1 कुरिन्थियों 9:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है, “तुम दंवरी करते बैल के मुंह पर मोहरा मत लगाओ।” क्या परमेश्वर को बैलों की चिन्ता है? पवित्र बाइबल मूसा की व्यवस्था के विधान में लिखा है, “खलिहान में बैल का मुँह मत बाँधो।” परमेश्वर क्या केवल बैलों के बारे में बता रहा है? Hindi Holy Bible क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है कि दावने में चलते हुए बैल का मुंह न बान्धना: क्या परमेश्वर बैलों ही की चिन्ता करता है? या विशेष करके हमारे लिये कहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है, “दाँवते समय चलते हुए बैल का मुँह न बाँधना।” क्या परमेश्वर बैलों ही की चिन्ता करता है? नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है : दाँवते हुए बैल का मुँह न बाँधना। क्या परमेश्वर बैलों की चिंता करता है? सरल हिन्दी बाइबल जैसा कि मोशेह की व्यवस्था में लिखा है: दांवनी करते बैल के मुख को मुखबन्धनी न बांधना. क्या परमेश्वर को मात्र बैलों का ही ध्यान है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? क्योंकि मूसा की व्यवस्था में लिखा है “दाँवते समय चलते हुए बैल का मुँह न बाँधना।” क्या परमेश्वर बैलों ही की चिन्ता करता है? (व्यव. 25:4) |
धार्मिक मनुष्य अपने पशु के प्राण की भी चिन्ता करता है; पर दुर्जन की दया भी निर्दयता के समान होती है!
क्या अन्न, जिससे रोटी बनाई जाती है, दांवने में चूर-चूर किया जाता है? नहीं, किसान उसको सदा नहीं दांवता; वह अपनी गाड़ी के पहिए, बैलों के द्वारा उसके ऊपर से चलाता है; पर वह उसको चूर-चूर नहीं करता।
सुन, इस महानगर नीनवे में एक लाख बीस हजार से ज्यादा अबोध बच्चे हैं, जो अपने दाएं-बाएं हाथ का भी अन्तर नहीं पहचानते। इसके अतिरिक्त निर्दोष पशु भी हैं। तब क्या मुझे इस महानगर के लिए दु:खी नहीं होना चाहिए?’
किन्तु सातवां दिन तेरे प्रभु परमेश्वर का विश्राम दिवस है। इसलिए तू, तेरे पुत्र-पुत्री, सेवक-सेविका, तेरे बैल, तेरे गधे, तेरे पशु, तेरे नगरों में रहने वाले प्रवासी व्यक्ति उस दिन कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे तेरा सेवक और सेविका तेरे समान विश्राम कर सकें।
क्योंकि धर्मग्रन्थ कहता है, “तुम दँवरी करते बैल के मुँह पर मोहरा मत लगाओ” और फिर, “मजदूर को अपनी उचित मजदूरी का अधिकार है।”