उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया : ‘आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता सर्वोच्च परमेश्वर, अब्राम को आशिष दे।
1 शमूएल 15:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शमूएल शाऊल के पास आया। शाऊल ने उससे कहा, ‘प्रभु आपको आशिष दे! मैंने प्रभु के वचन के अनुसार कार्य किया है।’ पवित्र बाइबल शमूएल शाऊल के पास पुहँचा। शाऊल ने कहा, स्वागत, “यहोवा आपको आशीर्वाद दे! मैंने यहोवा के आदेशों का पालन किया है।” Hindi Holy Bible तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उस से कहा, तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैं ने यहोवा की आज्ञा पूरी की है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उससे कहा, “तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैं ने यहोवा की आज्ञा पूरी की है।” सरल हिन्दी बाइबल जब शमुएल शाऊल के निकट पहुंचे, शाऊल ने उनका अभिवंदन करते हुए कहा, “याहवेह की कृपादृष्टि आप पर बनी रहे! मैंने याहवेह के आदेश का पालन किया है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उससे कहा, “तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैंने यहोवा की आज्ञा पूरी की है।” |
उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया : ‘आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता सर्वोच्च परमेश्वर, अब्राम को आशिष दे।
मनुष्य ने उत्तर दिया, ‘जो स्त्री तूने मेरे साथ रहने के लिए दी है, उसने उस पेड़ का फल मुझे दिया, और मैंने उसे खा लिया।’
अत: दाऊद ने याबेश-गिलआद के नागरिकों के पास दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा : ‘तुमने अपने स्वामी शाऊल के साथ दयापूर्ण व्यवहार किया। तुमने उनको दफनाया। अत: प्रभु तुम्हारे इस कार्य के लिए तुम्हें आशिष दे।
तू अपनी प्रशंसा अपने मुंह से न करना; दूसरे लोग तेरी प्रशंसा करें तो करें। दूसरे मनुष्य के मुख से तेरी प्रशंसा हो, यह शोभा देता है; अपने आप मियां-मिट्ठू मत बनना।
जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है।
संसार में कुछ आदमी हैं जिनकी आंखें घमण्ड से भरी रहती हैं, जिनकी भौंहें गर्व से चढ़ी रहती हैं।
ऐसी स्त्री का उसके परिश्रम के अनुरूप सम्मान करो; सभा-पंचायत में उसके कार्यों की प्रशंसा होनी चाहिए।
तुम भी ऐसे ही हो। सब आदेशों का पालन करने के बाद तुम को कहना चाहिए, ‘हम अयोग्य सेवक भर हैं, हम ने अपना कर्त्तव्य मात्र पूरा किया है’।”
फरीसी खड़े-खड़े इस प्रकार प्रार्थना कर रहा था, ‘परमेश्वर! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ कि मैं दूसरे लोगों की तरह लोभी, अन्यायी, व्यभिचारी नहीं हूँ और न इस चुंगी-अधिकारी की तरह हूँ।
उसने अपनी माँ से कहा, ‘जो चांदी के ग्यारह सौ सिक्के तुम्हारे पास से चोरी चले गए थे, जिनके विषय में तुमने अपशब्द कहे थे, और मुझे भी सुनाकर कहा था, वे मेरे पास हैं। मैंने उन्हें चुराया था।’ उसकी माँ ने कहा, ‘मेरे पुत्र, प्रभु तुझे आशिष दे।’
बोअज ने कहा, ‘मेरी पुत्री, प्रभु तुम्हें आशिष दे। तुमने अपनी सास के लिये करुणामय कार्य किया था। अब तुम्हारा यह कार्य उससे श्रेष्ठ है; क्योंकि तुमने विवाह के लिए किसी जवान पुरुष को, धनी अथवा गरीब को, नहीं चुना।
उसने अग्नि-बलि चढ़ाना समाप्त ही किया कि शमूएल आया। शाऊल उससे भेंट करने तथा उसका अभिवादन करने के लिए बाहर गया।
‘मुझे दु:ख है कि मैंने शाऊल को राजा बनाया; क्योंकि उसने मेरा अनुसरण करने से मुँह मोड़ लिया है। उसने मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं किया है।’ शमूएल क्रुद्ध हुआ। वह रात भर प्रभु की दुहाई देता रहा।
शाऊल ने शमूएल को उत्तर दिया, ‘मैंने प्रभु की आज्ञा मानी है। जिस विशेष कार्य को करने के लिए प्रभु ने मुझे भेजा था, उसको करने के लिए मैं गया था। मैं अमालेकी राजा अगग को पकड़कर ले आया हूँ। मैंने अमालेकी जाति को पूर्णत: नष्ट कर दिया है।
शाऊल के सैनिकों ने अगग को, तथा उसकी अच्छी-अच्छी भेड़-बकरियों, गाय-बैलों, मोटे-मोटे पशुओं और मेमनों को तथा जो कुछ भी अच्छी वस्तु थी, उसको बचा लिया। उन्होंने उनको पूर्णत: नष्ट नहीं किया। परन्तु जो बेकार और अनुपयोगी वस्तुएँ और प्राणी थे, उनको उन्होंने पूर्णत: नष्ट कर दिया।
एक सेवक ने नाबाल की पत्नी को यह बात बताई। उसने कहा, ‘दाऊद ने हमारे स्वामी को नमस्कार करने कि लिए निर्जन प्रदेश से दूत भेजे थे। परन्तु स्वामी उन पर बरस पड़े।