जब इस्राएली जनता ने देखा कि राजा ने उसकी बात नहीं सुनी, तब लोगों ने राजा को यह उत्तर दिया : ‘दाऊद के राज्य में हमारा क्या भाग? यिशय की पुत्र की सत्ता में हमारा पैतृक अधिकार नहीं। ओ इस्राएली जाति, लौट जा अपने शिविर को! अरे दाऊद, अब संभाल अपने घर को।’ इस पर सब इस्राएली लोग अपने-अपने घर चले गए।
हमारे पूर्वजों के समय से आज तक हम घोर दुष्कर्म करते आए हैं; अपने इन्हीं दुष्कर्मों के कारण हम, हमारे राजा और हमारे पुरोहित विदेशी राजाओं के हाथ में पड़ गए। हमें तलवार से मौत के घाट उतारा गया, हमारी सम्पत्ति को लूटा गया, हमें गुलाम बनाकर निष्कासित किया गया, हमारी दयनीय दशा की गई, जो आज तक है।
‘ओ मानव, तू लकड़ी की एक पट्टी ले, और उस पर यह लिख : “यह पट्टी यहूदा की और उसके साथी इस्राएल की सन्तान की है।” इसके बाद तू दूसरी पट्टी लेना, और उस पर यह लिखना : “यह पट्टी यूसुफ की अर्थात् एफ्रइम की तथा उसके साथी समस्त इस्राएल वंशियों की है।”