परमेश्वर के जन ने कहा: “मैं आपके नगर को लौट नहीं सकता और न आपके साथ आपके घर में प्रवेश कर सकता हूं। मैं इस स्थान में आपके साथ न रोटी खाऊंगा, और न पानी पीऊंगा।
1 राजाओं 18:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की। पवित्र बाइबल एक बार ईज़ेबेल यहोवा के सभी नबियों को जान से मार रही थी। इसलिये ओबद्याह ने सौ नबियों को लिया और उन्हें दो गुफाओं में छिपाया। ओबद्याह ने एक गुफा में पचास नबी और दूसरी गुफा में पचास नबी रखे। तब ओबद्याह उनके लिये पानी और भोजन लाया।) Hindi Holy Bible ओबद्याह तो यहोवा का भय यहां तक मानता था कि जब ईज़ेबेल यहोवा के नबियों को नाश करती थी, तब ओबद्याह ने एक सौ नबियों को ले कर पचास-पचास करके गुफाओं में छिपा रखा; और अन्न जल देकर उनका पालन-पोषण करता रहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ओबद्याह तो यहोवा का भय यहाँ तक मानता था कि जब ईज़ेबेल यहोवा के नबियों को नष्ट करती थी, तब ओबद्याह ने एक सौ नबियों को लेकर पचास–पचास करके गुफाओं में छिपा रखा; और अन्न जल देकर उनका पालन–पोषण करता रहा– सरल हिन्दी बाइबल वास्तव में जब ईजेबेल ने याहवेह के भविष्यवक्ताओं को मारना शुरू किया था, ओबदयाह ने सौ भविष्यवक्ताओं को पचास-पचास करके गुफा में छिपा रखा था और वह उनके लिए भोजन और जल का प्रबंध करते रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ओबद्याह तो यहोवा का भय यहाँ तक मानता था कि जब ईजेबेल यहोवा के नबियों को नाश करती थी, तब ओबद्याह ने एक सौ नबियों को लेकर पचास-पचास करके गुफाओं में छिपा रखा; और अन्न जल देकर उनका पालन-पोषण करता रहा। |
परमेश्वर के जन ने कहा: “मैं आपके नगर को लौट नहीं सकता और न आपके साथ आपके घर में प्रवेश कर सकता हूं। मैं इस स्थान में आपके साथ न रोटी खाऊंगा, और न पानी पीऊंगा।
जब विधवा पानी लेने जाने लगी तक एलियाह ने उसे पुकार कर कहा, ‘कृपाकर, अपने साथ रोटी का एक टुकड़ा भी लाना।’
स्वामी, क्या किसी ने आपको यह बात नहीं बताई? जब रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों की हत्या कर रही थी, तब मैंने प्रभु के सौ नबियों को बचाया था। मैंने उन्हें गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास की संख्या में छिपाकर रखा था। मैंने उनके लिए भोजन और जल की व्यवस्था की थी।
राजा अहाब ने ओबद्याह से कहा, ‘आओ, हम दोनों देश के समस्त जल-स्रोतों और घाटियों को जाएं। कदाचित हमें वहाँ चारा-पानी मिले, और हम घोड़ों तथा खच्चरों को मरने से बचा सकें। यों हम कुछ पशुओं को नहीं खोएंगे।’
उस समय एलीशा अपने घर के भीतर बैठे थे। धर्मवृद्ध भी उनके साथ बैठे थे। इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने दरबार से एक दूत भेजा। परन्तु उसके आगमन के पूर्व एलीशा ने धर्मवृद्धों को बताया, ‘क्या तुम जानते हो, इस हत्यारे राजा ने मेरा सिर धड़ से अलग करने के लिए एक दूत को भेजा है? देखो, जब दूत आएगा, तब तुम द्वार बन्द कर देना, और द्वार को बलपूर्वक बन्द रखना। सुनो, निश्चय ही उसके पीछे यह उसके स्वामी के पैरों की आवाज है।’
तू अपने स्वामी अहाब के राज-परिवार का वध करेगा, और यों, मैं ईजेबेल से अपने सेवक नबियों और अपने सब भक्तों की हत्या का बदला लूंगा।
‘फिर भी उन्होंने तेरे धर्म-नियमों का उल्लंघन किया; और उन्होंने तेरे प्रति विद्रोह किया। उन्होंने तेरी व्यवस्था को कूड़े में डाल दिया, और उन नबियों को मार डाला जो उन्हें सावधान करते थे, और तेरे पास लौटने का सन्देश देते थे। यों उन्होंने तेरी घोर निन्दा की।
वे यह निवेदन करते हैं: “हमें सलाह दो, हमारा न्याय करो, इस दिन-दोपहर में हमें रात की छाया दो। निराश्रितों को आश्रय दो, भागनेवालों को पकड़वाकर उनके साथ विश्वासघात मत करो।
किन्तु उच्चाधिकारी अहीकाम बेन-शापान ने यिर्मयाह की मदद की। अत: यिर्मयाह भीड़ के हाथ में नहीं सौंपे गए, अन्यथा भीड़ उनको मार डालती।
उच्चाधिकारी बोले, ‘तुम और यिर्मयाह, दोनों, भाग कर कहीं छिप जाओ। किसी को पता न चले कि तुम कहां हो।’
किन्तु किसानों ने उसके सेवकों को पकड़ कर उन में से किसी को मारा-पीटा, किसी की हत्या कर दी और किसी को पत्थरों से मार डाला।
क्योंकि मैं भूखा था और तुम ने मुझे भोजन खिलाया। मैं प्यासा था और तुम ने मुझे पानी पिलाया। मैं परदेशी था और तुम ने मुझे अपने यहाँ ठहराया।
“राजा उन्हें यह उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए किया, वह तुम ने मेरे लिए ही किया।’
संसार उनके योग्य नहीं था। उन्हें उजाड़ स्थानों, पहाड़ी प्रदेशों, गुफाओं और धरती के गड्ढों की शरण लेनी पड़ी।