पर तूने मुझ-प्रभु के वचन का तिरस्कार क्यों किया? जो कार्य मेरी दृष्टि में बुरा है, उसको तूने क्यों किया? तूने तलवार से ऊरियाह हित्ती की हत्या करवा दी, और उसकी पत्नी को छीनकर अपनी पत्नी बना लिया। तूने अम्मोनी सैनिकों की तलवार से ऊरियाह का वध कर दिया।
युद्ध-सेवा के योग्य पुरुषों की जनगणना करने के बाद दाऊद के हृदय ने उसे इस कार्य के लिए फटकारा। अत: उसने प्रभु से कहा, ‘मैंने यह कार्य कर महापाप किया। प्रभु, कृपाकर, अपने सेवक पर से यह अधर्म का बोझ दूर कर। मैं बड़ी मूर्खता का कार्य कर बैठा।’
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने प्रभु के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने यह सुना कि मैंने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध यह कहा है, कि मैं उनको घृणा और उपहास का पात्र बना दूंगा। तब तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु, यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
अबीशय ने दाऊद से कहा, ‘आज परमेश्वर ने आपके शत्रु को आपके हाथ में सौंप दिया है। अब मुझे अनुमति दीजिए कि मैं भाले के एक वार से उसको भूमि में बेध दूं। मुझे उस पर दूसरी बार प्रहार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।’