किन्तु वह युद्ध में डटा रहा, उसने पलिश्तियों को इतना मारा कि उसका हाथ थक गया और ऐंठ कर तलवार से चिपक गया। उस दिन प्रभु ने उसे महाविजय प्रदान की। यद्यपि इस्राएली सैनिक उसके पास वापस आए, तथापि वे केवल मरे हुए पलिश्तियों को लूटने के लिए आए थे।
1 शमूएल 19:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने अपने प्राण को हथेली पर रखकर पलिश्तियों का वध किया था। यों प्रभु ने समस्त इस्राएली जाति को एक महान विजय प्रदान की। आपने स्वयं उसको देखा, और आनन्द मनाया था। तब आप क्यों निर्दोष व्यक्ति के प्रति पाप करना चाहते हैं? क्यों आप दाऊद की अकारण हत्या करना चाहते हैं?’ पवित्र बाइबल दाऊद अपने जीवन पर खेला था जब उसने पलिश्ती (गोलियत) को मारा था। यहोवा ने सारे इस्राएल के लिये एक बड़ी विजय प्राप्त की थी। आपने उसे देखा और आप उस पर बड़े प्रसन्न थे। आप दाऊद को हानि क्यों पहुँचाना चाहते हैं? वह निरपराध है। उसे मार डालने का कोई कारण नहीं है!” Hindi Holy Bible उसने अपने प्राण पर खेलकर उस पलिश्ती को मार डाला, और यहोवा ने समस्त इस्राएलियों की बड़ी जय कराई। इसे देखकर तू आनन्दित हुआ था; और तू दाऊद को अकारण मारकर निर्दोष के खून का पापी क्यों बने? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने अपने प्राण पर खेलकर उस पलिश्ती को मार डाला, और यहोवा ने समस्त इस्राएलियों की बड़ी जय कराई। इसे देखकर तू आनन्दित हुआ था; और तू दाऊद को अकारण मारकर निर्दोष के खून का पापी क्यों बने?” सरल हिन्दी बाइबल दावीद ने अपने प्राणों पर खेलकर उस फिलिस्तीनी का संहार किया है, जिससे याहवेह ने सारा इस्राएल को उल्लेखनीय छुड़ौती प्रदान की है. स्वयं आपने यह देखा और आप इससे खुश भी हुए. तब अकारण दावीद की हत्या कर आप निर्दोष के लहू के अपराधी क्यों होना चाह रहे हैं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने अपने प्राण पर खेलकर उस पलिश्ती को मार डाला, और यहोवा ने समस्त इस्राएलियों की बड़ी जय कराई। इसे देखकर तू आनन्दित हुआ था; और तू दाऊद को अकारण मारकर निर्दोष के खून का पापी क्यों बने?” |
किन्तु वह युद्ध में डटा रहा, उसने पलिश्तियों को इतना मारा कि उसका हाथ थक गया और ऐंठ कर तलवार से चिपक गया। उस दिन प्रभु ने उसे महाविजय प्रदान की। यद्यपि इस्राएली सैनिक उसके पास वापस आए, तथापि वे केवल मरे हुए पलिश्तियों को लूटने के लिए आए थे।
किन्तु एलआजर खेत के मध्य में खड़ा हो गया। उसने खेत की रक्षा की। उसने पलिश्तियों को मारा। उस दिन प्रभु ने इस्राएलियों की रक्षा की और उन्हें वहां विजय प्रदान की।
तब ये तीन महायोद्धा पलिश्ती पड़ाव को चीरकर बेतहेलम के प्रवेश-द्वार पर पहुंचे। उन्होंने कुएं से पानी खींचा। वे पानी लेकर दाऊद के पास आए। परन्तु दाऊद ने पानी पीने से इनकार कर दिया। उसने पानी को प्रभु के नाम पर अर्पण कर उण्डेल दिया।
उन्हें भी लज्जित न होने देना, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं, परन्तु वे लज्जित हों, जो अकारण विश्वासघात करते हैं।
जो मुझसे अकारण घृणा करते हैं, वे मेरे सिर के बाल से कहीं अधिक हैं; मुझे नष्ट करनेवाले, मुझपर मिथ्या दोष लगानेवाले बलवान हैं। जो मैंने छीना नहीं, क्या उसे लौटाना होगा?
