तत्पश्चात् उन्होंने बड़े-छोटे सब पुरुषों को जो घर के द्वार पर थे, अन्धा बना दिया। अत: वे द्वार को टटोलते-तटोलते थक गए।
1 राजाओं 13:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब राजा यारोबआम ने परमेश्वर के जन की पुकार सुनी, जो उसने बेत-एल की वेदी के विरोध में कही थी, तब उसने वेदी के ऊपर से अपना हाथ बढ़ाकर उसकी ओर संकेत किया और कहा, ‘उसे पकड़ो।’ जिस हाथ से उसने परमेश्वर के जन की ओर संकेत किया था, उसको लकवा मार गया। वह उसको अपनी ओर मोड़ नहीं सका। पवित्र बाइबल राजा यारोबाम ने परमेश्वर के व्यक्ति से बेतेल में वेदी के प्रति दिया सन्देश सुना। उसने वेदी से हाथ खींच लिया और व्यक्ति की ओर संकेत किया। उसने कहा, “इस व्यक्ति को बन्दी बना लो!” किन्तु राजा ने जब यह कहा तो उसके हाथ को लकवा मार गया। वह उसे हिला नहीं सका। Hindi Holy Bible तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर जो उसने बेतेल के विरुद्ध पुकार कर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, उसको पकड़ लो: तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खींच न सका। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर, जो उसने बेतेल के विरुद्ध पुकार कर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, “उसको पकड़ लो!” तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खींच न सका। सरल हिन्दी बाइबल जब राजा ने परमेश्वर के दूत के ये शब्द सुने, जो उसने बेथेल में बनी वेदी के बारे में कहे थे, वेदी के पास खड़े यरोबोअम ने हाथ बढ़ाते हुए यह कहा: “पकड़ लो उसे!” परमेश्वर के दूत की ओर बढ़ाया हुआ उसका हाथ सूख चुका था, वह उसे दोबारा अपनी ओर खींच न सका. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर जो उसने बेतेल की वेदी के विरुद्ध पुकारकर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, “उसको पकड़ लो!” तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खींच न सका। |
तत्पश्चात् उन्होंने बड़े-छोटे सब पुरुषों को जो घर के द्वार पर थे, अन्धा बना दिया। अत: वे द्वार को टटोलते-तटोलते थक गए।
यारोबआम ने बछड़े की एक प्रतिमा बेत-एल नगर में और दूसरी प्रतिमा दान नगर में प्रतिष्ठित की।
उसने उसी दिन एक चिह्न भी दिया। उसने कहा, ‘जो वचन प्रभु ने कहा है, उसका यह चिह्न है : देख, यह वेदी फट जाएगी, और उस पर रखी हुई राख फेंक दी जाएगी।’
वेदी फट गई, और उसकी राख बिखर गई। यही चिह्न परमेश्वर के जन ने प्रभु के वचन की प्रेरणा से दिया था।
तुम उनसे कहना, “महाराज ने यों कहा है : तुम इस आदमी को कारागार में बन्द रखो। जब तक मैं युद्ध से सकुशल लौट न आऊं तब तक तुम इसे बस इतना भोजन देना कि यह जीवित रह सके।”
यह सुनकर राजा आसा द्रष्टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्नि से धधक उठा था। उन्हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्यवहार भी किया।
“राजा उन्हें यह उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए किया, वह तुम ने मेरे लिए ही किया।’
जिन्होंने येशु को गिरफ्तार किया था, वे उन्हें प्रधान महापुरोहित काइफा के यहाँ ले गये, जहाँ शास्त्री और धर्मवृद्ध इकट्ठे हो गये थे।
तब चारों ओर उन सब पर दृष्टि दौड़ा कर उन्होंने उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने ऐसा ही किया और उसका हाथ अच्छा हो गया।
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरे भेजे हुए का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है।”
यदि कोई इन्हें हानि पहुँचाना चाहता है, तो इनके मुख से आग निकलती है और वह इनके शत्रुओं को नष्ट कर देती है। जो इन्हें हानि पहुँचाना चाहेगा, उसे इसी प्रकार मरना होगा।