जब आप युद्ध में विजय प्राप्त करते हैं, तब आपकी प्रजा स्वेच्छा से स्वयं को अर्पित करती है। आप पवित्रता से सुशोभित हैं। उषा कल के गर्भ से ओस की बूंद के सदृश तरुणाई आपको प्राप्त होती है।
1 कुरिन्थियों 12:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वास्तव में परमेश्वर ने अपनी इच्छानुसार प्रत्येक अंग को शरीर में स्थान दिया है। पवित्र बाइबल किन्तु वास्तव में परमेश्वर ने जैसा ठीक समझा, हर अंग को शरीर में वैसा ही स्थान दिया। Hindi Holy Bible परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक कर के देह में रखा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगों को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। नवीन हिंदी बाइबल परंतु परमेश्वर ने अपनी इच्छा के अनुसार सब अंगों को एक-एक करके देह में रखा है। सरल हिन्दी बाइबल किंतु परमेश्वर ने अपनी अच्छी बुद्धि के अनुसार हर एक अंग को शरीर में नियुक्त किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगों को अपनी इच्छा के अनुसार एक-एक करके देह में रखा है। |
जब आप युद्ध में विजय प्राप्त करते हैं, तब आपकी प्रजा स्वेच्छा से स्वयं को अर्पित करती है। आप पवित्रता से सुशोभित हैं। उषा कल के गर्भ से ओस की बूंद के सदृश तरुणाई आपको प्राप्त होती है।
मैं आदिकाल से ही अन्त की बातें बताता आया हूं, मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्य की घटनाएं घोषित कर दी हैं। मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्प अटल हैं, मैं अपने समस्त अभिप्रायों को निस्सन्देह पूर्ण करूंगा।’
अन्त में नाविकों ने प्रभु से प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, हम तुझसे विनती करते हैं। इस मनुष्य के प्राण के बदले में हमें मत नष्ट कर। निर्दोष व्यक्ति की हत्या का दोष हम पर मत लगाना। प्रभु, तूने अपनी इच्छानुसार यह कार्य किया है।’
उसी घड़ी येशु ने पवित्र आत्मा में उल्लसित हो कर कहा, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने ये बातें ज्ञानियों और बुद्धिमानों से गुप्त रखीं; किन्तु बच्चों पर प्रकट कीं। हाँ, पिता यही तुझे अच्छा लगा।
उस कृपा के अधिकार से, जो मुझे प्राप्त हुई है, मैं आप लोगों में हर एक से यह कहता हूँ: अपने को औचित्य से अधिक महत्व मत दीजिए। परमेश्वर द्वारा प्रदत्त विश्वास की मात्रा के अनुरूप हर एक को अपने विषय में सन्तुलित विचार रखना चाहिए।
हम को प्राप्त अनुग्रह के अनुसार हमारे वरदान भी भिन्न-भिन्न होते हैं। हमें नबूवत का वरदान मिला, तो विश्वास के अनुरूप उसका उपयोग करें;
एक ही और वही आत्मा यह सब करता है। वह अपनी इच्छा के अनुसार प्रत्येक को अलग-अलग वरदान देता है।
यदि सारा शरीर आँख ही होता, तो वह कैसे सुन सकता? यदि सारा शरीर कान ही होता, तो वह कैसे सूँघ सकता?
हमारे शोभनीय अंगों को इसकी जरूरत नहीं होती। तो, जो अंग कम आदरणीय हैं, परमेश्वर ने उन्हें अधिक आदर दिलाते हुए शरीर का संगठन किया है।
परमेश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्तियों को, जिनको स्वस्थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को।
परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसे शरीर प्रदान करता है-प्रत्येक दाने को उसका अपना शरीर।
अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।
उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम येशु मसीह द्वारा उसकी दत्तक संतान बनें। यह परमेश्वर की मंगलमय इच्छा से हुआ
अपनी उस मंगलमय इच्छा के अनुसार, जो उसने मसीह में पहले से ही निर्धारित की, परमेश्वर समय पूरा होने पर ऐसा प्रबंध करेगा कि वह सब कुछ, जो स्वर्ग तथा पृथ्वी में है, मसीह की अध्यक्षता में संयुक्त कर देगा। उसने अपने संकल्प का यह रहस्य हम पर प्रकट किया है।
“हमारे प्रभु परमेश्वर! तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्योंकि तूने समस्त विश्व की सृष्टि की। तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।”