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1 राजाओं 21:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

तब उसकी पत्‍नी ईजेबेल उसके पास आई। ईजेबेल ने उससे पूछा, ‘आप इतने उदास क्‍यों हैं? आपने भोजन क्‍यों नहीं किया?’

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पवित्र बाइबल

अहाब की पत्नी ईज़ेबेल उसके पास गई। ईज़ेबेल ने उससे कहा, “तुम घबराये क्यों हो तुमने खाने से इन्कार क्यों किया है”

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Hindi Holy Bible

तब उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, “तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता?”

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सरल हिन्दी बाइबल

मगर उसकी पत्नी ईजेबेल ने उसके पास आ उससे कहा, “आपके मन में ऐसी कौन सी उदासी है कि आप भोजन तक नहीं कर रहे!”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब उसकी पत्नी ईजेबेल ने उसके पास आकर पूछा, “तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता?”

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1 राजाओं 21:5
10 क्रॉस रेफरेंस  

स्‍त्री ने देखा कि आहार के लिए वृक्ष उत्तम है। वह आंखों को लुभाता है, और बुद्धिमान बनने के लिए वांछनीय है। अत: उसने उसका फल तोड़ा, और उस को खाया। उसने अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था, और उसने भी खाया।


उसने अम्‍नोन से कहा, ‘राजकुमार, आप दिन प्रतिदिन दुबले होते जा रहे हैं। क्‍यों? क्‍या आप मुझे नहीं बताएँगे?’ अम्‍नोन ने उससे कहा, ‘मैं अपने सौतेले भाई अबशालोम की बहिन तामार से प्रेम करता हूँ।’


उसके लिए यारोबआम बेन-नबाट के पापमय मार्ग पर चलना सरल कार्य था। उसने सीदोनी राजा एतबअल की पुत्री ईजेबेल से विवाह किया। वह बअल देवता के मन्‍दिर में गया। वहां उसने उसकी आराधना और पूजा की।


एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्‍यवस्‍था की।


अत: ईजेबेल ने एलियाह के पास एक दूत के हाथ से सन्‍देश भेजा, ‘जैसे तूने मेरे नबियों के प्राण लिए, वैसे ही यदि मैं कल इस समय तक तेरा प्राण न लूं, तो देवता मेरे साथ कठोरतम व्‍यवहार करें।’


अहाब के समान, जिसको उसकी पत्‍नी ईजेबेल ने बहकाया था, अन्‍य कोई व्यक्‍ति नहीं था, जिसने प्रभु की दृष्‍टि में दुष्‍कर्म किया और अपनी आत्‍मा को बेच दिया।


अहाब उदास और अप्रसन्न हो गया; क्‍योंकि यिज्रएल-निवासी नाबोत ने उससे यह कहा था, ‘मैं अपने पूर्वजों की पैतृक भूमि आपको नहीं दूंगा।’ अहाब अपने महल में आया। वह अपने पलंग पर लेट गया। उसने अपना मुंह ढक लिया। उसने भोजन नहीं किया।


अहाब ने उसको बताया, ‘मैंने यिज्रएल-निवासी नाबोत से उसके अंगूर-उद्यान के विषय में बात की थी। मैंने उससे कहा, “तुम चांदी के सिक्‍के के बदले में अपना अंगूर का उद्यान मुझे दे दो। अथवा यदि तुम इस बात से प्रसन्न हो तो मैं तुम्‍हें उसके बदले में दूसरा अंगूर उद्यान दे दूंगा।” परन्‍तु उसने मुझे यह उत्तर दिया, “मैं आपको अपना अंगूर-उद्यान नहीं दूंगा।” ’


सम्राट ने मुझसे पूछा, “तुम्‍हारा चेहरा उदास क्‍यों है? क्‍या बीमार हो? निस्‍सन्‍देह यह मानसिक पीड़ा ही है।’ मैं यह सुनकर बहुत डर गया।


तब एस्‍तर ने हताख नामक एक खोजे को बुलाया। सम्राट क्षयर्ष ने हताख को रानी एस्‍तर की सेवा में नियुक्‍त किया था। एस्‍तर ने उसको मोरदकय के पास जाने का आदेश दिया कि वह मोरदकय से पूछे कि क्‍या बात है, और वह ऐसा क्‍यों कर रहा है।