इस्राएली लोगों ने उसके पास दूत भेजा, और उसको वहाँ से वापस बुलाया। तब वह और समस्त इस्राएली धर्मसभा रहबआम के पास गए। उन्होंने उससे यह कहा,
1 राजाओं 12:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘आपके पिता ने हमारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था। वह हमसे कठोर सेवा लेते थे। अब कृपाकर, आप हमारे इस भारी जूए को, कठोर सेवा के भार को, हलका कीजिए। तब हम आपकी सेवा करेंगे।’ पवित्र बाइबल “तुम्हारे पिता ने हम लोगों को बहुत कठोर श्रम करने के लिये विवश किया। अब तुम इसे हम लोगों के लिये कुछ सरल करो। उस कठिन काम को बन्द करो जिसे करने के लिये तुम्हारे पिता ने हमें विवश किया था। तब हम तुम्हारी सेवा करेंगे।” Hindi Holy Bible कि तेरे पिता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, तो अब तू अपने पिता की कठिन सेवा को, और उस भारी जूए को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हलका कर; तब हम तेरे आधीन रहेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तेरे पिता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था; इसलिये अब तू अपने पिता की कठिन सेवा को, और उस भारी जूए को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हल्का कर; तब हम तेरे अधीन रहेंगे।” सरल हिन्दी बाइबल “आपके पिता ने हमारा जूआ बहुत ही भारी कर दिया था; अब तो आपके पिता द्वारा कराई गई मेहनत और इस भारी जूए को हल्का कर दीजिए. हम आपकी सेवा हमेशा करते रहेंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तेरे पिता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, तो अब तू अपने पिता की कठिन सेवा को, और उस भारी जूआ को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हलका कर; तब हम तेरे अधीन रहेंगे।” |
इस्राएली लोगों ने उसके पास दूत भेजा, और उसको वहाँ से वापस बुलाया। तब वह और समस्त इस्राएली धर्मसभा रहबआम के पास गए। उन्होंने उससे यह कहा,
समस्त इस्राएल देश में सुलेमान के बारह क्षेत्रीय प्रशासक थे। वे राजा तथा राजपरिवार के भोजन की व्यवस्था करते थे। प्रत्येक क्षेत्रीय प्रशासक को वर्ष में एक महीने की भोजन-व्यवस्था करनी पड़ती थी।
जिन नगरों में भवन-निर्माण के लिए राजा सुलेमान ने लोगों से बेगार कराया था, उनका यह विवरण है : प्रभु का मन्दिर, सुलेमान का राजमहल, मिल्लो, यरूशलेम का परकोटा, हासोर, मगिद्दो, गेजेर
क्योंकि वे कहते तो हैं, पर करते नहीं। वे धर्म-नियमों के ऐसे भारी बोझ बाँध कर लोगों के कन्धों पर लाद देते हैं जिन्हें ढोना कठिन है; परन्तु स्वयं उंगली से भी उन्हें उठाना नहीं चाहते।
क्योंकि परमेश्वर का प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें। उसकी आज्ञाएँ भारी नहीं हैं,