। वैद्यों ने शव पर मसाले का लेप लगाया।
2 इतिहास 16:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अपने राज्य-काल के उन्तालीसवें वर्ष में उसके पैरों में रोग हो गया। यह रोग बढ़कर घातक हो गया। अपनी इस बीमारी में भी उसने प्रभु को नहीं ढूंढ़ा, बल्कि वैद्यों से इलाज करवाया। पवित्र बाइबल आसा का पैर उसके राज्यकाल के उनतालीसवें वर्ष में रोगग्रस्त हो गया। उसका रोग बहुत बुरा था किन्तु उसने यहोवा से सहायाता नहीं चाही। आसा ने वैद्यों से सहायता चाही। Hindi Holy Bible अपने राज्य के उनतीसवें वर्ष में आसा को पांव का रोग हुआ, और वह रोग अत्यन्त बढ़ गया, तौभी उसने रोगी हो कर यहोवा की नहीं वैद्यों ही की शरण ली। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपने राज्य के उनतालीसवें वर्ष में आसा को पाँव का रोग हुआ, और वह रोग अत्यन्त बढ़ गया, तौभी उसने रोगी होकर यहोवा की नहीं वैद्यों ही की शरण ली। सरल हिन्दी बाइबल उसके शासनकाल के उनचालीसवें साल में आसा के पैरों में कोई रोग लग गया. यह बहुत गंभीर रोग था; फिर भी अपनी रोगी हालत में उसने याहवेह की खोज नहीं कि वह सिर्फ वैद्यों पर आश्रित रहा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपने राज्य के उनतालीसवें वर्ष में आसा को पाँव का रोग हुआ, और वह रोग बहुत बढ़ गया, तो भी उसने रोगी होकर यहोवा की नहीं वैद्यों ही की शरण ली। |
यूसुफ ने अपने कर्मचारियों, वैद्यों को आदेश दिया कि वे उसके पिता के शव पर मसाले का लेप लगाएँ। वैद्यों ने शव पर मसाले का लेप लगाया।
उसने मार्ग-दर्शन के लिए प्रभु से नहीं पूछा था। अत: प्रभु ने उसका वध कर दिया, और उसका राज्य दाऊद बेन-यिशय को सौंप दिया।
यों वह अपने राज्य-काल के इकतालीसवें वर्ष में मर गया। आसा अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया।
सम्पूर्ण पृथ्वी पर प्रभु की दृष्टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्कलंक हृदय से प्रभु पर विश्वास करते हैं। किन्तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’
प्रभु यों कहता है : ‘वह मनुष्य शापित है, जो आदमी पर भरोसा करता है, जो हाड़-मांस के पुतले का सहारा लेता है, जिसका हृदय प्रभु से भटक जाता है।
क्या गिलआद प्रदेश की बलसान औषधि समाप्त हो गई? क्या वहां अब वैद्य भी नहीं रहे? तब मेरे लोगों के घाव क्यों नहीं भर रहे हैं?
जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जाएगा।
येशु ने यह सुन कर उन से कहा, “निरोगों को नहीं, किन्तु रोगियों को वैद्य की आवश्यकता होती है।
येशु ने यह सुनकर उन से कहा, “निरोगों को नहीं, बल्कि रोगियों को वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”
अनेकानेक वैद्यों के इलाज के कारण उसे बहुत कष्ट सहना पड़ा था और सब कुछ खर्च करने पर भी उसे कोई लाभ नहीं हुआ था, बल्कि उसकी दशा और भी बिगड़ गयी थी।
मैं जिन से प्रेम करता हूँ, उन्हें डाँटता और दण्डित करता हूँ। इसलिए उत्साही बनो और पश्चात्ताप करो।