मैं तुम्हारे भीतर अपना आत्मा प्रतिष्ठित करूंगा। तब तुम मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करोगे, और मेरे आदेशों का तत्परतापूर्वक पालन करोगे।
1 कुरिन्थियों 3:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या आप यह नहीं जानते कि आप परमेश्वर का मन्दिर हैं और परमेश्वर का आत्मा आप में निवास करता है? पवित्र बाइबल क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग स्वयं परमेश्वर का मन्दिर हो और परमेश्वर की आत्मा तुममें निवास करती है? Hindi Holy Bible क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? नवीन हिंदी बाइबल क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मंदिर हो और परमेश्वर का आत्मा तुममें वास करता है? सरल हिन्दी बाइबल क्या तुम्हें यह अहसास नहीं कि तुम परमेश्वर का मंदिर हो तथा तुममें परमेश्वर का आत्मा वास करता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? |
मैं तुम्हारे भीतर अपना आत्मा प्रतिष्ठित करूंगा। तब तुम मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करोगे, और मेरे आदेशों का तत्परतापूर्वक पालन करोगे।
वह सत्य का आत्मा है, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता है और न जानता है। तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और तुम में रहेगा।
क्या आप यह नहीं समझते कि आप अपने को आज्ञाकारी दास के रूप में जिसके प्रति अर्पित करते हैं और जिसकी आज्ञा का पालन करते हैं, आप उसी के दास बन जाते हैं? यह दासता चाहे पाप की हो, जिसका परिणाम मृत्यु है; चाहे परमेश्वर की हो, जिसके आज्ञापालन का परिणाम धार्मिकता है।
क्या आप लोग यह नहीं जानते कि येशु मसीह का जो बपतिस्मा हम सब को मिला है, वह उनकी मृत्यु का बपतिस्मा है?
जिसने येशु को मृतकों में से जिलाया, यदि उसका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने येशु मसीह को मृतकों में से जिलाया, वह अपने आत्मा द्वारा, जो आप में निवास करता है, आपके नश्वर शरीर को भी जीवन प्रदान करेगा।
यदि परमेश्वर का आत्मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शारीरिक स्वभाव के वश में नहीं, बल्कि आत्मा से ही प्रभावित हैं। जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं।
यदि कोई परमेश्वर का मन्दिर नष्ट करेगा, तो परमेश्वर उसे नष्ट करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है और वह मन्दिर आप हैं।
हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं और आप लोग हैं — परमेश्वर का खेत। आप परमेश्वर का भवन भी हैं।
आप लोगों का आत्मसन्तोष आप को शोभा नहीं देता। क्या आप यह नहीं जानते कि थोड़ा-सा ख़मीर सारे गूंधे हुए आटे को ख़मीरा बना देता है?
क्या आप लोग यह नहीं जानते कि जिसका मिलन वेश्या से होता है, वह उसके साथ एक शरीर हो जाता है? क्योंकि धर्मग्रन्थ कहता है, “वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे।”
क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;
क्या आप यह नहीं जानते कि अन्याय करने वाले व्यक्ति परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखे में न रहें! व्यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्त्रीगामी, कामातुर और पुरुषगामी,
क्या आप लोग यह नहीं जानते कि मन्दिर में धर्मसेवा करने वालों को मन्दिर से भोजन मिलता है और वेदी की सेवा करने वाले वेदी के चढ़ावे के भागीदार हैं?
क्या आप यह नहीं जानते कि दौड़ में तो सभी प्रतियोगी दौड़ते हैं, किन्तु पुरस्कार एक को ही मिलता है? अत: आप इस प्रकार दौड़ें कि पुरस्कार प्राप्त करें।
परमेश्वर के मन्दिर का देवमूर्तियों से क्या समझौता? क्योंकि हम जीवन्त परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा है : “मैं उन के बीच निवास करूँगा और उनके साथ चलूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
यदि मेरे आने में देर हो जाये, तो तुम्हें इस बात की जानकारी रहे कि परमेश्वर के परिवार में लोगों का आचरण कैसा होना चाहिए। परमेश्वर का परिवार जीवन्त परमेश्वर की कलीसिया है; वह सत्य का स्तम्भ और मूलाधार है।
जो उत्तम निधि तुम्हें सौंपी गयी, उसे हम में निवास करने वाले पवित्र आत्मा की सहायता से सुरक्षित रखो।
जब कि मसीह, परमेश्वर के घराने का अध्यक्ष बन कर, पुत्र के रूप में विश्वस्त रहे। परमेश्वर का घराना हम हैं, बशर्ते हम पूर्ण भरोसा करें और वह आशा अक्षुण्ण बनाये रखें, जिस पर हम गर्व करते हैं।
व्यभिचारियों के सदृश आचरण करने वाले अनिष्ठावान लोगो! क्या तुम यह नहीं जानते कि संसार से मित्रता रखने का अर्थ है परमेश्वर से बैर करना? जो संसार का मित्र होना चाहता है, वह परमेश्वर का शत्रु बन जाता है।
और जीवन्त पत्थरों के समान आत्मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्वर को स्वीकार हो।
परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा। यदि हम एक दूसरे से प्रेम करते हैं, तो परमेश्वर हम में निवास करता है और हम में उसका प्रेम परिपूर्णता तक पहुंच जाता है।