यारोबआम ने अपने हृदय में कहा, ‘स्थिति ऐसी है कि राज्य दाऊद के राजपरिवार की ओर लौट सकता है।
1 शमूएल 27:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद ने अपने हृदय में कहा, ‘एक दिन शाऊल के हाथ से मेरा वध अवश्य होगा। इसलिए मेरा हित इस बात में है कि मैं पलिश्ती देश को भाग जाऊं। तब शाऊल इस्राएली राष्ट्र की सीमा के भीतर मेरी खोज करना बन्द कर देगा। मैं उसके हाथ से बच निकलूंगा।’ पवित्र बाइबल किन्तु दाऊद ने अपने मन में सोचा, “शाऊल मुझे किसी दिन पकड़ लेगा। सर्वोत्तम बात मैं यही कर सकता हूँ कि पलिश्तियों के देश में बच निकलूँ। तब शाऊल मेरी खोज इस्राएल में बन्द कर देगा। इस प्रकार मैं शाऊल से बच निकलूँगा।” Hindi Holy Bible और दाऊद सोचने लगा, अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नाश हो जाऊंगा; अब मेरे लिये उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियों के देश में भाग जाऊं; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूढ़ेगा, यों मैं उसके हाथ से बच निकलूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद सोचने लगा, “अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नष्ट हो जाऊँगा; अब मेरे लिये उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियों के देश में भाग जाऊँ; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूँढ़ेगा, यों मैं उसके हाथ से बच निकलूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल इस समय दावीद के मन में एक ही विचार बार-बार उठ रहा था, “एक न एक दिन शाऊल के हाथों से मेरी हत्या तय है, तब इससे उत्तम विकल्प और क्या हो सकता है कि फिलिस्तिया देश को भाग जाऊं. परिणाम यह होगा कि शाऊल निराश हो इस्राएल राष्ट्र के किसी भी भाग में मेरी खोज करना छोड़ देंगे, और में उनसे सुरक्षित रह सकूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद सोचने लगा, “अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नष्ट हो जाऊँगा; अब मेरे लिये उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियों के देश में भाग जाऊँ; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूँढ़ेगा, तब मैं उसके हाथ से बच निकलूँगा।” |
यारोबआम ने अपने हृदय में कहा, ‘स्थिति ऐसी है कि राज्य दाऊद के राजपरिवार की ओर लौट सकता है।
अत: राजा यारोबआम ने सोच-विचार किया। तत्पश्चात् उसने बछड़े की दो स्वर्ण प्रतिमाएं बनाईं, और लोगों से यह कहा, ‘ओ इस्राएल प्रदेश के नागरिको! तुम बहुत बार यरूशलेम जा चुके हो। अब देखो! यह है तुम्हारा ईश्वर, जिसने तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था।’
एलियाह डर गए। वह उठे और प्राण बचा कर भागे। वह यहूदा प्रदेश के बएर-शेबा नगर में आए। वहाँ उन्होंने अपने सेवक को छोड़ दिया,
तब यहूदा प्रदेश के राजा अमस्याह ने अपने सलाहकारों से सलाह की और इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश के पास दूत भेजे। यहोआश येहू का पौत्र और यहोआहाज का पुत्र था। अमस्याह ने उसको यह सन्देश भेजा : ‘आओ, हम युद्ध में अपनी शक्ति आजमाएँ।’
क्या हमने आपसे मिस्र देश में यह नहीं कहा था, “हमारे पास से चले जाइए; हमें मिस्र-निवासियों की गुलामी करने दीजिए?” हमारे लिए यह अच्छा होता कि हम निर्जन प्रदेश में मरने की अपेक्षा मिस्र-निवासियों की गुलामी करते।’
जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है तब हृदय उदास हो जाता है; पर इच्छा की पूर्ति का अर्थ है : जीवन-वृक्ष!
प्रभु कहता है : ‘मैं, मैं ही वह हूं, जो तुझे शांति देता है। तब तू नश्वर मनुष्य से, घास के समान तत्काल सूख जानेवाले इन्सान से क्यों डरता है?
