मोआब देश के लोगों ने सुना कि राजा उनसे युद्ध करने के लिए आए हैं। अत: छोटे से बड़े तक, सब पुरुष, जो शस्त्र धारण कर सकते थे, बुलाए गए। वे सीमा-चौकी पर नियुक्त किए गए।
1 राजाओं 20:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु इस्राएल प्रदेश के राजा ने उत्तर दिया, ‘तुम बेन-हदद को यह कहावत स्मरण कराना : “जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं!” ’ पवित्र बाइबल राजा अहाब ने उत्तर दिया, “बेन्हदद से कहो कि उस व्यक्ति को, जिसने अपना कवच धारण किया हो, उस व्यक्ति की तरह डींग नहीं हाँकनी चाहिये जो उसे उतारने के लिये लम्बा जीवन जीता है।” Hindi Holy Bible इस्राएल के राजा ने उत्तर देकर कहा, उस से कहो, कि जो हथियार बान्धता हो वह उसकी नाईं न फूले जो उन्हें उतारता हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएल के राजा ने उत्तर देकर कहा, “उससे कहो, ‘जो हथियार बाँधता हो वह उसके समान न फूले जो उन्हें उतारता हो।’ ” सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल के राजा ने उसे उत्तर दिया, “उससे जाकर कह दो, ‘वह जो हथियार धारण करता है, (विजयी होकर) वह उतारने वाले के समान घमण्ड़ न करे.’ ” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएल के राजा ने उत्तर देकर कहा, “उससे कहो, ‘जो हथियार बाँधता हो वह उसके समान न फूले जो उन्हें उतारता हो।’” |
मोआब देश के लोगों ने सुना कि राजा उनसे युद्ध करने के लिए आए हैं। अत: छोटे से बड़े तक, सब पुरुष, जो शस्त्र धारण कर सकते थे, बुलाए गए। वे सीमा-चौकी पर नियुक्त किए गए।
तुझमें हिम्मत है तो उसको हाथ लगा! यह लड़ाई तुझे सदा याद रहेगी! फिर कभी ऐसा करने का साहस तुझे न होगा।
मैंने पुन: अनुभव किया कि सूर्य के नीचे इस धरती पर तेज दौड़ने वाला धावक नहीं जीतता, और न बलवान योद्धा लड़ाई जीतता है। बुद्धिमान मनुष्य को भोजन नहीं मिलता, और न समझदारों को धन-सम्पत्ति। विद्वानों पर कोई कृपा नहीं करता। ये सब समय और संयोग के वश में हैं।
प्रभु यों कहता है, ‘बुद्धिमान मनुष्य अपनी बुद्धि पर गर्व न करे, और न बलवान अपने बल पर। धनवान मनुष्य अपने धन का घमण्ड न करे।
अब पतरस को येशु के वे शब्द स्मरण हुए जो उन्होंने उससे कहे थे : “मुर्गे के बाँग देने से पहले ही तुम मुझे तीन बार अस्वीकार करोगे,” और वह बाहर निकल कर फूट-फूट कर रोने लगा।
योनातन ने अपने शस्त्रवाहक से कहा, ‘आओ, हम इन बेखतना पलिश्तियों की चौकी के पास चलें। कदाचित् प्रभु हमारे लिए कार्य करे; क्योंकि हमें विजय प्रदान करने से प्रभु को कोई नहीं रोक सकता है, फिर चाहे हम संख्या में बहुत हों अथवा कम।’