राजा सुलेमान ने चन्दन की लकड़ी से प्रभु के भवन और राजमहल के लिए आसन और संगीतकारों के लिए सितार और सारंगियां बनाईं। इतनी मात्रा में चन्दन की लकड़ी फिर कभी देश में नहीं आई, और न आज तक दिखाई दी।
1 राजाओं 10:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो कुछ भी शबा देश की रानी ने राजा सुलेमान से मांगा, वह राजा सुलेमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसे दिया। इसके अतिरिक्त राजा सुलेमान ने अपने सामर्थ्य के अनुसार शबा देश की रानी को उपहार भी दिए। उसके बाद वह विदा हुई। वह अपने सेवक-सेविकाओं के साथ अपने देश को लौट गई। पवित्र बाइबल तब राजा सुलैमान ने शीबा की रानी को वे भेंटें दीं जो कोई राजा किसी अन्य देश के शासक को सदैव देता है। तब उसने उसे वह सब दिया जो कुछ भी उसने माँगा। उसके बाद रानी सेवकों सहित अपने देश को वापस लौट गई। Hindi Holy Bible और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा, वही राजा सुलैमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसको दिया, फिर राजा सुलैमान ने उसको अपनी उदारता से बहुत कुछ दिया, तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा वही राजा सुलैमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसको दिया, फिर राजा सुलैमान ने उसको अपनी उदारता से बहुत कुछ दिया, तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई। सरल हिन्दी बाइबल राजा शलोमोन ने अपने खजाने में से शीबा की रानी को अपनी राजकीय उदारता के अनुसार दे दिया. इसके अलावा उन्होंने शीबा की रानी को उसकी इच्छा और विनती के अनुसार भी दे दिया. वह अपने सेवकों को लेकर अपने देश लौट गईं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 शेबा की रानी ने जो कुछ चाहा, वही राजा सुलैमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसको दिया, फिर राजा सुलैमान ने उसको अपनी उदारता से बहुत कुछ दिया, तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई। |
राजा सुलेमान ने चन्दन की लकड़ी से प्रभु के भवन और राजमहल के लिए आसन और संगीतकारों के लिए सितार और सारंगियां बनाईं। इतनी मात्रा में चन्दन की लकड़ी फिर कभी देश में नहीं आई, और न आज तक दिखाई दी।
उसने यरूशलेम नगर में प्रवेश किया। उसके साथ असंख्य सेवक-सेविकाएं और बहुमूल्य उपहार थे। मसाले, प्रचुर-मात्रा में सोना और मणि-मुक्ता ऊंटों पर लदे हुए थे। वह सुलेमान के पास पहुंची। उसने अपने मन की सब बातें सुलेमान से कहीं।
जो कुछ भी शबा देश की रानी ने राजा सुलेमान से मांगा, वह राजा सुलेमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसे दिया। इसके अतिरिक्त राजा सुलेमान ने अपने सामर्थ्य के अनुसार शबा देश की रानी को उपहार दिए। यह उससे अधिक था जो वह राजा सुलेमान के लिए लाई थी। तत्पश्चात् वह विदा हुई। वह अपने सेवक-सेविकाओं के साथ अपने देश को लौट गई।
इस पर येशु ने उत्तर दिया, “नारी! तुम्हारा विश्वास महान है। जैसा तुम चाहती हो, वैसा ही तुम्हारे लिए हो।” और उसी क्षण उसकी पुत्री स्वस्थ हो गयी।
जिसका सामर्थ्य हम में क्रियाशील है और जो वे सब कार्य सम्पन्न कर सकता है, जो हमारी प्रार्थना और कल्पना से अत्यधिक परे हैं,