क्यों प्रभु हमें उस देश में ले जाना चाहता है? क्या तलवार से मार डालने के लिए? वे हमारी पत्नियों और बच्चों को हम से लूट लेंगे। यह हमारे लिए अच्छा है कि हम मिस्र देश को लौट जाएँ।’
येशु ने तुरन्त हाथ बढ़ा कर उसे थाम लिया और कहा, “अल्प-विश्वासी! तुम ने संदेह क्यों किया”
उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “तुम क्यों डरते हो? क्या तुम्हें अब तक विश्वास नहीं है?”
जब हम मकिदुनिया पहुँचे, तो हमारे शरीर को कोई विश्राम नहीं मिल रहा था। हम हर तरह से कष्टों से घिर रहे थे। हमारे चारों ओर संघर्ष थे और हमारे अन्दर आशंकाएँ थीं।
प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘जब मैंने शाऊल को इस्राएलियों के राजा के रूप में अस्वीकार कर दिया है, तब तू कब तक शाऊल के लिए शोक करता रहेगा? कुप्पी में तेल भर और चल। मैं तुझे बेतलेहम नगर के रहने वाले यिशय के पास भेजूँगा। मैंने उसके पुत्रों में से एक को अपने लिए राजा निश्चित किया है।’
तब शमूएल ने कुप्पी का तेल लिया, और उससे भाइयों के मध्य में दाऊद का अभिषेक किया। प्रभु का आत्मा अतिवेग से दाऊद पर उतरा, और उस दिन से वह उसमें निवास करने लगा। शमूएल उठा। वह रामाह नगर को चला गया।
दाऊद ने शपथ खाई। उसने कहा, ‘तुम्हारे पिता यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि मैंने तुम्हारी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है। वह यह सोचते हैं : योनातन को निश्चय ही इस बात का पता नहीं चलना चाहिए। अन्यथा उसे दु:ख होगा। जैसे यह सच है कि प्रभु जीवित है और तुम जीवित हो, वैसे ही मेरी बात भी सच है : मेरे और मृत्यु के बीच केवल एक कदम का अन्तर रह गया है।’
नबी गाद ने दाऊद से कहा, ‘गढ़ में मत रहो। जाओ! यहूदा प्रदेश में चले जाओ।’ इसलिए दाऊद वहाँ से चला गया। वह हेरेत के जंगल में आया।
योनातन ने उससे कहा, ‘मत डरो! मेरे पिता का हाथ तुम तक नहीं पहुंच सकेगा। तुम ही इस्राएली राष्ट्र पर राज्य करोगे। मैं तुमसे पद में गौण रहूंगा। मेरे पिता शाऊल भी यह बात जानते हैं।’
आपके लिए जिन भले कार्यों को करने की प्रतिज्ञा प्रभु ने आपसे की है, उनको जब वह समाप्त कर लेगा, और जब वह इस्राएली राष्ट्र पर शासन करने के लिए आपको अगुए के रूप में नियुक्त कर देगा,
अब, महाराज, मेरे स्वामी, अपने सेवक की यह बात ध्यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्वीकार करे। परन्तु यदि उकसाने वाले मनुष्य हैं, तो वे प्रभु के सम्मुख अभिशप्त हों! उन्होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्पत्ति का हिस्सेदार न बनूं। उन्होंने मुझसे कहा, “जा, अन्य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”
पलिश्ती सामन्त सौ-सौ सैनिक-दल और हजार-हजार सैनिक दल में पड़ाव से निकल रहे थे। सेना के अन्त-भाग में आकीश के साथ दाऊद और उसके सैनिक निकले।
पलिश्ती सेना-नायकों ने पूछा, ‘ये इब्रानी सैनिक यहां क्या कर रहे हैं?’ आकीश ने सेना-नायकों को उत्तर दिया, ‘यह दाऊद है, इस्राएलियों के राजा शाऊल का सेवक! यह एक-दो वर्ष से मेरे साथ है। जब से यह शाऊल को छोड़कर मेरे पास आ गया है, तब से आज तक मैंने इसमें सन्देह की कोई बात नहीं पाई।’