मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
1 इतिहास 28:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद ने अपने पुत्र सुलेमान को भवन की ड्योढ़ी, भवन-कक्षों, भण्डार-गृहों, उपरले कक्षों, अन्तर्गृहों, और दया-आसन के कक्ष का नमूना दिया। पवित्र बाइबल तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर बनाने के लिये योजनाएँ दीं। वे योजनाएँ मन्दिर के चारों ओर प्रवेश—कक्ष बनाने, इसके भवन, इसके भंडार—कक्ष, इसके ऊपरी कक्ष, इसके भीतरी कक्ष और दयापीठ के स्थान के लिये थी। Hindi Holy Bible तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्चित के ढकने से स्थान का नमूना, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों, अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्चित के ढकने के स्थान का नमूना, सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद दावीद ने शलोमोन को मंदिर के भीतरी हिस्सों, इसके भवनों, इसके भंडार घरों, इसके ऊपरी कमरों, इसके भीतरी कमरों, और करुणासन के कमरे का नमूना सौंप दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों, अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्चित के ढकने के स्थान का नमूना, |
मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
इनके अतिरिक्त उसके मस्तिष्क में प्रभु-भवन के आंगनों, चहुंओर के कक्षों, प्रभु-भवन के भण्डार-गृहों तथा प्रभु को अर्पित भेंटों के लिए निर्मित भण्डार-गृहों का नमूना था। यह भी उसने सुलेमान को बताया।
दाऊद ने कहा, ‘यह स्वयं प्रभु ने अपने हाथ से लिखकर निर्धारित किया था। मैंने सिर्फ इस निर्धारण के अनुसार कार्य किया।’
पुरोहितों ने प्रभु की विधान-मंजूषा उसके उचित स्थान पर रख दी। उन्होंने भीतरी कक्ष में, पवित्र अन्तर्गृह के करूबों के पंखों के नीचे मंजूषा को रख दिया।
उसने तोबियाह के लिए एक बड़े कमरे का प्रबन्ध किया। इस कमरे में पहले अन्न-बलि का सामान, लोबान, मन्दिर के पात्र, उपपुरोहितों, गायकों और द्वारपालों के लिए नियत किया गया अन्न, अंगूर-रस और तेल का दशमांश तथा पुरोहितों की भेटें रखी जाती थीं।
ध्यान रखना कि ये वस्तुएँ अपने-अपने ढांचे के अनुरूप बनाई जाएँ, जो मैंने तुझे पहाड़ पर दिखाया है।
अपने निवास-स्थान के नमूने तथा उसके समस्त उपकरणों से सम्बन्धित जो वस्तुएँ मैं तुझे दिखाता हूँ, उन्हीं के अनुरूप तू उसे निर्मित करना।
‘जहां रेकाब के वंशज रहते हैं, वहां जा, और उनसे बात कर। तू उनको मेरे भवन के एक कमरे में लाना, और उनको मदिरा पीने के लिए कहना।’
फाटक के बाहरी द्वार के सामने से उसके भीतरी ओसारे के अन्त तक की लम्बाई पच्चीस मीटर थी।
यद्यपि वे एक ऐसे आराधना-स्थल में आराधना करते हैं जो स्वर्ग की वास्तविकता की प्रतिकृति और छाया मात्र है। यही कारण है कि जब मूसा शिविर का निर्माण करने वाले थे, तो उन्हें परमेश्वर की ओर से यह आदेश मिला, “देखो, जो नमूना तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया, उसी के अनुसार तुम सब कुछ बनाना।”