यहूदा ने कहा, ‘हम अपने स्वामी से क्या कह सकते हैं? हम क्या बोलें? हम कैसे अपने को निर्दोष सिद्ध करें? परमेश्वर ने आपके सेवकों के दुष्कर्म का पता लगा लिया है। अब हम और वह, जिसके पास चषक पाया गया, आपके गुलाम हैं।’
1 राजाओं 17:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विधवा ने एलियाह से कहा, ‘परमेश्वर के जन, मैंने आपका क्या अपराध किया था? क्या आप मेरे घर में इसलिए आए थे कि परमेश्वर मेरे अधर्म का स्मरण कराए और इस कारण मेरे पुत्र का देहान्त हो जाए।’ पवित्र बाइबल और उस स्त्री ने एलिय्याह से कहा, “तुम परमेश्वर के व्यक्ति हो। क्या तुम मुझे सहायता दे सकते हो या क्या तुम मुझे सारे पापों को केवल याद कराने के लिये यहाँ आये हो क्या तुम यहाँ मेरे पुत्र को केवल मरवाने आये थे?” Hindi Holy Bible तब वह एलिय्याह से कहने लगी, हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वह एलिय्याह से कहने लगी, “हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहाँ आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?” सरल हिन्दी बाइबल उस स्त्री ने एलियाह से कहा, “परमेश्वर के दूत, मुझसे ऐसी कौन सी भूल हो गई है? आपके यहां आने का उद्देश्य यह है कि मुझे मेरा पाप याद कराया जाए और मेरे पुत्र के प्राण ले लिए जाएं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वह एलिय्याह से कहने लगी, “हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिए मेरे यहाँ आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?” |
यहूदा ने कहा, ‘हम अपने स्वामी से क्या कह सकते हैं? हम क्या बोलें? हम कैसे अपने को निर्दोष सिद्ध करें? परमेश्वर ने आपके सेवकों के दुष्कर्म का पता लगा लिया है। अब हम और वह, जिसके पास चषक पाया गया, आपके गुलाम हैं।’
जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है तब कहने लगे, ‘अब कदाचित् यूसुफ हमसे घृणा करेगा। हमसे उन सब बुराइयों का बदला लेगा, जो हमने उससे की थीं।’
“यूसुफ से कहना कि वह कृपा कर अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा करे; क्योंकि उन्होंने उसके साथ बुराई की थी।” अब कृपाकर अपने पिता के परमेश्वर के सेवकों के अपराध क्षमा कीजिए।’ जब उन्होंने ये बातें यूसुफ से कहीं तब वह रो पड़ा।
राजा ने कहा, ‘सरूयाह के पुत्रो, यह मेरा और तुम्हारा काम नहीं है। उसे गाली देने दो। यदि प्रभु ने उससे यों कहा, “दाऊद को अपशब्द कह!” तो किसको यह पूछने का अधिकार है, “तूने ऐसा क्यों कहा?” ’
दाऊद ने कहा, ‘सरूयाह के पुत्रो, मेरे और तुम्हारे विचारों में अन्तर है। आज तुम मेरे विरोधी मत बनो। आज क्या इस्राएल में किसी को मृत्यु-दण्ड दिया जा सकता है? आज मैं निश्चयपूर्वक जानता हूँ कि मैं इस्राएल का राजा हूँ।’
जब यारोबआम बेत-एल की वेदी पर सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाने के लिए खड़ा था, तब प्रभु के वचन से उत्प्रेरित होकर यहूदा प्रदेश से ‘परमेश्वर का एक जन’ वहाँ आया।
इस घटना के पश्चात् घर की विधवा-स्वामिनी का पुत्र बीमार पड़ा। रोग अत्यन्त बढ़ गया और विधवा के पुत्र ने दम तोड़ दिया।
एलियाह ने उससे कहा, ‘मुझे अपना पुत्र दो।’ एलियाह ने विधवा की गोद से उसको ले लिया, और उसको उपरले कक्ष में ले गए, जहाँ वह ठहरे हुए थे। उन्होंने मृत बालक को अपने बिस्तर पर लिटा दिया।
परन्तु ओबद्याह ने कहा, ‘स्वामी, मैंने क्या अपराध किया है कि आप मुझे, अपने सेवक को महाराज अहाब के हाथ में सौंपना चाहते हैं? मेरा वध क्यों करवाना चाहते हैं?
