प्रभु, इस्राएल का राजा, उसका छुड़ानेवाला, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘मैं ही आदि हूं, मैं ही अन्त हूं, मेरे अतिरिक्त अन्य ईश्वर नहीं है।
1 यूहन्ना 5:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम जानते हैं कि परमेश्वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्चे परमेश्वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्चे परमेश्वर में निवास करते हैं; क्योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्चा परमेश्वर और शाश्वत जीवन है। पवित्र बाइबल किन्तु हमको पता है कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें वह ज्ञान दिया है ताकि हम उस परमेश्वर को जान लें जो सत्य है। और यह कि हम उसी में स्थित हैं, जो सत्य है, क्योंकि हम उसके पुत्र यीशु मसीह में स्थिर हैं। परम पिता ही सच्चा परमेश्वर है और वही अनन्त जीवन है। Hindi Holy Bible और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उस ने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उस में जो सत्य है, अर्थात उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं: सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम यह भी जानते हैं कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है कि हम उस सच्चे को पहचानें; और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। नवीन हिंदी बाइबल हम जानते हैं कि परमेश्वर का पुत्र आया, और उसने हमें समझ दी है कि हम उस सत्य को जानें; और हम सत्य में हैं, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में। वही सच्चा परमेश्वर और अनंत जीवन है। सरल हिन्दी बाइबल हम इस सच से परिचित हैं कि परमेश्वर के पुत्र आए तथा हमें समझ दी कि हम उन्हें, जो सच हैं, जानें. हम उनमें स्थिर रहते हैं, जो सच हैं अर्थात् उनके पुत्र मसीह येशु. यही वास्तविक परमेश्वर और अनंत काल का जीवन हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। |
प्रभु, इस्राएल का राजा, उसका छुड़ानेवाला, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘मैं ही आदि हूं, मैं ही अन्त हूं, मेरे अतिरिक्त अन्य ईश्वर नहीं है।
क्योंकि तुझे ‘बनानेवाला’ ही तेरा पति है; उसका नाम है − ‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु’। इस्राएल का पवित्र परमेश्वर तेरा मुक्तिदाता है। वह सम्पूर्ण पृथ्वी का परमेश्वर कहलाता है।
देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्तिमान ईश्वर’, ‘शाश्वत पिता’, ‘शान्ति का शासक’।
किन्तु प्रभु ही सच्चा ईश्वर है। वह जीवंत परमेश्वर है, और शाश्वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्ति किसी राष्ट्र में नहीं है।
उस के समय में यहूदा प्रदेश सुरक्षित रहेगा, और इस्राएल प्रदेश निश्चिंत निवास करेगा। वह इस नाम से प्रसिद्ध होगा “प्रभु हमारा धर्म है।” ’
उन्होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्वर्गराज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम्हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं;
क्योंकि मैं तुम्हें ऐसी वाणी और बुद्धि प्रदान करूँगा, जिसका सामना अथवा खण्डन तुम्हारा कोई विरोधी नहीं कर सकेगा।
किसी ने कभी परमेश्वर को नहीं देखा; पर एकलौते पुत्र ने, जो स्वयं परमेश्वर है और जो पिता की गोद में है, उसको प्रकट किया है।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
येशु ने कहा, “फिलिप! मैं इतने समय तक तुम लोगों के साथ रहा, फिर भी तुम ने मुझे नहीं जाना? जिसने मुझे देखा है, उसने पिता को भी देखा है। फिर तुम यह क्या कहते हो : ‘हमें पिता के दर्शन कराइए’?
तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह डाली यदि दाखलता में न रहे स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह यदि तुम मुझ में न रहो तो तुम भी नहीं फल सकते।
मैंने उन्हें तेरा वचन प्रदान किया है। संसार ने उनसे बैर किया, क्योंकि जिस तरह मैं संसार का नहीं हूँ, उसी तरह वे भी संसार के नहीं हैं।
“हे धर्ममय पिता! संसार ने तुझे नहीं जाना। परन्तु मैंने तुझे जाना है और वे जान गये कि तूने मुझे भेजा है।
वे तुझे, एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और येशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जान लें− यही शाश्वत जीवन है।
येशु ने उन से कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम करते, क्योंकि मैं परमेश्वर से निकला और यहाँ आया हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ, मुझे उसी ने भेजा है।
“आप लोग अपने लिए और सारे झुण्ड के लिए सावधान रहिए। पवित्र आत्मा ने आप को झुण्ड की रखवाली का भार सौंपा है, ताकि आप परमेश्वर की कलीसिया के सच्चे चरवाहे बने रहें, जिसे उसने अपने पुत्र का रक्त दे कर प्राप्त किया है।
महान पूर्वज उन्हीं के हैं और शरीर के नाते मसीह उन्हीं में से हैं। परम प्रधान परमेश्वर की युगानुयुग स्तुति हो! आमेन!
