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1 शमूएल 2:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसके अतिरिक्‍त पुरोहित का सेवक चर्बी जलाने के पूर्व बलि चढ़ाने वाले व्यक्‍ति के पास आता, और उससे यह कहता था, ‘भूंजने के लिए पुरोहित का मांस दो। वह तुमसे पका हुआ मांस नहीं, वरन् कच्‍चा मांस लेंगे।’

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पवित्र बाइबल

किन्तु एली के पुत्रों ने यह नहीं किया। चर्बी को वेदी पर जलाये जाने के पहले ही उनके सेवक लोगों के पास बलि—भेंट करते जाते थे। याजक के सेवक कहा करते थे, “याजक को कुछ माँस भूनने के लिये दो। याजक तुमसे उबला हुआ माँस नहीं लेंगे।”

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Hindi Holy Bible

और चर्बी जलाने से पहिले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ाने वाले से कहता था, कि कबाब के लिये याजक को मांस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्चा ही मांस लेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और चर्बी जलाने से पहले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ानेवाले से कहता था, “भूनने के लिये याजक को मांस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्‍चा ही मांस लेगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

यहां तक कि सांस्कारिक रीति से चर्बी के जलाए जाने के पहले ही पुरोहित के सेवक आकर बलि चढ़ाने वाले व्यक्ति को आदेश देते थे, “बर्तन में डाले जाने के पहले ही पुरोहित के लिए निर्धारित मांस हमें कच्चा ही दे दो कि उसे भूनकर प्रयुक्त किया जा सके.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और चर्बी जलाने से पहले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ानेवाले से कहता था, “भूनने के लिये याजक को माँस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्चा ही माँस लेगा।”

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1 शमूएल 2:15
8 क्रॉस रेफरेंस  

मेमने के मांस को कच्‍चा अथवा जल में उबालकर मत खाना, वरन् सिर, पैर और अंतड़ियों सहित उसको अग्‍नि में भूनकर खाना।


पुरोहित इनको वेदी पर जलाएगा। यह आहार प्रभु को अग्‍नि में अर्पित सुखद सुगन्‍ध है। सब चर्बी प्रभु की ही है।


वे हमारे प्रभु मसीह की सेवा नहीं, बल्‍कि अपने पेट की पूजा करते हैं। वे चिकनी-चुपड़ी और खुशामद-भरी बातों से भोले-भाले लोगों को भुलावे में डालते हैं।


उन लोगों का अन्‍त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्‍वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्‍जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्‍तुओं में लगा हुआ है।


ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्‍यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।


जब मांस कड़ाही, देगची, हण्‍डा अथवा हण्‍डी में पकने लगता तब सेवक त्रिशूल को उस में चुभोता था। जो मांस त्रिशूल में लग जाता, वह पुरोहित ले लेता था। शिलोह में आने वाले हरएक इस्राएली के साथ ऐसा ही व्‍यवहार किया जाता था।


यदि बलि चढ़ाने वाला व्यक्‍ति उसको यह उत्तर देता, ‘पहले उन्‍हें चर्बी जला लेने दो। उसके बाद जितना मांस लेने की इच्‍छा हो, उतना ले लेना’, तो सेवक उससे कहता था, ‘नहीं! मुझे अभी कच्‍चा मांस दो। यदि तुम नहीं दोगे तो मैं उसको बल-पूर्वक ले लूँगा।’