इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, तुम जो कुछ प्रार्थना में माँगते हो, विश्वास करो कि वह तुम्हें मिल गया है और वह तुम्हें दिया जाएगा।
1 कुरिन्थियों 14:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अध्यात्म भाषा में बोलने वाला प्रार्थना करे, जिससे उसको व्याख्या करने का वरदान भी मिल जाये; पवित्र बाइबल परिणामस्वरूप जो दूसरी भाषा में बोलता है, उसे प्रार्थना करनी चाहिये कि वह अपने कहे का अर्थ भी बता सके। Hindi Holy Bible इस कारण जो अन्य भाषा बोले, तो वह प्रार्थना करे, कि उसका अनुवाद भी कर सके। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस कारण जो अन्य भाषा बोले, वह प्रार्थना करे कि उसका अनुवाद भी कर सके। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए जो अन्य भाषा में बोलता है वह प्रार्थना करे कि उसका अनुवाद भी कर सके। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये वह, जो अन्य भाषा में बातें करता है, प्रार्थना करे कि उसे उसका वर्णन तथा अनुवाद करने की क्षमता भी प्राप्त हो जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस कारण जो अन्य भाषा बोले, तो वह प्रार्थना करे, कि उसका अनुवाद भी कर सके। |
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, तुम जो कुछ प्रार्थना में माँगते हो, विश्वास करो कि वह तुम्हें मिल गया है और वह तुम्हें दिया जाएगा।
ये सब, कई स्त्रियों के साथ, येशु की माता मरियम तथा उनके भाइयों सहित, एक-चित्त होकर प्रार्थना में लगे रहे।
वे दोनों वहां गये और उन्होंने सामरियों के लिए यह प्रार्थना की कि उन्हें पवित्र आत्मा प्राप्त हो।
किसी को प्रभावशाली आश्चर्य कर्म करने का, किसी को नबूवत करने का, किसी को आत्माओं की परख करने का, किसी को भिन्न-भिन्न अध्यात्मिक भाषाओं में बोलने का और किसी को उन भाषाओं की व्याख्या करने का वरदान देता है।
क्या सब को स्वस्थ करने का वरदान मिला है? सब अध्यात्म भाषाओं में बोलते हैं? सब व्याख्या करने वाले हैं?
आप के विषय में भी यही बात है।आप लोग आध्यात्मिक वरदानों की धुन में रहते हैं; इसलिए ऐसे वरदानों से सम्पन्न होने का प्रयत्न करें, जो कलीसिया के आध्यात्मिक निर्माण में सहायक हों।
क्योंकि यदि मैं अध्यात्म भाषा में प्रार्थना करता हूँ, तो मेरी आत्मा प्रार्थना करती हैं किन्तु मेरी बुद्धि निष्क्रिय है।
इसका निष्कर्ष क्या है? हे भाइयो और बहिनो! जब-जब आप आराधना हेतु एकत्र होते हैं, तो कोई भजन सुनाता है, कोई शिक्षा देता है, कोई अपने पर प्रकट किया हुआ सत्य बताता है, कोई अध्यात्म भाषा में बोलता है और कोई उसकी व्याख्या करता है; किन्तु यह सब आध्यात्मिक निर्माण के लिए होना चाहिए।