भवन के भीतर, देवदार पर नक्काशी की गई थी। उस पर बौंड़ियां और खिले हुए फूल काढ़े गए थे। सब ओर देवदार दिखाई देता था। एक भी पत्थर नजर नहीं आता था।
1 राजाओं 6:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किवाड़ जंगली जैतून वृक्ष की लकड़ी के थे। उसने उनपर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं, और उनको सोने से मढ़ा, उसने करूबों और खजूर के वृक्षों पर सोने की परत मढ़ दी। पवित्र बाइबल उन्होंने दोनों दरवाजों को जैतून की लकड़ी का बनाया। कारीगरों ने दरवाजों पर करूब (स्वर्गदूतों), ताड़ के वृक्षों और फूलों के चित्रों को उकेरा। तब उन्होंने दरवाजों को सोने से मढ़ा। Hindi Holy Bible दोनों किवाड़ जलपाई की लकड़ी के थे, और उसने उन में करूब, खजूर के वृक्ष और खिले हुए फूल खुदवाए और सोने से मढ़ा और करूबों और खजूरों के ऊपर सोना मढ़वा दिया गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दोनों दरवाजे जैतून की लकड़ी के थे, और उसने उनमें करूब, खजूर के वृक्ष और खिले हुए फूल खुदवाए और सोने से मढ़ा; और करूबों और खजूरों के ऊपर सोना मढ़वा दिया गया। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने जैतून वृक्ष की लकड़ी के दो दरवाजे बनवाए. इन पर उन्होंने करूबों, खजूर के पेड़ों और खिले हुए फूलों की आकृति खुदवाई और फिर इन्हें सोने से मढ़वा दिया. उन्होंने करूबों और खजूर के पेड़ों पर सोने का पत्रक मढ़वा दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दोनों किवाड़ जैतून की लकड़ी के थे, और उसने उनमें करूब, खजूर के वृक्ष और खिले हुए फूल खुदवाए और सोने से मढ़ा और करूबों और खजूरों के ऊपर सोना मढ़वा दिया गया। |
भवन के भीतर, देवदार पर नक्काशी की गई थी। उस पर बौंड़ियां और खिले हुए फूल काढ़े गए थे। सब ओर देवदार दिखाई देता था। एक भी पत्थर नजर नहीं आता था।
सुलेमान ने पवित्र अन्तर्गृह में जंगली जैतून वृक्ष की लकड़ी के दो करूब बनाए। प्रत्येक करूब की ऊंचाई साढ़े चार मीटर थी।
सुलेमान ने भवन की सब दीवारों पर, पवित्र अन्तर्गृह और मध्यभाग की दीवारों पर करूबों, खजूर के वृक्षों और खिले हुए फूलों की आकृतियां खोदकर बनाईं।
उसने पवित अन्तर्गृह के प्रवेश-द्वार के लिए जंगली जैतून वृक्ष की लकड़ी के दो किवाड़ बनाए। चौखट के बाजू पंच-कोणीय थे।
उसने मध्यभाग के प्रवेश-द्वार के लिए जंगली जैतून के वृक्ष की लकड़ी के, चौखट के बाजू बनाए। ये वर्गाकार थे।
कैंचियां, रक्त छिड़कने के पात्र, धूपदान और करछे−ये शुद्ध सोने के थे; परमपवित्र स्थान के दरवाजों तथा मध्यभाग के दरवाजों के कब्जे−ये भी सोने के थे।
फाटक में चारों ओर खिड़कियां थीं, जो भीतर की ओर बाजू के कोठरियों के खम्भों तक संकरी होती चली गई थीं। इसी प्रकार ओसारे में भी भीतर की ओर चारों तरफ खिड़कियां थीं। खम्भों पर खजूर के वृक्ष खुदे थे।
करूबों और खजूर के वृक्षों के चित्र खुदे थे : एक करूब की आकृति और उसके बाद खजूर के वृक्ष की आकृति; यों दो करूबों के मध्य खजूर के वृक्ष की आकृति अंकित थी। प्रत्येक करूब के दो मुख थे :