यहोशाफट ने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में अपनी जनता को प्रभु की व्यवस्था सिखाने के लिए उच्चाधिकारियों को यहूदा प्रदेश के सब नगरों में भेजा। उच्चाधिकारी ये थे : बेन्हईल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनएल और मीकायाह।
2 इतिहास 15:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘बहुत समय तक इस्राएली लोग सच्चे परमेश्वर, धर्मशिक्षक, पुरोहित और व्यवस्था से वंचित रहे। पवित्र बाइबल बहुत समय तक इस्राएल सच्चे परमेश्वर के बिना था और वे शिक्षक याजक और नियम के बिना थे। Hindi Holy Bible बहुत दिन इस्राएल बिना सत्य परमेश्वर के और बिना सिखाने वाले याजक के और बिना व्यवस्था के रहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बहुत दिन इस्राएल बिना सत्य परमेश्वर के और बिना सिखानेवाले याजक के और बिना व्यवस्था के रहा। सरल हिन्दी बाइबल लंबे समय से इस्राएल बिना किसी सच्चे परमेश्वर, बिना किसी शिक्षा देनेवाले पुरोहित और बिना किसी व्यवस्था के रहता आया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 बहुत दिन इस्राएल बिना सत्य परमेश्वर के और बिना सिखानेवाले याजक के और बिना व्यवस्था के रहा। |
यहोशाफट ने अपने राज्य के तीसरे वर्ष में अपनी जनता को प्रभु की व्यवस्था सिखाने के लिए उच्चाधिकारियों को यहूदा प्रदेश के सब नगरों में भेजा। उच्चाधिकारी ये थे : बेन्हईल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनएल और मीकायाह।
जब लोगों ने व्यवस्था के शब्द सुने तब वे रोने लगे। राज्यपाल नहेम्याह, पुरोहित एवं शास्त्री एज्रा तथा समाज के धर्म-शिक्षक उपपुरोहितों ने समस्त इस्राएली जन-समूह से कहा, ‘आज का दिन हमारे प्रभु परमेश्वर के लिए पवित्र है; इसलिए शोक मत मनाओ, और न रोओ।’
किन्तु प्रभु ही सच्चा ईश्वर है। वह जीवंत परमेश्वर है, और शाश्वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्ति किसी राष्ट्र में नहीं है।
उसके प्रवेश-द्वार भूमि में धंस गए; प्रभु ने उसकी अर्गलाएँ टुकड़े-टुकड़े कर दीं। उसका राजा और प्रशासक विदेशी राष्ट्रों में निर्वासित हैं। व्यवस्था की मान्यता नहीं रहीं; नबियों को प्रभु की ओर से दर्शन नहीं मिलता।
इसी प्रकार इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा के निवास करेंगे। न उनका कोई शासक होगा, और न वे बलि चढ़ा सकेंगे। उनके न पूजा-स्तम्भ होंगे, और न एपोद और न गृह-देवताओं की मूर्तियाँ।
तुम्हें इस्राएली समाज को वे सब संविधियाँ सिखाना है, जिन्हें मैंने मूसा के द्वारा इस्राएलियों को बतलाया है।’
स्वामी-प्रभु यह कहता है: ‘देखो, वह समय आ रहा है जब मैं तुम्हारे देश पर अकाल भेजूंगा; पर यह अकाल न रोटी का होगा, और न पीने के पानी का, वरन् प्रभु के शब्दों का अकाल! लोग प्रभु का शब्द सुनने को तरसेंगे।
तुम्हारे अगुए घूस लेकर न्याय करते, पुरोहित पैसे लेकर धर्म की बातें सिखाते, और नबी धन के लिए शकुन विचारते हैं; फिर भी वे प्रभु का सहारा लेते, और यह कहते हैं, ‘निस्सन्देह प्रभु हमारे मध्य है! हम विपत्ति में नहीं पड़ेंगे।’
‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए। पुरोहित स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्देशवाहक है।
वे तुझे, एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और येशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जान लें− यही शाश्वत जीवन है।
जो मूसा की व्यवस्था के अधीन नहीं थे, यदि उन्होंने पाप किया होगा, तो वे बिना व्यवस्था के नष्ट हो जायेंगे; और जिन्होंने व्यवस्था के अधीन रह कर पाप किया होगा, उनका व्यवस्था के अनुसार न्याय किया जायेगा।
जो लोग व्यवस्था के अधीन नहीं हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए मैं उनके-जैसा व्यवस्था-विहीन बना, यद्यपि मसीह की व्यवस्था के अधीन होने के कारण मैं वास्तव में परमेश्वर की व्यवस्था से स्वतन्त्र नहीं हूँ।
वह याकूब को तेरे न्याय-सिद्धान्त, और इस्राएल को तेरी व्यवस्था सिखाएगा। वह तेरे सम्मुख धूप-द्रव्य जलाएगा, और तेरी वेदी पर सम्पूर्ण अग्नि-बलि रखेगा।
लोग स्वयं हमें बताते हैं कि आप के यहाँ हमारा कैसा स्वागत हुआ और आप किस प्रकार देवमूर्तियाँ छोड़ कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हुए, जिससे आप सच्चे तथा जीवन्त परमेश्वर के सेवक बनें
धर्माध्यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्दनीय, पत्नीव्रती, संयमी, समझदार, भद्र, अतिथिप्रेमी और कुशल शिक्षक हो।
हम जानते हैं कि परमेश्वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्चे परमेश्वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्चे परमेश्वर में निवास करते हैं; क्योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्चा परमेश्वर और शाश्वत जीवन है।