क्योंकि कुछ लोग माता के गर्भ से ही नपुंसक उत्पन्न हुए हैं, कुछ लोगों को मनुष्यों ने नपुंसक बना दिया है। किन्तु कुछ लोगों ने स्वर्गराज्य के निमित्त अपने आप को नपुंसक बना दिया है। जो यह शिक्षा ग्रहण कर सकता है, वह ग्रहण कर ले।”
1 कुरिन्थियों 7:35 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं आप लोगों की भलाई के लिए यह कह रहा हूँ। मैं आपकी स्वतन्त्रता पर रोक लगाना नहीं चाहता। मैं तो आप लोगों के सामने प्रभु की अनन्य भक्ति का आदर्श रख रहा हूँ। पवित्र बाइबल ये मैं तुमसे तुम्हारे भले के लिये ही कह रहा हूँ तुम पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये नहीं। बल्कि अच्छी व्यवस्था को हित में और इसलिए भी कि तुम चित्त की चंचलता के बिना प्रभु को समर्पित हो सको। Hindi Holy Bible यह बात तुम्हारे ही लाभ के लिये कहता हूं, न कि तुम्हें फंसाने के लिये, वरन इसलिये कि जैसा सोहता है, वैसा ही किया जाए; कि तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं यह बात तुम्हारे ही लाभ के लिये कहता हूँ, न कि तुम्हें फँसाने के लिये, वरन् इसलिये कि जैसा शोभा देता है वैसा ही किया जाए, कि तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो। नवीन हिंदी बाइबल मैं यह तुम्हारे ही लाभ के लिए कहता हूँ—तुम्हें बंधन में बाँधने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि जो शोभा देता है वही हो और तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो। सरल हिन्दी बाइबल मैं यह सब तुम्हारी भलाई के लिए ही कह रहा हूं—किसी प्रकार से फंसाने के लिए नहीं परंतु इसलिये कि तुम्हारी जीवनशैली आदर्श हो तथा प्रभु के प्रति तुम्हारा समर्पण एकचित्त होकर रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह बात तुम्हारे ही लाभ के लिये कहता हूँ, न कि तुम्हें फँसाने के लिये, वरन् इसलिए कि जैसा उचित है; ताकि तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो। |
क्योंकि कुछ लोग माता के गर्भ से ही नपुंसक उत्पन्न हुए हैं, कुछ लोगों को मनुष्यों ने नपुंसक बना दिया है। किन्तु कुछ लोगों ने स्वर्गराज्य के निमित्त अपने आप को नपुंसक बना दिया है। जो यह शिक्षा ग्रहण कर सकता है, वह ग्रहण कर ले।”
उस समय फरीसियों ने जा कर आपस में परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसाएँ।
“अपने विषय में सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्ताओं से तुम्हारा मन कुण्ठित हो जाए और वह दिन फन्दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे;
काँटों में गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, परन्तु आगे चल कर वे चिन्ता, धन-सम्पत्ति और जीवन के भोग-विलास से दब जाते हैं और परिपक्वता तक नहीं पहुँच पाते हैं।
फिर भी यदि तुम विवाह करते हो, तो इसमें कोई पाप नहीं और यदि कुआँरी विवाह करती है, तो वह पाप नहीं करती। किन्तु ऐसे लोगों को इस जीवन में अवश्य ही कष्ट सहने पड़ेंगे। इन से मैं आप लोगों को बचाना चाहता हूँ।
यदि कोई समझता है कि वह अपनी प्रबल प्रवृत्तियों के कारण अपनी मंगेतर युवती के साथ अशोभनीय व्यवहार कर सकता है और उसे इसके सम्बन्ध में कुछ करना आवश्यक मालूम पड़ता है, तो वह जो चाहता है, कर सकता है। वे विवाह करें-इसमें कोई पाप नहीं।
जैसा कि सन्तों के लिए उचित है, आप लोगों के बीच किसी प्रकार के व्यभिचार और अशुद्धता अथवा लोभ की चर्चा तक न हो,
भाइयो और बहिनो! अन्त में यह : जो कुछ सच है, आदरणीय है; जो कुछ न्यायसंगत है, निर्दोष है; जो कुछ प्रीतिकर है, मनोहर है, जो कुछ भी उत्तम है, प्रशंसनीय है : ऐसी बातों का मनन किया करें।
व्यभिचारियों और पुरुषगामियों, मानव-विक्रेताओं, असत्य-वादियों, झूठी शपथ खानेवालों और उन सब मनुष्यों के लिए जो उस हितकारी शिक्षा का विरोध करते हैं,
इसी प्रकार वृद्धाओं का आचरण प्रभु-भक्तों के अनुरूप हो। वे किसी की झूठी निन्दा न करें और न मदिरा की व्यसनी हों। वे अपने सदाचरण द्वारा