तब हम-सब जाएंगे और परमेश्वर की मंजूषा को अपने पास ले आएंगे। हमने राजा शाऊल के राज्य-काल में मंजूषा की ओर ध्यान नहीं दिया था।’
1 शमूएल 7:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मंजूषा किर्यत-यआरीम नगर में बहुत समय तक, प्राय: बीस वर्ष तक रही। इस्राएल के सब कुल प्रभु के दर्शन के लिए तरसने लगे। पवित्र बाइबल सन्दूक किर्यत्यारीम में बहुत समय तक रखा रहा। यह वहाँ बीस वर्ष तक रहा। इस्राएल के लोग फिर यहोवा का अनुसरण करने लगे। Hindi Holy Bible किर्यत्यारीम में रहते रहते सन्दूक को बहुत दिन हुए, अर्थात बीस वर्ष बीत गए, और इस्राएल का सारा घराना विलाप करता हुआ यहोवा के पीछे चलने लगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) किर्यत्यारीम में सन्दूक को रखे हुए बहुत दिन हुए, अर्थात् बीस वर्ष बीत गए, और इस्राएल का सारा घराना विलाप करता हुआ यहोवा के पीछे चलने लगा। सरल हिन्दी बाइबल लंबे समय तक लगभग बीस वर्ष तक, संदूक किरयथ-यआरीम में ही रहा. अब सारे इस्राएल राष्ट्र को याहवेह की चाह होने लगी थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 किर्यत्यारीम में सन्दूक को रखे हुए बहुत दिन हुए, अर्थात् बीस वर्ष बीत गए, और इस्राएल का सारा घराना विलाप करता हुआ यहोवा के पीछे चलने लगा। |
तब हम-सब जाएंगे और परमेश्वर की मंजूषा को अपने पास ले आएंगे। हमने राजा शाऊल के राज्य-काल में मंजूषा की ओर ध्यान नहीं दिया था।’
अत: दाऊद ने किर्यत-यहारीम नगर से परमेश्वर की मंजूषा लाने के लिए इस्राएली कुलों के सब पुरुषों को एकत्र किया। उसने मिस्र देश की सीमा शीहोर नदी से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक के भूमि-क्षेत्रों में रहने वाले सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया।
वहां एक और मनुष्य था। वह प्रभु के नाम में नबूवत करता था। उसका नाम ऊरीयाह बेन-शमायाह था। वह किर्यत्यरीम गांव का रहनेवाला था। ऊरीयाह ने भी नबी यिर्मयाह के समान, उन्हीं के शब्दों में इस नगर तथा इस प्रदेश के विरुद्ध नबूवत की।
केवल तू अपने दुष्कर्म को स्वीकार कर, कि तूने मुझ-प्रभु परमेश्वर से विद्रोह किया था, और यहां-वहां हरएक हरे वृक्ष के नीचे अन्य देवताओं की पूजा की थी, और यों तूने मेरे आदेशों को नहीं माना,’ प्रभु ने यह कहा है।
वे आनन्द के आंसू बहाते हुए आएंगे; और मैं उनको शान्ति देता हुआ उनका मार्ग-दर्शन करूंगा। मैं उनको झरनों के किनारे चलाता हुआ लाऊंगा, उनको सीधे मार्ग से ले जाऊंगा, जहां वे लड़खड़ा कर नहीं गिरेंगे; क्योंकि मैं इस्राएली कौम का पिता हूं, और एफ्रइम मेरा ज्येष्ठ पुत्र है।’
इस्राएलियों ने प्रस्थान किया, और वे तीन दिन के पश्चात् उनके नगरों में पहुँच गए। उनके ये नगर थे : गिब्ओन, कपीराह, बएरोत और किर्यत-यआरीम।
जब प्रभु के दूत ने ये बातें समस्त इस्राएली समाज से कहीं तब वे ऊंचे स्वर में रोने लगे।
किर्यत-यआरीम नगर के लोग आए। वे प्रभु की मंजूषा उठाकर चले गए। वे उसको लेकर अबीनादब के घर में लाए, जो पहाड़ी पर स्थित था। उन्होंने प्रभु की मंजूषा का उत्तरदायित्व संभालने के लिए उसके पुत्र एलआजर को पुरोहित पद पर प्रतिष्ठित किया।
तब शमूएल ने इस्राएल के कुलों से यह कहा, ‘यदि तुम हृदय से प्रभु की ओर लौट रहे हो तो दूसरी जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ, और अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्य से दूर करो। अपने हृदय को प्रभु की ओर स्थिर रखो! केवल उसी की आराधना करो। तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से मुक्त करेगा।’