एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
1 राजाओं 18:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा अहाब ने ओबद्याह से कहा, ‘आओ, हम दोनों देश के समस्त जल-स्रोतों और घाटियों को जाएं। कदाचित हमें वहाँ चारा-पानी मिले, और हम घोड़ों तथा खच्चरों को मरने से बचा सकें। यों हम कुछ पशुओं को नहीं खोएंगे।’ पवित्र बाइबल राजा अहाब ने ओबद्याह से कहा, “मेरे साथ आओ। हम लोग इस प्रदेश के हर एक सोते और नाले की खोज करेंगे। हम लोग पता लगायेंगे कि क्या हम अपने घोड़ों और खच्चरों को जीवित रखने के लिये पर्याप्त घास कहीं पा सकते हैं। तब हमें अपना कोई जानवर खोना नहीं पड़ेगा।” Hindi Holy Bible और अहाब ने ओबद्याह से कहा, कि देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सकें, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और अहाब ने ओबद्याह से कहा, “देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सकें, और हमारे सब पशु न मर जाएँ।” सरल हिन्दी बाइबल अहाब ने ओबदयाह से कहा, “सारे देश में जाकर जल के सोतों और घाटियों की खोज करो. संभव है हमें हमारे घोड़ों और खच्चरों के लिए चारा मिल ही जाए और उनके प्राण बच जाएं. इस प्रकार हमारे पशु नाश होने से बच जाएंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और अहाब ने ओबद्याह से कहा, “देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित् इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सके, और हमारे सब पशु न मर जाएँ।” |
एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
उन्होंने देश का भ्रमण करने के लिए उसको दो भागों में बांटा। अहाब स्वयं एक मार्ग पर गया, और ओबद्याह दूसरे मार्ग पर गया।
तू पशु के लिए घास, और मनुष्य के लिए वनस्पति उपजाता है, जिससे मनुष्य धरती से भोजन-वस्तु उत्पन्न करे,
यरूशलेम के धनवान लोग पानी के लिए अपने सेवकों को भेज रहे हैं। सेवक कुएं-झरनों पर आते हैं, पर उनमें पानी नहीं है। अत: वे खाली घड़े लिये वापस लौट जा रहे हैं। वे उदास हैं, और नहीं जानते हैं कि क्या करें? वे सिर को ढक कर बैठे हुए हैं।
पशु कैसे कराह रहे हैं, रेवड़ के पशु विकल हैं, क्योंकि उनके लिए चरागाह नहीं हैं। भेड़-बकरियाँ भी विपत्ति का शिकार हो गईं।
मैदान के पशु भी तेरी ओर ताक रहे हैं; क्योंकि जल-स्रोत सूख गए, निर्जन प्रदेश के चरागाहों को आग ने भस्म कर दिया।
ओ मैदान के पशुओ, मत डरो, क्योंकि निर्जन प्रदेश के चरागाह हरे-भरे हो गए हैं। पेड़ में फल लगने लगे हैं। अंजीर के वृक्ष और अंगूर की लता में भरपूर फसल होने लगी है।
अत: दो-तीन नगरों के निवासी भटकते हुए पानी की तलाश में उस नगर में आए जहाँ पानी था। उन्होंने पानी पिया, परन्तु वह पर्याप्त नहीं था। फिर भी तुम मेरी ओर नहीं लौटे।’ प्रभु ने यह कहा है।
यद्यपि अंजीर वृक्ष में फूल नहीं आए, अंगूर-लताओं में फल नहीं लगे, जैतून के फलों की फसल नहीं हुई, खेतों में भी अन्न नहीं उपजा, बाड़ों में भेड़-बकरी नहीं रही, और पशुशालाओं में गाय-बैल नहीं रहे,