बेन-हदद ने उससे कहा, ‘जो नगर मेरे पिता ने आपके पिता के हाथ से छीने थे, उन्हें मैं आपको लौटा दूंगा। जैसे मेरे पिता ने अपना माल बेचने के लिए सामरी नगर में व्यापार केन्द्र स्थापित किए थे, वैसे आप भी दमिश्क नगर में व्यापार केन्द्र स्थापित कर सकते हैं।’ अहाब ने कहा, ‘मैं सन्धि की इन्हीं शर्तों के आधार पर तुम्हें छोड़ता हूं।’ अहाब ने बेन-हदद से सन्धि स्थापित की, और उसे मुक्त कर दिया।
प्रभु ने कहा, ‘क्या तूने अहाब को देखा? उसने मेरे सम्मुख सिर झुका लिया है। मैं उसकी इस विनम्रता के कारण यह विपत्ति उसके जीवन-काल में नहीं ढाहूंगा, वरन् उसके पुत्र के जीवन काल में, उसके वंश पर ढाहूंगा।’
एक बार सीरिया देश का राजा इस्राएल प्रदेश के राजा से युद्ध कर रहा था। उसने अपने दरबारियों से विचार-विमर्श किया। उसने कहा, ‘हम अमुक-अमुक स्थान पर धावा करेंगे।’
यहोशाफट के पास अपार धन-सम्पत्ति हो गई। वह अत्यन्त समृद्ध और ऐश्वर्यशाली हो गया। उसने अहाब के राजवंश से विवाह-सम्बन्ध स्थापित किया और उसका समधी बन गया।