जो व्यक्ति राजा की आज्ञा का पालन करता है, उसका अनिष्ट नहीं होता। बुद्धिमान मनुष्य उपयुक्त समय और उपयुक्त कार्य-विधि जानता है।
1 कुरिन्थियों 11:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जो कोई देह का अर्थ स्वीकार किये बिना खाता और पीता है, वह अपने ही दण्ड के निमित्त खाता और पीता है। पवित्र बाइबल क्योंकि प्रभु के देह का अर्थ समझे बिना जो इस रोटी को खाता और इस प्याले को पीता है, वह इस प्रकार खा-पी कर अपने ऊपर दण्ड को बुलाता है। Hindi Holy Bible क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जो खाते–पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि जो प्रभु की देह को पहचाने बिना खाता और पीता है, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दंड लाता है। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि जो कोई इसे खाता और पीता है, यदि वह प्रभु की कलीसिया रूपी शरीर को पहिचाने बिना खाता और पीता है, अपने ही ऊपर दंड के लिए खाता और पीता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। |
जो व्यक्ति राजा की आज्ञा का पालन करता है, उसका अनिष्ट नहीं होता। बुद्धिमान मनुष्य उपयुक्त समय और उपयुक्त कार्य-विधि जानता है।
मानव-पुत्र आया। वह आम आदमी के समान खाता-पीता है और तुम कहते हो, ‘देखो, यह आदमी पेटू और पियक्कड़ है। चुंगी-अधिकारियों और पापियों का मित्र है।’
इसलिए जो ऐसे अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोह करता है और विद्रोही अपने सिर पर दण्डाज्ञा बुलाते हैं।
और धन्यवाद की प्रार्थना करने के बाद उसे तोड़ा और कहा, “यह मेरी ही देह है, जो तुम्हारे लिए है। यह मेरी स्मृति में किया करो।”
इसलिए जो व्यक्ति अयोग्य रीति से यह रोटी खाता या प्रभु के कटोरे में से पीता है, वह प्रभु की देह और रक्त के विरुद्ध अपराध करता है।
जब कि सिद्ध व्यक्ति ठोस भोजन करते हैं। वे अनुभवी हैं और अभ्यास के कारण उनकी ज्ञानेन्द्रियां भला-बुरा पहचानने में समर्थ हैं।
मेरे भाइयो और बहिनो! आप लोगों में बहुत लोग गुरु न बनें, क्योंकि आप जानते हैं कि हम गुरुओं से अधिक कड़ाई से लेखा मांगा जायेगा।
मेरे भाइयो और बहिनो! सब से बड़ी बात यह है कि आप शपथ नहीं खायें − न तो स्वर्ग की, न पृथ्वी की और न किसी अन्य वस्तु की। आपकी बात इतनी हो : हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। कहीं ऐसा न हो कि आप दण्ड के योग्य हो जायें।