विश्वास करने वालों के साथ ये चिह्न होंगे : वे मेरा नाम ले कर भूतों को निकालेंगे, वे नई-नई भाषा बोलेंगे
1 कुरिन्थियों 14:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो अध्यात्म भाषा में बोलता है, वह अपना ही आध्यात्मिक निर्माण करता है; किन्तु जो नबूवत करता है, वह कलीसिया का आध्यात्मिक निर्माण करता है। पवित्र बाइबल जिसे विभिन्न भाषाओं में बोलने का वरदान प्राप्त है वह तो बस अपनी आत्मा को ही सुदृढ़ करता है किन्तु जिसे परमेश्वर की ओर से बोलने का सामर्थ्य मिला है वह समूची कलीसिया को आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ बनाता है। Hindi Holy Bible जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है। नवीन हिंदी बाइबल जो अन्य भाषा में बोलता है वह अपनी ही उन्नति करता है, परंतु जो भविष्यवाणी करता है वह कलीसिया की उन्नति करता है। सरल हिन्दी बाइबल वह, जो अन्य भाषा में संदेश सुनाता है, मात्र स्वयं को उन्नत करता है किंतु वह, जो भविष्यवाणी करता है, कलीसिया को उन्नत करता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है। |
विश्वास करने वालों के साथ ये चिह्न होंगे : वे मेरा नाम ले कर भूतों को निकालेंगे, वे नई-नई भाषा बोलेंगे
हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।
किसी को प्रभावशाली आश्चर्य कर्म करने का, किसी को नबूवत करने का, किसी को आत्माओं की परख करने का, किसी को भिन्न-भिन्न अध्यात्मिक भाषाओं में बोलने का और किसी को उन भाषाओं की व्याख्या करने का वरदान देता है।
परमेश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्तियों को, जिनको स्वस्थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को।
मैं भले ही मनुष्यों तथा स्वर्गदूतों की भाषाओं में बोलूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं ठनठनाता पीतल अथवा झनझनाती झाँझ मात्र हूँ।
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
आप के विषय में भी यही बात है।आप लोग आध्यात्मिक वरदानों की धुन में रहते हैं; इसलिए ऐसे वरदानों से सम्पन्न होने का प्रयत्न करें, जो कलीसिया के आध्यात्मिक निर्माण में सहायक हों।
इससे स्पष्ट है कि अध्यात्म भाषाएँ विश्वासियों के लिए नहीं, बल्कि अविश्वासियों के लिए चिन्ह स्वरूप हैं और नबूवत अविश्वासियों के लिए नहीं, बल्कि विश्वासियों के लिए है।
इसका निष्कर्ष क्या है? हे भाइयो और बहिनो! जब-जब आप आराधना हेतु एकत्र होते हैं, तो कोई भजन सुनाता है, कोई शिक्षा देता है, कोई अपने पर प्रकट किया हुआ सत्य बताता है, कोई अध्यात्म भाषा में बोलता है और कोई उसकी व्याख्या करता है; किन्तु यह सब आध्यात्मिक निर्माण के लिए होना चाहिए।
किन्तु जो नबूवत करता है, वह मनुष्यों से आध्यात्मिक निर्माण, प्रोत्साहन और सान्त्वना की बातें करता है।
मैं तो चाहता हूँ कि आप सब को अध्यात्म भाषाओं में बोलने का वरदान मिले, किन्तु इससे अधिक यह चाहता हूँ कि आप को नबूवत करने का वरदान मिले। यदि अध्यात्म भाषाओं में बोलने वाला व्यक्ति कलीसिया के आध्यात्मिक निर्माण के लिए उनकी व्याख्या नहीं करता, तो इसकी अपेक्षा नबूवत करने वाले का महत्व अधिक है।