सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्तर्गृह और मध्यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।
1 राजाओं 7:36 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हीराम ने दिल्लों पर, जहां-जहां खाली स्थान था, करूबों, सिंहों और खजूर वृक्षों की आकृति अंकित की। तत्पश्चात् उसके चारों ओर चक्राकार झालरें बना दीं। पवित्र बाइबल गाड़ी की बगल और ढाँचे पर करूब (स्वर्गदूतों), सिंहों और ताड़ के वृक्षों के चित्र काँसे में उकेरे गए थे। ये चित्र गाड़ियों पर सर्वत्र, जहाँ भी स्थान था, उकेरे गए थे और गाड़ी के चारों ओर के ढाँचे पर फूल उकेरे गए थे। Hindi Holy Bible और टेकों के पाटों और पटरियों पर जितनी जगह जिस पर थी, उस में उसने करूब, और सिंह, और खजूर के वृक्ष खोद कर भर दिये, और चारों ओर हार भी बनाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और टेकों के पाटों और पटरियों पर जितनी जगह जिस पर थी, उसमें उसने करूब, और सिंह, और खजूर के वृक्ष खोद कर भर दिये, और चारों ओर झालरें भी बनाईं। सरल हिन्दी बाइबल हूराम ने हिल्लों पर उनकी किनारियों और रिक्त स्थानों पर करूब, सिंह और खजूर वृक्ष उकेर दिए थे. इन सभी के आस-पास झालरें उकेरी गई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और टेकों के पाटों और पटरियों पर जितनी जगह जिस पर थी, उसमें उसने करूब, और सिंह, और खजूर के वृक्ष खोदकर भर दिये, और चारों ओर झालरें भी बनाईं। |
सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्तर्गृह और मध्यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।
किवाड़ जंगली जैतून वृक्ष की लकड़ी के थे। उसने उनपर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं, और उनको सोने से मढ़ा, उसने करूबों और खजूर के वृक्षों पर सोने की परत मढ़ दी।
उसने किवाड़ों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं। उसने किवाड़ों पर सोना मढ़ा तथा खोदा गई आकृतियों पर सोने की परत मढ़ दी।
चौखटों के दिल्लों पर सिंह, बैल और करूबों की आकृतियां अंकित थीं। चौखटों पर, सिंह, बैल और करूबों की आकृतियों के ऊपर और नीचे चक्राकार झालरें बनी हुई थीं।
ठेले के ऊपर, उसके चारों ओर लगभग तेईस सेंटीमीटर की गोलाई थी। ठेले के सिर की टेकें और दिल्ले धातु के एक ही टुकड़े से बनाए गए थे। वे ठेले से जोड़े नहीं गए थे।
हीराम ने इसी बनावट के अनुरूप दस ठेले बनाए थे। उन सब का एक ही सांचा, एक ही नाप और एक ही आकार था।
प्रत्येक प्राणी के चार मुंह थे : पहला मुंह करूब का, दूसरा मुंह मनुष्य का, तीसरा मुंह सिंह का और चौथा मुंह गरुड़ का था।
उसके ओसारे का मुंह मन्दिर के बाहरी आंगन के सामने था। उसके खम्भों पर भी खजूर के वृक्षों की आकृति खुदी थी। फाटक पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियां थीं।
उसके ओसारे का मुंह मन्दिर के बाहरी आंगन के सामने था। उसके दोनों खम्भों पर भी खजूर के वृक्षों की आकृति खुदी थी। फाटक पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियां थीं।