ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




1 थिस्सलुनीकियों 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आप जानते हैं कि हमें कुछ समय पहले फिलिप्‍पी नगर में दुर्व्यवहार और अपमान सहना पड़ा था। फिर भी हमने अपने परमेश्‍वर पर भरोसा रख कर, घोर विरोध का सामना करते हुए, निर्भीकता से आप लोगों के बीच परमेश्‍वर के शुभ समाचार का प्रचार किया।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

तुम जानते हो कि फिलिप्पी में यातनाएँ झेलने और दुर्व्यवहार सहने के बाद भी परमेश्वर की सहायता से हमें कड़े विरोध के रहते हुए भी परमेश्वर के सुसमाचार को सुनाने का साहस प्राप्त हुआ।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहिल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वरन् तुम आप ही जानते हो कि पहले फिलिप्पी में दु:ख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्‍वर ने हमें ऐसा साहस दिया, कि हम परमेश्‍वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएँ।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

परंतु तुम तो जानते हो कि फिलिप्पी में दुःख उठाने और अपमान सहने पर भी, हमें अपने परमेश्‍वर में ऐसा साहस प्राप्‍त हुआ कि हम घोर विरोध के बीच तुम्हें परमेश्‍वर का सुसमाचार सुना सके।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

जैसा कि तुम्हें मालूम ही है कि फ़िलिप्पॉय नगर में दुःख उठाने और उपद्रव सहने के बाद घोर विरोध की स्थिति में भी तुम्हें परमेश्वर का ईश्वरीय सुसमाचार सुनाने के लिए हमें परमेश्वर के द्वारा साहस प्राप्‍त हुआ.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वरन् तुम आप ही जानते हो, कि पहले फिलिप्पी में दुःख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा साहस दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएँ।

अध्याय देखें



1 थिस्सलुनीकियों 2:2
27 क्रॉस रेफरेंस  

पौलुस तथा बरनबास बहुत समय तक वहां रहे और प्रभु पर भरोसा रख कर निर्भीकता-पूर्वक प्रचार करते रहे। प्रभु ने भी उनके हाथों द्वारा चिह्‍न तथा आश्‍चर्य-कर्म दिखा कर अपने अनुग्रह का सन्‍देश प्रमाणित किया।


जब गैर-यहूदियों तथा यहूदियों ने अपने शासकों से मिलकर प्रेरितों के साथ दुर्व्यवहार करने तथा उनपर पथराव करने का प्रयत्‍न किया,


और वहाँ से फिलिप्‍पी पहुँचे। फिलिप्‍पी मकिदुनिया का मुख्‍य नगर और रोमन उपनिवेश है। हम कुछ दिन फिलिप्‍पी नगर में रहे।


जब उसके मालिकों ने देखा कि उनकी आमदनी की आशा चली गयी, तो वे पौलुस तथा सीलास को पकड़ कर चौक में अधिकारियों के पास खींच ले गये।


किन्‍तु पौलुस ने आरिक्षयों से कहा, “हम रोमन नागरिक हैं। फिर भी हम पर लगाये हुए अभियोग की जाँच किये बिना उन्‍होंने हमें सब के सामने बेंतों से मारा और बन्‍दीगृह में डाला, और अब वे हमें चुपके से निकाल रहे हैं। ऐसा नहीं होगा। वे खुद आ कर हमें बाहर ले जायें।”


वे अम्‍फिपुलिस तथा अपुल्‍लोनिया नगरों से होते हुए थिस्‍सलुनीके पहुँचे, जहाँ यहूदियों का एक सभागृह था।


इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्‍वर-भक्‍तों के साथ, बल्‍कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।


पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाते रहे। वह परमेश्‍वर के राज्‍य के विषय में निर्भीकता-पूर्वक बोलते और यहूदियों को समझाते थे।


पतरस और योहन की निर्भीकता देख कर और यह जानकर कि वे अशििक्षत तथा साधारण मनुष्‍य हैं, धर्म-महासभा के सदस्‍य अचम्‍भे में पड़ गये। फिर, वे पहचान गये कि ये तो येशु के साथ रह चुके हैं;


क्‍योंकि हमने जो देखा और सुना है, उसके विषय में नहीं बोलना हमारे लिए सम्‍भव नहीं।”


उनकी प्रार्थना समाप्‍त होने पर वह स्‍थान, जहाँ वे एकत्र थे, हिल गया। सब पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण हो गये और निर्भीकता के साथ परमेश्‍वर का वचन सुनाने लगे।


प्रेरित इसलिए आनन्‍दित हो कर धर्म-महासभा के भवन से निकले कि उन्‍हें येशु के नाम के लिए अपमानित होने का गौरव मिला।


यह पत्र येशु मसीह के सेवक पौलुस की ओर से है, जो परमेश्‍वर के द्वारा प्रेरित होने के लिए बुलाया गया है और उसके शुभ समाचार के प्रचार के लिए पृथक किया गया है।


अपनी इस आशा के कारण हम बड़ी निर्भीकता से बोलते हैं।


मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्‍वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्‍तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ।


क्‍योंकि हमने निरे शब्‍दों द्वारा नहीं, बल्‍कि सामर्थ्य, पवित्र आत्‍मा तथा दृढ़ विश्‍वास के साथ आप लोगों के बीच शुभ समाचार का प्रचार किया। आप जानते हैं कि आपके कल्‍याण के लिए आप के बीच हमारा आचरण कैसा था।


इस कारण मैं यहाँ यह कष्‍ट सह रहा हूँ, किन्‍तु मैं इस से लज्‍जित नहीं हूँ; क्‍योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्‍चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।


प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्‍ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्‍सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्‍तु अब मुझे आवश्‍यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्‍वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्‍तों को सौंपा गया है;