किसी ने याकूब को बताया, ‘आपका पुत्र यूसुफ आपके पास आया है।’ याकूब ने अपनी शक्ति संचित की और वह। उठकर पलंग पर बैठ गए।
1 इतिहास 28:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब राजा दाऊद खड़ा हुआ। उसने कहा, ‘ओ मेरे भाइयो, मेरे निज लोगो! मेरी यह हार्दिक इच्छा थी कि मैं अपने परमेश्वर के चरणों की चौकी के लिए, प्रभु की विधान-मंजूषा के लिए एक भवन बनाऊं, जहां वह प्रतिष्ठित की जा सके। मैंने भवन-निर्माण के लिए तैयारी कर ली है। पवित्र बाइबल राजा दाऊद खड़ा हुआ और कहा, “मेरे भाईयो और मेरे लोगो, मेरी बात सुनो। मैं अपने हृदय से यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दुक को रखने के लिये एक स्थान बनाना चाहता हूँ। मैं एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जो परमेश्वर का पद पीठ बन सके और मैंने परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाने की योजना बनाई। Hindi Holy Bible तब दाऊद राजा खड़ा हो कर कहने लगा, हे मेरे भाइयों! और हे मेरी प्रजा के लोगो! मेरी सुनो, मेरी मनसा तो थी कि यहोवा की वाचा के सन्दूक के लिये और हम लोगों के परमेश्वर के चरणों की पीढ़ी के लिये विश्राम का एक भवन बनाऊं, और मैं ने उसके बनाने की तैयारी की थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद राजा खड़ा होकर कहने लगा, “हे मेरे भाइयो! और हे मेरी प्रजा के लोगो! मेरी सुनो, मेरी इच्छा तो थी कि यहोवा की वाचा के सन्दूक के लिये, और हम लोगों के परमेश्वर के चरणों की पीढ़ी के लिये विश्राम का एक भवन बनाऊँ, और मैं ने उसके बनाने की तैयारी की थी। सरल हिन्दी बाइबल राजा दावीद ने इन सबके सामने खड़े होकर उन्हें संबोधित कर कहा: “मेरे भाइयो और मेरी प्रजा, मेरी बातें ध्यान से सुनो; यह मेरी इच्छा थी कि मैं याहवेह की वाचा का संदूक और हमारे परमेश्वर के पैरों की चौकी के लिए एक स्थिर घर को बनाऊं. इसी उद्देश्य से मैंने भवन बनाने की तैयारी कर ली. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद राजा खड़ा होकर कहने लगा, “हे मेरे भाइयों! और हे मेरी प्रजा के लोगों! मेरी सुनो, मेरी मनसा तो थी कि यहोवा की वाचा के सन्दूक के लिये और हम लोगों के परमेश्वर के चरणों की पीढ़ी के लिये विश्राम का एक भवन बनाऊँ, और मैंने उसके बनाने की तैयारी की थी। |
किसी ने याकूब को बताया, ‘आपका पुत्र यूसुफ आपके पास आया है।’ याकूब ने अपनी शक्ति संचित की और वह। उठकर पलंग पर बैठ गए।
और सुनो: राजदरबारी हमारे स्वामी, महाराज दाऊद के पास आए, और उन्हें इन शब्दों में बधाई दी: “परमेश्वर सुलेमान का नाम आपके नाम से भी अधिक प्रसिद्ध करे! उनके सिंहासन को आपके सिंहासन से अधिक महान् करे।” यह सुनकर महाराज दाऊद ने शय्या पर ही प्रभु की वन्दना की।
‘आप जानते हैं कि मेरे पिता अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर एक भवन नहीं बना सके थे। जब तक प्रभु ने उनके शत्रुओं को उनके चरणों के नीचे नहीं दबा दिया, तब तक वह युद्ध के कारण अपने शत्रुओं से सदा घिरे रहे।
‘जा, और मेरे सेवक दाऊद से यह कह, “प्रभु यों कहता है: क्या तू मेरे निवास के लिए भवन बनाएगा?
