अब, यदि मैं अपने पिता, आपके सेवक, के पास जाऊं और लड़का हमारे साथ नहीं हो, और वह देखें कि लड़का हमारे साथ नहीं है, तो वह मर जाएँगे; क्योंकि उनके प्राण तो लड़के में अटके हैं। अत: हम अपने वृद्ध पिता को शोक-सन्तप्त दशा में ही अधोलोक पहुँचा देंगे।
1 शमूएल 18:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब दाऊद ने शाऊल से वार्तालाप समाप्त किया, तब योनातन के प्राण दाऊद के प्राण से जुड़ गए! योनातन उसे अपने प्राण के समान प्रेम करने लगा। पवित्र बाइबल दाऊद ने जब शाऊल से बात पूरी कर ली तब योनातान दाऊद का बहुत अभिन्न मित्र बन गया। योनातान दाऊद से उतना ही प्रेम करने लगा जितना अपने से। Hindi Holy Bible जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के बराबर प्यार करने लगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के समान प्यार करने लगा। सरल हिन्दी बाइबल जैसे ही दावीद और शाऊल के बीच बातें खत्म हुईं, योनातन और दावीद के बीच गहरा संबंध बनना शुरू हुआ. योनातन के लिए दावीद प्राणों से प्रिय हो गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के समान प्यार करने लगा। |
अब, यदि मैं अपने पिता, आपके सेवक, के पास जाऊं और लड़का हमारे साथ नहीं हो, और वह देखें कि लड़का हमारे साथ नहीं है, तो वह मर जाएँगे; क्योंकि उनके प्राण तो लड़के में अटके हैं। अत: हम अपने वृद्ध पिता को शोक-सन्तप्त दशा में ही अधोलोक पहुँचा देंगे।
ओ मेरे भाई योनातन, मैं तेरे लिए कितना दु: खी हूँ। तू मुझे कितना प्रिय था! मेरे प्रति तेरा प्रेम अद्भुत था! वह स्त्री के प्रेम से बढ़कर था।
दाऊद उनसे भेंट करने के लिए गढ़ के बाहर निकला। उसने योद्धाओं से यह कहा, ‘यदि तुम लोग मैत्रीभाव से मेरी सहायता करने के लिए आए हो, तो मैं मुक्त हृदय से तुम्हारा स्वागत करता हूँ। मेरे हाथ निष्कलंक हैं। मैंने कोई अपराध नहीं किया। फिर भी यदि तुम मेरे साथ विश्वासघात कर मुझे मेरे बैरियों के हाथ में सौंपने के लिए आए हो तो हमारे पूर्वजों का परमेश्वर इस अन्याय को देखे, और तुम्हें दण्ड दे।’
हे प्रभु, मुझे अपना मार्ग दिखा, कि मैं तेरी सच्चाई पर चलूं; मेरे हृदय को एकाग्रचित् बना कि वह तेरे नाम से डरे।
कुछ मित्र ऐसे होते हैं, जो मित्र होने का ढोंग करते हैं; किन्तु कोई ऐसा भी मित्र होता है जो भाई से बढ़कर अपना होता है।
‘यदि तेरा सगा भाई, अथवा तेरा पुत्र, या पुत्री अथवा तेरी प्राण-प्रिय पत्नी या तेरा अंतरंग मित्र तुझे गुप्त रूप से फुसलाए और कहे, “आओ, हम चलें और दूसरे देवताओं की पूजा करें” , जिनको न तू जानता है और न तेरे पूर्वज ही जानते थे,
जिससे वे हिम्मत न हारें, प्रेम की एकता में बँधे रहें, सुनिश्चित अन्तर्ज्ञान की परिपूर्णता प्राप्त करें और इस प्रकार परमेश्वर के रहस्य के मर्म तक पहुँच जायें। वह रहस्य स्वयं मसीह है,
परन्तु इस्राएली सैनिकों ने शाऊल से कहा, ‘क्या योनातन को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा, जिसने इस्राएली राष्ट्र के लिए यह महा विजय प्राप्त की है? यह कदापि नहीं होगा। जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! उसके सिर का एक बाल भी भूमि पर नहीं गिरेगा। उसने परमेश्वर की सहायता से आज यह कार्य सम्पन्न किया है।’ अत: सैनिकों ने योनातन को छुड़ा लिया और उसको मृत्यु-दण्ड नहीं दिया गया।
शाऊल ने अपने पुत्र योनातन तथा अन्य कर्मचारियों से दाऊद की हत्या करने की चर्चा की। परन्तु शाऊल का पुत्र योनातन दाऊद से अत्यन्त प्रसन्न था।
उसने दाऊद को यह बताया, ‘मेरे पिता अवसर की खोज में हैं कि वह तुम्हारी हत्या कर दें। अब तुम सबेरे सावधान रहना। गुप्त स्थान में रहना। वहां स्वयं को छिपाकर रखना।
योनातन ने अपने प्रेम का वास्ता देकर दाऊद को पुन: शपथ खिलाई, क्योंकि वह उसे अपने प्राण के सदृश प्रेम करता था।
इसलिए अब अपने इस सेवक पर कृपा करो: तुमने प्रभु के नाम में मुझे विवश किया कि मैं तुम्हारे साथ सन्धि स्थापित करूं। यदि मैं दोषी हूँ तो स्वयं तुम मुझे मार डालो। मुझे अपने पिता के पास क्यों ले जाना चाहते हो?’
तब तुम सबने मेरे विरुद्ध षड्यन्त्र क्यों रचा है? जब मेरे पुत्र ने यिशय के पुत्र के साथ सांठ-गांठ की तब किसी ने मुझ पर यह भेद प्रकट नहीं किया। जब मेरे पुत्र ने मेरे सेवक को मेरे प्रति भड़काया, उसे मेरे लिए घात में बैठाया, तब तुममें किसी ने मुझे इस बात की खबर नहीं दी। किसी को मेरे लिए दु:ख नहीं हुआ।’
दोनों ने प्रभु के सम्मुख एक सन्धि की। दाऊद होर्शाह में रह गया। पर योनातन अपने घर लौट गया।