हाबिल ने अपने पशुओं के पहिलौठे बच्चे और उनका चर्बीयुक्त मांस चढ़ाया। प्रभु ने हाबिल तथा उसकी भेंट पर कृपा-दृष्टि की।
1 शमूएल 15:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु शमूएल ने यह कहा : ‘जैसे प्रभु अपनी आज्ञा का पालन किये जाने पर प्रसन्न होता है, क्या वैसे वह अग्नि-बलि और पशुओं की बलि से प्रसन्न होता है? देख, प्रभु की आज्ञा मानना पशु की बलि चढ़ाने से श्रेष्ठ है! उसकी बात पर ध्यान देना मेढ़े की चर्बी चढ़ाने से उत्तम है। पवित्र बाइबल किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बातें सुनी जायें इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये। Hindi Holy Bible शमूएल ने कहा, क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन मानना तो बलि चढ़ाने और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) शमूएल ने कहा, “क्या यहोवा होमबलियों और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन, मानना तो बलि चढ़ाने से, और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। सरल हिन्दी बाइबल शमुएल ने उनसे पूछा: “क्या याहवेह की खुशी आज्ञाकारिता से बढ़कर होमबलि तथा बलि चढ़ाने में है? निःसंदेह आज्ञाकारिता, बलि चढ़ाने से कहीं अधिक बढ़कर है, तथा याहवेह के वचन को ध्यान से सुनना मेढ़ों की बलि से बढ़कर है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 शमूएल ने कहा, “क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन, मानना तो बलि चढ़ाने से और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। (मर. 12:32,33) |
हाबिल ने अपने पशुओं के पहिलौठे बच्चे और उनका चर्बीयुक्त मांस चढ़ाया। प्रभु ने हाबिल तथा उसकी भेंट पर कृपा-दृष्टि की।
अब यदि तुम ध्यान से मेरी बात सुनोगे और मेरे विधान का पालन करोगे, तो तुम सब जातियों में मेरी निज सम्पत्ति बनोगे, क्योंकि समस्त पृथ्वी मेरी ही है।
जब तुम परमेश्वर के मन्दिर में जाते हो तब अपने आचरण का ध्यान रखो। मूर्ख द्वारा चढ़ाई गई बलि की अपेक्षा परमेश्वर के मन्दिर में आना, और उसका वचन सुनना श्रेष्ठ है। क्योंकि मूर्ख यह नहीं जानता है कि जो कार्य वह करता है, वह दुष्कर्म है।
मैंने यह विधान तुम्हारे पूर्वजों को उस समय सुनाया था, जब मैंने उनको मिस्र देश की गुलामी से, लोहे की भट्टी से बाहर निकाला था, और उन से यह कहा था, “जो मैं तुम से कहता हूं, यदि उस को तुम मानोगे, मेरी प्रत्येक आज्ञा का पालन करोगे, तो तुम मेरे निज लोग कहलाओगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा।”
जब मैं तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकाल लाया था, तब उनको गंभीर चेतावनी दी थी। उस दिन से आज तक मैं लगातार चेतावनी देता आया हूं कि मेरी आज्ञा का पालन करो।
अत: अब अपना आचरण सुधारो, अपने बुरे कामों को छोड़ो, और अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को सुनो। तब कदाचित् प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताए; क्योंकि उसने तुम्हारा अनिष्ट करने का निश्चय किया है, जिसकी घोषणा उसने की है।
मुझे करुणा चाहिए, पशु-बलि नहीं। मैं अग्नि-बलि से प्रसन्न नहीं होता, वरन् इस बात से प्रसन्न होता हूं कि तुम मुझ-परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करो।
इस्राएली बलि चढ़ाना पसंद करते हैं। वे मुझे पशु-बलि चढ़ाते हैं, और स्वयं मांस खा जाते हैं! पर मैं–प्रभु बलि पसंद नहीं करता। अब मैं उनके अधर्म को स्मरण करूंगा, और उनके पाप-कर्मों के लिए उन्हें दण्ड दूंगा। वे मिस्र देश की गुलामी में लौट जाएंगे।
‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ’ − यदि तुम लोगों ने इस कथन का अर्थ समझ लिया होता, तो निर्दोष को दोषी नहीं ठहराते;
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम पुदीने, सौंफ और जीरे का दशमांश तो देते हो, किन्तु धर्म-व्यवस्था की मुख्य बातों − न्याय, करुणा और विश्वास की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें करते रहते और उन को भी नहीं छोड़ते!
तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़कर पहले अपने भाई-बहिन से मेल करने जाओ और तब आ कर अपनी भेंट चढ़ाओ।
जा कर सीखो कि इस कथन का क्या अर्थ है : ‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”
उसे अपने सम्पूर्ण हृदय, सम्पूर्ण ज्ञान और सम्पूर्ण शक्ति से प्रेम करना और अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करना, यह हर प्रकार की अग्नि-बलि और पशु-बलि चढ़ाने से अधिक महत्वपूर्ण है।”
अत: मैंने यह सोचा : अब पलिश्ती गिलगाल में उतरकर मुझ पर आक्रमण करेंगे, और मैंने भेंट द्वारा प्रभु को शान्त करने के लिए कुछ नहीं किया है। ऐसी स्थिति में मैं अग्नि-बलि चढ़ाने को विवश हो गया।’
शमूएल ने शाऊल से कहा, ‘तुमने मूर्खतापूर्ण कार्य किया है। जिस आज्ञा का पालन करने को तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने कहा था उसका तुमने पालन नहीं किया। अन्यथा प्रभु इस्राएलियों पर सदा के लिए तुम्हारा राज्य स्थिर कर देता।