उसी परमेश्वर के वरदान से आप लोग येशु मसीह के अंग बन गये हैं। परमेश्वर ने मसीह को हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता और पापमुक्ति बना दिया है।
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।
इस तरह, आप लोग अन्य सभी सन्तों के साथ मसीह के प्रेम की चौड़ाई, लम्बाई, ऊंचाई और गहराई समझ सकेंगे।
और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्यवस्था के पालन से मिलती है, बल्कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्वर है और उसका आधार विश्वास है।
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।
और उस मंगल दिन की प्रतीक्षा करें, जब हमारी आशाएँ पूरी हो जायेंगी और हमारे महान् परमेश्वर एवं मुक्तिदाता येशु मसीह की महिमा प्रकट होगी।
किन्तु पुत्र के विषय में, “हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन युग-युगों तक बना रहता है और तेरा राजदण्ड न्याय का अधिकारदण्ड है।
जो पुत्र को अस्वीकार करता है, उस में पिता का निवास नहीं। जो पुत्र को स्वीकार करता है, उस में पिता का निवास है।
जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्भ से सुना, वह तुम में बना रहे। जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्भ से सुना, यदि वह तुम में बना रहेगा, तो तुम भी पुत्र तथा पिता में बने रहोगे।
जो व्यक्ति कहता है कि मैं उस में निवास करता हूँ, उसे वैसा ही आचरण करना चाहिए, जैसा आचरण मसीह ने किया।
पिता ने अपने पुत्र को संसार के उद्धारकर्ता के रूप में भेजा। हमने यह देखा है और हम इसकी साक्षी देते हैं।
इस प्रकार हम अपने प्रति परमेश्वर का प्रेम जान गये और इस में विश्वास करते हैं। परमेश्वर प्रेम है और जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में और परमेश्वर उस में निवास करता है।
परमेश्वर के आत्मा को तुम इस प्रकार जान सकते हो : प्रत्येक आत्मा, जो यह स्वीकार करती है कि येशु मसीह देहधारण कर आये, वह परमेश्वर की ओर से है
जो कोई विश्वास करता है कि येशु ही मसीह हैं, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है और जो कोई जन्मदाता से प्रेम करता है, वह उसकी संतान से भी प्रेम करता है।
यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्वर से माँगा है वह हमें मिल गया है।
हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्ट शैतान उसे स्पर्श तक नहीं करने पाता।
संसार का विजेता कौन है? केवल वही जो यह विश्वास करता है कि येशु परमेश्वर के पुत्र हैं।
परमेश्वर के सेवक मूसा का गीत और मेमने का गीत गाते हुए कह रहे थे : “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे कार्य महान और अपूर्व हैं। राष्ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।
तब मैंने देखा कि स्वर्ग खुला है। एक सफेद घोड़ा दिखाई पड़ा और उस पर जो सवार है, वह ‘विश्वसनीय’ और ‘सच्चा’ कहलाता है। वह न्याय के अनुसार विचार और युद्ध करता है।
“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो ‘आमेन’ है, जो विश्वस्त तथा सच्चा साक्षी एवं परमेश्वर की सृष्टि का मूलस्रोत है, उसका सन्देश इस प्रकार है :
“फ़िलदेलफिया की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो पवित्र और सच्चा है, जिसके पास दाऊद की कुंजी है, जिसके खोलने पर कोई नहीं बन्द कर सकता और जिसके बन्द करने पर कोई नहीं खोल सकता, उसका सन्देश इस प्रकार है :
वे ऊंचे स्वर में यह कहते हुए पुकार रहे थे : “परमपावन एवं सत्यप्रतिज्ञ स्वामी! आप न्याय करने में और पृथ्वी के निवासियों को हमारे रक्त का बदला चुकाने में कब तक देर करेंगे?”