परमेश्वर का वही जन समीप आया। उसने इस्राएल प्रदेश के राजा से यह कहा, ‘प्रभु यह कहता है ‘ सीरियाई लोगों ने यह कहा है, “प्रभु पहाड़ों का ईश्वर है, वह घाटियों का ईश्वर नहीं है।” इसलिए मैं इस विशाल सेना को तेरे हाथ में सौंप दूंगा। तब तुझे ज्ञात होगा कि मैं निश्चय ही प्रभु हूं।’
राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’
एलीशा ने इस्राएल प्रदेश के राजा से कहा, ‘मेरा आपसे क्या काम? आप अपने पिता के नबियों के पास, अपनी मां के नबियों के पास जाइए।’ इस्राएल प्रदेश के राजा ने कहा, ‘नहीं, ऐसा मत कहो। प्रभु ने ही हम-तीन राजाओं को मोआब देश के राजा के हाथ में सौंपने के लिए यहां बुलाया है।’
राजा नको ने राजा योशियाह के पास अपना दूत भेजा, और उससे कहा, ‘ओ यहूदा प्रदेश के महाराज, हमें एक-दूसरे से क्या लेना-देना? मैं आज आप पर आक्रमण करने नहीं आ रहा हूं। मैं तो उस कुल के साथ युद्ध करने आया हूं जिस के साथ मेरी शत्रुता है। परमेश्वर ने मुझे शीघ्रता करने का आदेश दिया है। परमेश्वर मेरे साथ है। आप परमेश्वर का विरोध मत कीजिए; अन्यथा वह आपको नष्ट कर देगा।’
तू मेरे विरुद्ध कड़वे आरोप रचता है, और मुझे उन दुष्कर्मों का दण्ड भुगताता है जो मैंने अपनी युवावस्था में किए थे!
तो वह अपनी पत्नी को पुरोहित के पास लाएगा। वह उसके लिए आवश्यक चढ़ावे के रूप में एक किलो जौ का मैदा भी लाएगा। वह मैदे पर तेल नहीं उण्डेलेगा और न उस पर लोबान डालेगा; क्योंकि वह ईष्र्या की अन्न-बलि है, अधर्म का स्मरण दिलाने वाली स्मरण-बलि है।
वे चिल्ला उठे, “परमेश्वर के पुत्र! हम से आप को क्या काम? क्या आप यहाँ समय से पहले हमें सताने आए हैं?”
ऊंचे स्वर से चिल्लाया, “हे येशु! सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्र! मुझ से आप को क्या काम? आप को परमेश्वर की शपथ, मुझे न सताइए।”
“हे येशु, नासरत-निवासी! हमें आपसे क्या काम? क्या आप हमें नष्ट करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं−परमेश्वर के भेजे हुए पवित्र जन!”
यह देख कर सिमोन पतरस ने येशु के चरणों पर गिर कर कहा, “प्रभु! मेरे पास से चले जाइए। मैं तो पापी मनुष्य हूँ।”
वह येशु को देख कर चिल्ला उठा और दण्डवत् कर ऊंचे स्वर से बोला, “येशु! सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्र! मुझ से आप को क्या काम? मैं आप से विनती करता हूँ, मुझे न सताइए”;
येशु ने उत्तर दिया, “हे नारी, मुझे आप यह क्यों बता रही हैं? अभी मेरा समय नहीं आया है।”
तब पत्नी अपने पति के पास आई। उसने यह कहा, ‘परमेश्वर का एक प्रियजन मेरे पास आया था। परमेश्वर के दूत के सदृश उसका तेज था; अत्यन्त आतंकमय तेज था! मैंने उससे नहीं पूछा कि वह कहाँ से आया है। उसने मुझे अपना नाम भी नहीं बताया।
शमूएल ने प्रभु के आदेश के अनुसार कार्य किया। वह बेतलेहम नगर में आया। नगर के धर्मवृद्ध डर से काँपने लगे। वे शमूएल से भेंट करने आए। उन्होंने पूछा, ‘हे द्रष्टा! क्या आप मित्रभाव से आए हैं?’