मूसा ने इस्राएलियों से कहा, ‘मत डरो! निश्चिन्त खड़े रहो, और प्रभु का उद्धार-कार्य देखो, जिसे वह आज तुम्हारे लिए करेगा। जिन मिस्र-निवासियों को आज तुम देख रहे हो, उन्हें फिर कभी नहीं देखोगे।
पर यह अच्छी तरह समझ लो कि अगर तुम मुझे प्राण-दण्ड दोगे, तो तुम निर्दोष मनुष्य की हत्या करने के कारण दोषी ठहरोगे, और मेरी हत्या का दोष तुम पर, इस नगर पर और नगर-निवासियों के मत्थे पड़ेगा। क्योंकि यह सच है कि प्रभु ने मुझे तुम्हें यह वचन सुनाने के लिए भेजा है।’
जब पिलातुस ने देखा कि येशु को बचाने में उसे सफलता नहीं मिल रही है, वरन् उपद्रव बढ़ता ही जा रहा है, तो उसने पानी मँगा कर लोगों के सामने हाथ धोए और कहा, “मैं इस मनुष्य के रक्त का दोषी नहीं हूँ। तुम लोग जानो।”
“मैंने निर्दोष रक्त का सौदा कर पाप किया है।” उन्होंने उत्तर दिया, “हमें इस से क्या! तुम जानो।”
यह इसलिए हुआ कि उनकी व्यवस्था का यह कथन पूरा हो जाए; ‘उन्होंने अकारण ही मुझ से बैर किया।’
किन्तु मेरी दृष्टि में मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।
उसने मसीह के कार्य के लिए मृत्यु का सामना किया और अपने जीवन को जोखिम में डाला जिससे वह मेरे प्रति जन-सेवा का वह कार्य पूरा करे, जिसे आप लोग स्वयं करने में असमर्थ थे।
तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्ति का तिरस्कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्होंने उनके सन्देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।
जब मैंने देखा कि मुझे बचानेवाला कोई नहीं है, तब मैं अपने प्राण हथेली पर रखकर अम्मोनियों की सीमा में अकेला चला गया। प्रभु ने उन्हें मेरे हाथ में सौंप दिया। इसलिए आज तुम मुझसे लड़ाई-झगड़ा करने क्यों आए हो?’
मेरे पिता ने तुम्हारे लिए युद्ध किया था, अपने प्राण संकट में डाला था, और तुम्हें मिद्यानी जाति के हाथ से मुक्त किया था।
परन्तु शाऊल ने कहा, ‘नहीं, आज किसी भी व्यक्ति को मृत्यु-दण्ड नहीं देंगे, क्योंकि आज प्रभु ने इस्राएल को विजय प्रदान की है।’
परन्तु इस्राएली सैनिकों ने शाऊल से कहा, ‘क्या योनातन को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा, जिसने इस्राएली राष्ट्र के लिए यह महा विजय प्राप्त की है? यह कदापि नहीं होगा। जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! उसके सिर का एक बाल भी भूमि पर नहीं गिरेगा। उसने परमेश्वर की सहायता से आज यह कार्य सम्पन्न किया है।’ अत: सैनिकों ने योनातन को छुड़ा लिया और उसको मृत्यु-दण्ड नहीं दिया गया।
शाऊल ने योनातन की बात सुनी। उसने शपथ खाई, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! मैं दाऊद की हत्या नहीं करूंगा।’
अहीमेलक ने राजा को उत्तर दिया, ‘महाराज, आपके सब कर्मचारियों में कौन व्यक्ति दाऊद के समान वफादार है? वह महाराज के दामाद हैं। वह आपके अंगरक्षकों के नायक हैं। वह आपके राज-परिवार के सम्मानित व्यक्ति हैं।
वह स्त्री शाऊल के पास गई। उसने उसे आतंकित देखा तो वह उससे बोली, ‘महाराज, मैंने, आपकी सेविका ने, आपकी बात सुनी थी। मैंने अपने प्राण हथेली पर रखकर आपकी बात सुनी, जो आपने मुझसे कही थी।