इसके पश्चात् दाऊद ने प्रभु से यह पूछा, ‘क्या मैं यहूदा प्रदेश के किसी नगर में जा सकता हूँ?’ प्रभु ने उसको उत्तर दिया, ‘जा।’ दाऊद ने फिर पूछा, ‘मैं किस नगर में जाऊं?’ प्रभु ने कहा, ‘हेब्रोन नगर को जा।’
1 शमूएल 23:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: दाऊद ने प्रभु से यह पूछा ‘क्या मैं जाऊं और इन पलिश्तियों पर आक्रमण करूँ?’ प्रभु ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘जा, और पलिश्तियों पर आक्रमण कर। कईलाह नगर को बचा’ पवित्र बाइबल दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं जाऊँ और इन पलिश्तियों से लड़ूँ?” यहोवा ने दाऊद को उत्तर दिया, “जाओ और पलिश्तियों पर आक्रमण करो। कीला को बचाओ।” Hindi Holy Bible तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, कि क्या मैं जा कर पलिश्तियों को मारूं? यहोवा ने दाऊद से कहा, जा, और पलिश्तियों को मार के कीला को बचा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं जाकर पलिश्तियों को मारूँ?” यहोवा ने दाऊद से कहा, “जा, और पलिश्तियों को मार के कीला को बचा।” सरल हिन्दी बाइबल तब दावीद ने याहवेह से पूछा, “क्या में जाकर इन फिलिस्तीनियों से युद्ध करूं?” याहवेह ने दावीद को उत्तर दिया, “जाओ, फिलिस्तीनियों का संहार करो, और काइलाह नगर को मुक्त करो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं जाकर पलिश्तियों को मारूँ?” यहोवा ने दाऊद से कहा, “जा, और पलिश्तियों को मार के कीला को बचा।” |
इसके पश्चात् दाऊद ने प्रभु से यह पूछा, ‘क्या मैं यहूदा प्रदेश के किसी नगर में जा सकता हूँ?’ प्रभु ने उसको उत्तर दिया, ‘जा।’ दाऊद ने फिर पूछा, ‘मैं किस नगर में जाऊं?’ प्रभु ने कहा, ‘हेब्रोन नगर को जा।’
दाऊद ने प्रभु से पूछा, ‘क्या मैं पलिश्तियों पर आक्रमण करूँ? क्या तू उन्हें मेरे हाथ में सौंप देगा?’ प्रभु ने दाऊद से कहा, ‘आक्रमण कर। मैं निश्चय ही पलिश्तियों को तेरे हाथ में सौंप दूँगा।’
दाऊद ने प्रभु से पूछा। प्रभु ने उससे कहा, ‘तू सामने से आक्रमण मत करना; बल्कि उनके पीछे से उन्हें घेरना, और मोखा वृक्षों के सामने से उन पर हमला करना।
दाऊद ने परमेश्वर से पूछा, ‘क्या मैं पलिश्तियों पर आक्रमण करूं? क्या तू उन्हें मेरे हाथ में सौंप देगा?’ प्रभु ने दाऊद से कहा, ‘आक्रमण कर। मैं पलिश्तियों को तेरे हाथ में सौंप दूंगा।’
प्रभु यह कहता है: “मैं तेरी अगुआई कर तुझे वह मार्ग सिखाऊंगा जिस पर तुझे चलना चाहिए; मैं तुझे परामर्श दूंगा। मेरी आंखें तुझ पर लगी रहेंगी।”
हे प्रभु, मैं यह जानता हूं कि मनुष्य का आचरण उसके वश में नहीं है; मनुष्य के कदम उसकी इच्छा से नहीं उठते।
वह पुरोहित एलआजर के सम्मुख खड़ा हुआ करेगा, जो प्रभु के सम्मुख ऊरीम की न्याय-विधि के द्वारा उसके लिए मेरी इच्छा पूछा करेगा। उसके आदेश के अनुसार समस्त मंडली, समस्त इस्राएली लोग उसके मार्गदर्शन में बाहर जाएंगे और उसी के मार्गदर्शन में लौटेंगे।’
अत: इस्राएली सैनिकों ने उनका भोजन स्वीकार किया। उन्होंने भोजन स्वीकार करने के पूर्व प्रभु का निर्देश नहीं मांगा।
इस्राएली लोगों ने यहोशुअ की मृत्यु के पश्चात् प्रभु से यह पूछा : ‘हममें से कौन कुल सर्वप्रथम कनान देश के निवासियों पर चढ़ाई करेगा, और उनसे युद्ध करेगा?’
उन्होंने प्रभु से फिर पूछा, ‘क्या वह यहाँ आया है?’ प्रभु ने उत्तर दिया, ‘देखो, उसने स्वयं को सामान में छिपा लिया है।’
शाऊल ने परमेश्वर से पूछा, ‘क्या मैं पलिश्ती सेना का पीछा करूँ? क्या तू उनको इस्राएल के हाथ में सौंप देगा?’ परन्तु प्रभु ने उस दिन उसको उत्तर नहीं दिया।
किन्तु दाऊद के सैनिकों ने उससे कहा, ‘देखिए! हम यहाँ यहूदा प्रदेश में रहते हुए भी पलिश्ती सैनिकों से डरते हैं। अब यदि हम कईलाह नगर जाकर पलिश्ती सेना से युद्ध करेंगे तो क्या हमें और अधिक डर नहीं लगेगा?’
दाऊद ने प्रभु से फिर पूछा। प्रभु ने उसे उत्तर दिया, ‘उठ! कईलाह नगर को जा! मैं पलिश्ती सैनिकों को तेरे हाथ में सौंप दूँगा’
अब, अहीमेलक के पुत्र पुरोहित एबयातर ने जब दाऊद की शरण ली तब वह हाथ में एपोद लेकर कईलाह नगर को गया।
तब दाऊद ने प्रभु से पूछा, ‘क्या मैं छापामार दल का पीछा करूं? क्या मैं उसको जाकर पकड़ूँ?’ प्रभु ने उसे उत्तर दिया, ‘पीछा कर। तू उसको निश्चय ही जाकर पकड़ लेगा। तू निश्चय ही बन्दियों को मुक्त करेगा।’