मैंने दु:ख-तकलीफ सहकर प्रभु के भवन के लिए पैंतीस लाख किलो सोना और साढ़े तीन करोड़ किलो चांदी तथा इतना पीतल और लोहा इकट्ठा किया है, कि उसको तोला नहीं जा सकता है! मैंने भवन के लिए इमारती लकड़ी और पत्थर भी इकट्ठा किया है। तू इनको और इकट्ठा करना।
एक दिन दाऊद ने अपने पुत्र सुलेमान को बुलाया, और उसको इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के लिए भवन बनाने का आदेश दिया।
दाऊद ने सुलेमान से यह कहा, ‘मेरे पुत्र, मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मैं अपने प्रभु परमेश्वर के नाम की प्रतिष्ठा के लिए एक भवन बनाऊं।
जब मंजूषा प्रभु के भवन में प्रतिष्ठित हो गई, तब राजा दाऊद ने भजन गाने के लिए ये गायक नियुक्त किए।
मेरे पिता दाऊद की यह हार्दिक इच्छा थी कि वह इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के नाम की महिमा के लिए एक भवन बनाए।
प्रभु ने मेरे स्वामी से कहा: ‘जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न बना दूं, तू मेरी दाहिनी ओर बैठ।’
‘यह युग-युगान्त मेरा विश्राम स्थल होगा; यहां मैं रहूंगा; क्योंकि मैंने इसकी इच्छा की है।
हमारे प्रभु परमेश्वर का गुणगान करो; उसके चरणों की चौकी के सम्मुख वन्दना करो। वह पवित्र है!
लबानोन प्रदेश का वैभव तेरे पास आएगा: मेरे पवित्र स्थान की साज-सज्जा के लिए सनोवर, देवदार और चीड़ वृक्षों की इमारती लकड़ी तेरे पास आएगी। मैं उस स्थान को जहाँ मैं चरण रखता हूं, महिमा प्रदान करूंगा।
प्रभु यों कहता है : ‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है! तब तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे? वह स्थान कहाँ है, जहाँ मैं विश्राम कर सकता हूं?’
प्रभु ने सियोन की पुत्री को अपने प्रकोप के मेघों से ढक दिया! उसने इस्राएल के वैभव को आकाश से पृथ्वी पर फेंक दिया! उसने अपने प्रकोप-दिवस पर अपने चरणों की चौकी को स्मरण न रखा।
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यह मेरे सिंहासन का स्थान है। यही मेरे चरणों की चौकी है। इसी स्थान में मैं युग-युगांत इस्राएली लोगों के मध्य निवास करूंगा। अब इस्राएल के वंशज मेरे पवित्र नाम को अपवित्र नहीं करेंगे: न वे और न उनके राजा दूसरे देवताओं का अनुसरण कर मेरे प्रति विश्वासघात करेंगे, और न अपने मृत राजाओं की समाधि बना कर मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करेंगे।
जिसे पाँच सिक्के मिले थे, उसने तुरन्त जा कर उनके साथ लेन-देन किया तथा और पाँच सिक्के कमा लिये।
‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी। प्रभु कहता है- तुम मेरे लिए कैसा मन्दिर बनाओगे? मेरा विश्राम-स्थल कहाँ होगा?
तब तू निश्चय ही उस व्यक्ति को अपने ऊपर राजा प्रतिष्ठित करना, जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर चुनेगा। तू अपने जाति-भाइयों में से ही किसी को अपने ऊपर राजा प्रतिष्ठित करना। तू किसी विदेशी को, जो तेरा जाति-भाई नहीं है, प्रतिष्ठित मत करना।
तब उसका हृदय समाज के अन्य सदस्यों को तुच्छ नहीं समझेगा और वह इन आज्ञाओं से न दाहिनी ओर न बायीं ओर मुड़ेगा। यदि वह ऐसा कार्य करेगा तो वह और उसके वंशज इस्राएली राष्ट्र में बहुत वर्ष तक राज्य करते रहेंगे।