अब्राम सारय से बोले, ‘देखो, तुम्हारी दासी तुम्हारे हाथ में है। तुम्हारी दृष्टि में जो भला लगे, वही उसके साथ करो।’ सारय हागार को दु:ख देने लगी। अत: हागार उसके पास से भाग गई।
1 राजाओं 12:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा ने जनता को कठोर उत्तर दिया। उसने धर्मवृद्धों की सलाह ठुकरा दी। पवित्र बाइबल उस समय राजा रहूबियाम ने उनसे कठोर शब्द कहे। उसने अग्रजों की सलाह न मानी। Hindi Holy Bible तब राजा ने प्रजा से कड़ी बातें कीं, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने प्रजा से कड़ी बातें कीं, सरल हिन्दी बाइबल राजा ने पुरनियों की सलाह को छोड़कर लोगों को कठोर उत्तर दिया, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने प्रजा से कड़ी बातें की, |
अब्राम सारय से बोले, ‘देखो, तुम्हारी दासी तुम्हारे हाथ में है। तुम्हारी दृष्टि में जो भला लगे, वही उसके साथ करो।’ सारय हागार को दु:ख देने लगी। अत: हागार उसके पास से भाग गई।
यूसुफ ने अपने भाइयों को देखकर पहचान लिया, परन्तु उनसे अपरिचित-सा व्यवहार किया। उसने उनसे कठोरता से बातें कीं। यूसुफ ने उनसे पूछा, ‘तुम लोग कहाँ से आए हो?’ वे बोले, ‘हम भोजन-सामग्री खरीदने के लिए कनान देश से आए हैं।’
इस्राएल प्रदेश के निवासियों ने यहूदा प्रदेश के निवासियों को उत्तर दिया, ‘महाराज के राज्य में हमारे दस भाग हैं। इसके अतिरिक्त हम दस कुल तुमसे बड़े हैं। फिर तुमने हमारा तिरस्कार क्यों किया? अपने राजा को वापस लाने के लिए क्या सर्वप्रथम हमने बात नहीं की थी?’ परन्तु यहूदा प्रदेश के निवासियों का तर्क इस्राएल प्रदेश के निवासियों के तर्क से अधिक प्रभावपूर्ण था।
राजा रहबआम ने कहा था : ‘तीन दिन पश्चात् लौटकर मेरे पास आना।’ अत: तीन दिन पश्चात् यारोबआम और सब इस्राएली जनता राजा रहबआम के पास आए।
जैसी सलाह उसके जवान साथियों ने उसे दी थी, उसी के अनुसार उसने लोगों से कहा, ‘मेरे पिता ने तुम्हारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था, मैं उससे भी भारी जूआ तुम्हारे कन्धे पर रखूंगा। मेरा पिता तुम्हें चाबुक से मारता था, पर मैं तुम्हें हण्टर से मारूंगा।’
फरओ ने मूसा से कहा, ‘मेरे पास से चले जाओ। तुम सावधान रहना। मेरा मुख फिर न देखना; अन्यथा जिस दिन तुम मेरा मुख देखोगे, मर जाओगे।’
फरओ ने कहा, ‘यह प्रभु कौन है जिसकी बात सुनकर मैं इस्राएलियों को जाने दूं? मैं इस प्रभु को नहीं जानता। मैं इस्राएलियों को नहीं जाने दूंगा।’
धार्मिक मनुष्य समझ-बूझकर ग्रहणयोग्य बातें ही बोलता है, पर दुर्जन के ओंठों से कुटिल बातें ही निकलती हैं।
जो मनुष्य बुद्धिमानों का सत्संग करता है, वह स्वयं बुद्धिमान बनता है; पर मूर्खों का साथी विपत्ति में पड़ता है।
कोमल उत्तर देने से क्रोध शान्त हो जाता है; परन्तु कटु वचन से क्रोधाग्नि धधक उठती है।
बुद्धिमान मनुष्य के मुख के शब्द उसके लिए दूसरों की कृपा के साधन हैं। किन्तु मूर्ख मनुष्य के ओंठ उसके विनाश के कारण हैं।
कौन जानता है कि मेरा उत्तराधिकारी बुद्धिमान होगा अथवा मूर्ख? तो भी धरती पर वह मेरे समस्त परिश्रम के फल को भोगेगा और जो कुछ मैंने बुद्धि से संग्रह किया है वह उसका स्वामी होगा।
किन्तु ऊपर से आयी हुई प्रज्ञ सब से पहले निर्दोष है, और वह शान्तिप्रिय, सहनशील, विनम्र, करुणामय, परोपकारी, पक्षपातहीन और निष्कपट भी है।
तब दाऊद ने योनातन से कहा, ‘मान लो, यदि तुम्हारे पिता कड़ा उत्तर देंगे तो कौन मुझे यह बात बताएगा?’