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1 राजाओं 13:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसने परमेश्‍वर के जन का पीछा किया। परमेश्‍वर का जन बांज वृक्ष के नीचे बैठा था। वह उससे मिला। वृद्ध नबी ने उससे पूछा, ‘क्‍या तुम ही परमेश्‍वर के जन हो? क्‍या तुम ही यहूदा प्रदेश से आए हो?’ उसने उत्तर दिया, “हाँ, मैं ही हूं।”

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पवित्र बाइबल

वृद्ध नबी परमेश्वर के व्यक्ति के पीछे गया। वृद्ध नबी ने परमेश्वर के व्यक्ति को एक बांजवृक्ष के नीचे बैठे देखा। वृद्ध नबी ने पूछा, “क्या आप वही परमेश्वर के व्यक्ति हैं जो यहूदा से आए हैं?” परमेश्वर के व्यक्ति ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं ही हूँ।”

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Hindi Holy Bible

और परमेश्वर के जन के पीछे जा कर उसे एक बांजवृझ के तले बैठा हुआ पाया; और उस से मूछा, परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया था, क्या तू वही है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और परमेश्‍वर के जन के पीछे जाकर उसे एक बांजवृक्ष के नीचे बैठा हुआ पाया; और उससे पूछा, “परमेश्‍वर का जो जन यहूदा से आया था, क्या तू वही है?”

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सरल हिन्दी बाइबल

उसने परमेश्वर के दूत का मार्ग लिया और उसे एक बांज वृक्ष की छाया में बैठा पाया. उसने उससे पूछा, “क्या तुम्हीं यहूदिया से आए हुए परमेश्वर के दूत हो?” उसने उत्तर दिया, “जी हां.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और परमेश्वर के जन के पीछे जाकर उसे एक बांज वृक्ष के तले बैठा हुआ पाया; और उससे पूछा, “परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया था, क्या तू वही है?”

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1 राजाओं 13:14
9 क्रॉस रेफरेंस  

वे चलते-चलते शकेम नामक स्‍थान पर पहुँचे जहाँ ‘मोरे का पवित्र बांज वृक्ष’ है। उस समय कनानी जाति उस देश में रहती थी।


उसने अपने पुत्रों से कहा, ‘मेरे लिए गधे पर जीन कसो।’ पुत्रों ने उसके लिए गधे पर जीन कसी और वह उस पर सवार हुआ।


तब वृद्ध नबी ने उससे कहा, ‘मेरे साथ घर चलो और भोजन करो।’


और स्‍वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्‍होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्‍होंने प्रभु से अपनी मृत्‍यु मांगी। उन्‍होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’


इस पर येशु ने उन से कहा, “जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्‍छा पर चलना और उसका कार्य पूरा करना, यही मेरा भोजन है।


वहाँ याकूब का कुआँ है। येशु यात्रा से थक गये थे, इसलिए वह कुएँ के पास यों ही बैठ गये। यह लगभग दोपहर का समय था।


मैंने कठोर परिश्रम किया और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अकसर भोजन नहीं मिला। भूख-प्‍यास, ठण्‍ड और कपड़ों का अभाव−यह सब मैं सहता रहा