1 पतरस 3:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मसीह को प्रभु मानकर उनपर हार्दिक श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें। अपना अन्त: करण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा। पवित्र बाइबल अपने मन में मसीह को प्रभु के रूप में आदर दो। तुम सब जिस विश्वास को रखते हो, उसके विषय में यदि कोई तुमसे पूछे तो उसे उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहो। Hindi Holy Bible पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर मसीह को प्रभु जानकर अपने अपने मन में पवित्र समझो। जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ; नवीन हिंदी बाइबल पर अपने मन में मसीह को प्रभु जानकर आदर दो; और जो तुम्हारी आशा के विषय में तुमसे कुछ पूछे, उसे नम्रता और आदर के साथ उत्तर देने को हर समय तैयार रहो; सरल हिन्दी बाइबल मसीह को अपने हृदय में प्रभु के रूप में सम्मान करो. तुम्हारे अंदर बसी हुई आशा के प्रति जिज्ञासु हर एक व्यक्ति को उत्तर देने के लिए हमेशा तैयार रहो इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर मसीह को प्रभु जानकर अपने-अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ; |
उत्तर देने के पूर्व धार्मिक मनुष्य अपने मन में विचार करता है; किन्तु दुर्जन का मुंह बुरी बातें ही उगलता रहता है।
जिससे तुम्हें मालूम हो जाए कि उचित मार्ग क्या है, सत्य क्या है, और तुम लौटकर अपने भेजनेवालों को सच्चा उत्तर दे सको:
प्रभु यह कहता है, ‘अब आओ; हम अपना वाद-विवाद हल कर लें; चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों, वे हिम के समान सफेद हो जाएंगे। चाहे वे अर्गवानी रंग के हों, वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
वह अपने मध्य में किए गए मेरे हस्तकार्य को देखेगा और मेरे नाम को पवित्र बनाए रखेगा। निस्सन्देह वह याकूब के पवित्र परमेश्वर की पवित्रता बनाए रखेगा, और इस्राएल के परमेश्वर की भक्ति करेगा।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु न्याय करने के कारण उन्नत हुआ है; पवित्र परमेश्वर धार्मिक कार्यों के द्वारा अपनी पवित्रता प्रकट करता है।
‘जिस कार्य को ये लोग षड्यन्त्र कहते हैं, उसको तुम लोग षड्यन्त्र मत कहो। जिससे ये डरते हैं, उससे तुम मत डरो और न उससे आतंकित हो।
परन्तु प्रभु ने मूसा और हारून से कहा, ‘तुम दोनों ने मुझ पर विश्वास नहीं किया! मुझे इस्राएली समाज की दृष्टि में पवित्र सिद्ध नहीं किया, इसलिए तुम इस धर्मसभा को उस देश में नहीं ले जा सकोगे जिसे मैंने उन्हें प्रदान किया है।’
क्योंकि तुम दोनों ने सीन के निर्जन प्रदेश में मंडली के विवाद के समय मेरे आदेश के प्रति विद्रोह किया था, और उनकी दृष्टि में मुझे जलाशय के निकट पवित्र सिद्ध नहीं किया था।’ (यह कादेश का मरीबा नामक जलाशय सीन के निर्जन प्रदेश में है।)
पौलुस ने कहा, “मैं यहूदी हूँ और किलिकिया के तरसुस नगर का निवासी हूँ। मैं किसी साधारण नगर का नागरिक नहीं हूं। मेरा निवेदन है कि आप मुझे भीड़ को सम्बोधित करने की अनुमति दें।”
जब पौलुस धार्मिकता, आत्मसंयम और अंतिम न्याय के विषय में बोलने लगे, तो फ़ेलिक्स पर भय छा गया और उसने कहा, “तुम इस समय जा सकते हो। अवसर मिलने पर मैं तुमको फिर बुलाऊंगा।”
किन्तु आप को विश्वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।
परमेश्वर ने उन्हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।
आप का विश्वास और प्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब शुभसमाचार का सत्य संदेश
और शाश्वत जीवन की आशा का आधार है। सत्यवादी परमेश्वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।
जब कि मसीह, परमेश्वर के घराने का अध्यक्ष बन कर, पुत्र के रूप में विश्वस्त रहे। परमेश्वर का घराना हम हैं, बशर्ते हम पूर्ण भरोसा करें और वह आशा अक्षुण्ण बनाये रखें, जिस पर हम गर्व करते हैं।
इसलिए हम मसीह-सम्बन्धी प्रारम्भिक शिक्षा से आगे बढ़कर सिद्धता की ओर प्रगति करें। अब हम मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों से हृदय-परिवर्तन, परमेश्वर में विश्वास,
यदि आप उसे “पिता” कह कर पुकारते हैं, जो पक्षपात किये बिना प्रत्येक मनुष्य का उसके कर्मों के अनुसार न्याय करता है, तो जब तक आप यहाँ परदेश में रहते हैं, तब तक उस पर श्रद्धा रखते हुए जीवन बितायें।
वह हृदय के अभ्यन्तर का शृंगार हो, अर्थात् विनम्र तथा शान्त स्वभाव का अनश्वर अलंकरण, जो परमेश्वर की दृष्टि में बहुत मूल्यवान् है।
अब तुम यहाँ खड़े रहो। मैं प्रभु के सम्मुख तुम्हारे साथ बहस करूँगा, और तुम्हें प्रभु के उन उद्धार के कार्यों का स्मरण कराऊंगा, जो उसने तुम्हारे और तुम्हारे पूर्वजों के लिए किए थे।