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1 कुरिन्थियों 14:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आपकी धर्मसभाओं में भी स्‍त्रियाँ चुप रहें। उन्‍हें इस तरह बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। वे आत्‍मनियंत्रित रहें, जैसा कि व्‍यवस्‍था भी कहती है।

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पवित्र बाइबल

स्त्रियों को चाहिये कि वे सभाओं में चुप रहें क्योंकि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं है। बल्कि जैसा कि व्यवस्था के विधान में भी कहा गया है, उन्हे दब कर रहना चाहिये।

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Hindi Holy Bible

स्त्रियां कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की आज्ञा नहीं, परन्तु आधीन रहने की आज्ञा है: जैसा व्यवस्था में लिखा भी है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

स्त्रियाँ कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की आज्ञा नहीं, परन्तु अधीन रहने की आज्ञा है, जैसा व्यवस्था में लिखा भी है।

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नवीन हिंदी बाइबल

स्‍त्रियाँ कलीसियाओं में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं; परंतु वे अधीन रहें, जैसा व्यवस्था भी कहती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

कि सभाओं में स्त्रियां चुप रहें—उनको वहां बात करने की अनुमति नहीं है. व्यवस्था के अनुसार सही है कि वे अधीन बनी रहें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

स्त्रियाँ कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की अनुमति नहीं, परन्तु अधीन रहने की आज्ञा है: जैसा व्यवस्था में लिखा भी है।

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1 कुरिन्थियों 14:34
15 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु परमेश्‍वर ने स्‍त्री से कहा, ‘मैं तेरी प्रसव-पीड़ा को असहनीय बनाऊंगा। तू पीड़ा से ही बच्‍चों को जन्‍म देगी। तेरी इच्‍छाएं पति के लिए होंगी। वह तुझ पर शासन करेगा।’


आप स्‍वयं विचार करें, क्‍या यह उचित है कि स्‍त्री बिना सिर ढके परमेश्‍वर से प्रार्थना करे?


फिर भी मैं आप को यह बताना चाहता हूँ कि मसीह प्रत्‍येक पुरुष के शीर्ष हैं; पुरुष अपनी पत्‍नी का शीर्ष है, लेकिन मसीह का शीर्ष परमेश्‍वर ही है।


और जो स्‍त्री बिना सिर ढके प्रार्थना या नबूवत करती है, वह अपने शीर्ष पति का अपमान करती है; क्‍योंकि तब वह उस स्‍त्री जैसी है जिसका सिर मूंड़ा हुआ है।


व्‍यवस्‍था में लिखा है, “प्रभु कहता है : मैं अन्‍यभाषा-भाषियों द्वारा विदेशी भाषा में इस प्रजा से बोलूँगा; फिर भी वह मेरी बात पर ध्‍यान नहीं देगी।”


यदि वे किसी बात की जानकारी प्राप्‍त करना चाहती हैं, तो वे घर में अपने पतियों से पूछें। धर्मसभा में बोलना स्‍त्री के लिए उपयुक्‍त नहीं है।


जो भी हो, आप लोगों में हर एक पति अपनी पत्‍नी को अपने समान प्रेम करे और पत्‍नी अपने पति का आदर-सम्‍मान करे।


पत्‍नियो! प्रभु में जैसे उचित है, वैसे ही आप अपने-अपने पति के अधीन रहें।


समझदार, शुद्ध और सुशील हों, अपने घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करें और अपने पति के अधीन रहें, जिससे लोग परमेश्‍वर के शुभ-संदेश की निन्‍दा न कर सकें।