‘इन पशुओं के कारण तुम अशुद्ध होगे। इनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
1 शमूएल 20:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शाऊल ने उस दिन कुछ नहीं कहा। उसने हृदय में कहा, ‘शायद दाऊद को कुछ हो गया है। वह आज शुद्ध नहीं होगा! हाँ, निश्चय ही वह अशुद्ध होगा।’ पवित्र बाइबल उस दिन शाऊल ने कुछ नहीं कहा। उसने सोचा, “सम्भव है दाऊद को कुछ हुआ हो और वह शुद्ध न हो।” Hindi Holy Bible उस दिन तो शाऊल यह सोचकर चुप रहा, कि इसका कोई न कोई कारण होगा; वह अशुद्ध होगा, नि:सन्देह शुद्ध न होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस दिन तो शाऊल यह सोचकर चुप रहा, कि इसका कोई न कोई कारण होगा; वह अशुद्ध होगा, नि:सन्देह शुद्ध न होगा। सरल हिन्दी बाइबल शाऊल ने इस विषय में कोई प्रश्न नहीं किया; इस विचार में “उसके साथ अवश्य कुछ हो गया है; वह सांस्कारिक रूप से आज अशुद्ध होगा. हां, वह अशुद्ध ही होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस दिन तो शाऊल यह सोचकर चुप रहा, कि इसका कोई न कोई कारण होगा; वह अशुद्ध होगा, निःसन्देह शुद्ध न होगा। |
‘इन पशुओं के कारण तुम अशुद्ध होगे। इनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
चार पैरों पर चलने वाले सब पशुओं में से पंजों पर चलने-वाले पशु तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं। उनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
ये तुम्हारे लिए सब रेंगने वाले जन्तुओं में अशुद्ध हैं। इनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
उसकी लोथ को खानेवाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। उसकी लोथ को ले जाने वाला व्यक्ति भी अपने वस्त्र धोएगा और वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
जो मनुष्य उसकी शय्या का स्पर्श करेगा, वह अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
जो मैदान में तलवार से मारे गए अथवा स्वाभाविक मृत्यु से मरे हुए व्यक्ति को या किसी मनुष्य की अस्थि को, अथवा कबर को स्पर्श करेगा, वह सात दिन अशुद्ध रहेगा।
शमूएल ने उत्तर दिया, ‘हाँ, मित्रभाव से। मैं प्रभु के लिए बलि चढ़ाने आया हूँ। तुम अपने आप को शुद्ध करो, और बलि चढ़ाने के लिए मेरे साथ चलो।’ यों शमूएल ने यिशय और उसके पुत्रों को शुद्ध किया और उन्हें बलि-भोज के लिए निमन्त्रित किया।
नवचन्द्र पर्व के दूसरे दिन भी दाऊद का स्थान खाली था। शाऊल ने अपने पुत्र योनातन से पूछा, ‘कल भी और आज भी यिशय का पुत्र भोजन करने नहीं आया? क्यों?’