चौखटों के दिल्लों पर सिंह, बैल और करूबों की आकृतियां अंकित थीं। चौखटों पर, सिंह, बैल और करूबों की आकृतियों के ऊपर और नीचे चक्राकार झालरें बनी हुई थीं।
1 राजाओं 7:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रत्येक ठेले में कांस्य धातु के चार पहिए थे। उनमें कांस्य की धुरियां थीं। कंडाल रखने के लिए चार आधार और ठीहे थे जो धातु ढालकर बनाए गए थे। इनके कोनों पर चक्राकार झालरें बनी हुई थीं। पवित्र बाइबल हर एक गाड़ी में चार काँसे के पहिये काँसे की धुरी के साथ थे। कोनों पर विशाल कटोरे के लिए काँसे के आधार बने थे। आधारों पर हथौड़े से फूलों के आकर काँसे में उभारे गए थे। Hindi Holy Bible और एक एक पाये के लिये पीतल के चार पहिये और पीतल की धुरियां बनी; और एक एक के चारों कोनों से लगे हुए कंधे भी ढाल कर बनाए गए जो हौदी के नीचे तक पहुंचते थे, और एक एक कंधे के पास हार बने हुए थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक एक ठेले के लिये पीतल के चार पहिये और पीतल की धुरियाँ बनीं; और एक एक के चारों कोनों से लगे हुए आधार भी ढालकर बनाए गए जो हौदी के नीचे तक पहुँचते थे, और एक एक आधार के पास झालरें बनी हुई थीं। सरल हिन्दी बाइबल हर एक ठेले के कांसे के चार-चार पहिये और कांसे की धुरियां थी. चारों कोनों पर चिलमची रखने का स्थान था. ये आधार ढाल कर बनाए गए थे. इनके किनारों पर दोनों ओर झालरें लटक रही थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एक-एक ठेले के लिये पीतल के चार पहिये और पीतल की धुरियाँ बनीं; और एक-एक के चारों कोनों से लगे हुए आधार भी ढालकर बनाए गए जो हौदी के नीचे तक पहुँचते थे, और एक-एक आधार के पास झालरें बनी हुई थीं। |
चौखटों के दिल्लों पर सिंह, बैल और करूबों की आकृतियां अंकित थीं। चौखटों पर, सिंह, बैल और करूबों की आकृतियों के ऊपर और नीचे चक्राकार झालरें बनी हुई थीं।
कंडाल का मुंह कंगनी के भीतर था, जो ऊपर की ओर पैंतालीस सेंटीमीटर निकली हुई थी। कंडाल का मुंह खम्भे के समान गोलाकार था। वह लगभग सत्तर सेंटीमीटर गहरा था। उसके मुंह पर नक्काशी की गयी थी। ठेले के दिल्ले गोल नहीं, वरन् चौकोर थे।
ठेले के चारों कोनों पर चार ठीहे थे। ठीहे और ठेले धातु के एक ही टुकड़े से बनाए गए थे। उनमें जोड़ नहीं था।
तब मैंने देखा कि करूबों के समीप चार पहिये हैं: प्रत्येक करूब के समीप एक पहिया है। पहियों का रूप-रंग फीरोजा के समान चमकीला है।
यह जीवधारियों के पंखों और उनके पहियों की आवाज थी, जो ऐसी सुनाई दे रही थी मानो भूकम्प की बड़ी घड़घड़ाहट हो। जीवधारियों के पंख परस्पर टकरा रहे थे, और उनकी बाजू में पहिए थे, जो चलते समय घड़घड़ाहट की आवाज कर रहे थे।