इस्राएल प्रदेश के राजा ने उत्तर दिया, ‘महाराज, मेरे स्वामी, जैसी आपकी इच्छा! मैं आपका हूं, और जो कुछ मेरे पास है, वह भी आपका है।’
1 कुरिन्थियों 6:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है; पवित्र बाइबल अथवा क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर उस पवित्र आत्मा के मन्दिर हैं जिसे तुमने परमेश्वर से पाया है और जो तुम्हारे भीतर निवास करता है। और वह आत्मा तुम्हारा अपना नहीं है, Hindi Holy Bible क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है, जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है; और तुम अपने नहीं हो? नवीन हिंदी बाइबल क्या तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मंदिर है जो तुममें है, और परमेश्वर की ओर से तुम्हें मिला है? और तुम अपने नहीं हो, सरल हिन्दी बाइबल क्या तुम्हें यह अहसास नहीं कि तुम्हारा शरीर पवित्र आत्मा का—जिनका तुम्हारे अंदर वास है तथा जो तुम्हें परमेश्वर से प्राप्त हुए हैं—मंदिर है? तुम पर तुम्हारा अधिकार नहीं इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? |
इस्राएल प्रदेश के राजा ने उत्तर दिया, ‘महाराज, मेरे स्वामी, जैसी आपकी इच्छा! मैं आपका हूं, और जो कुछ मेरे पास है, वह भी आपका है।’
‘पर प्रभु, मैं कौन हूँ और मेरी जनता क्या है कि हम यों स्वेच्छा से तुझे भेंट चढ़ाने में समर्थ हो सकें? क्योंकि सब वस्तुओं का स्रोत तू ही है। हमने तुझे तेरी ही वस्तु अर्पित की है।
जान लो कि प्रभु ही परमेश्वर है; प्रभु ने ही हमें बनाया है, और हम उसी के हैं; हम उसके निज लोग, उसके चरागाह की भेड़ें हैं।
वे यह कहते हैं, “हम अपनी जिह्वा के बल पर प्रबल होंगे; हमारे ओंठ हमारे वश में हैं; हमारा स्वामी कौन है?”
यदि परमेश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शारीरिक स्वभाव के वश में नहीं, बल्कि आत्मा से ही प्रभावित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं।
क्या आप यह नहीं जानते कि आप परमेश्वर का मन्दिर हैं और परमेश्वर का आत्मा आप में निवास करता है?
कोई यह भी कहेगा, “किन्तु भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए।” हां, किन्तु परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा। शरीर व्यभिचार के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए है और प्रभु शरीर के लिए।
क्या आप यह नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्या!
मसीह सब के लिए मरे, जिससे जो जीवित हैं, वे अब से अपने लिए नहीं, बल्कि उनके लिए जीवन बिताएं, जो उनके लिए मर गये और जी उठे हैं।
परमेश्वर के मन्दिर का देवमूर्तियों से क्या समझौता? क्योंकि हम जीवन्त परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा है : “मैं उन के बीच निवास करूँगा और उनके साथ चलूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
येशु ने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया, जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसी प्रजा बनायें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो।
क्या तुम समझते हो कि धर्मग्रन्थ अकारण कहता है कि परमेश्वर ने जिस आत्मा को हम में समाविष्ट किया, उस को वह बड़ी ममता से चाहता है?
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।