राजा सुलेमान ने चन्दन की लकड़ी से प्रभु के भवन और राजमहल के लिए आसन और संगीतकारों के लिए सितार और सारंगियां बनाईं। इतनी मात्रा में चन्दन की लकड़ी फिर कभी देश में नहीं आई, और न आज तक दिखाई दी।
1 इतिहास 25:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद और उच्चाधिकारियों ने आसाफ, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को विशेष सेवा-कार्यों के लिए नियुक्त किया। इनका कार्य वीणा, सारंगी और झांझ बजाते हुए नबूवत करना था। जो व्यक्ति मन्दिर में यह सेवा-कार्य करते थे, उनके नाम इस प्रकार हैं : पवित्र बाइबल दाऊद और सेनापतियों ने आसाप के पुत्रों को विशेष सेवा के लिये अलग किया। आसाप के पुत्र हेमान और यदूतून थे। उनका विशेष काम परमेश्वर के सन्देश की भविष्यावाणी सारंगी, वीणा, मंजीरे का उपयोग करके करना था। यहाँ उन पुरुषों की सूची है जिन्होंने इस प्रकार सेवा की। Hindi Holy Bible फिर दाऊद और सेनापतियोंने आसाप, हेमान और यदूतून के कितने पुत्रोंको सेवकाई के लिथे अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और फांफ बजा बजाकर नबूवत करें। और इस सेवकाई के काम करनेवाले मनुष्योंकी गिनती यह यी : पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर दाऊद और सेनापतियों ने आसाप, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को सेवकाई के लिये अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और झाँझ बजा–बजाकर नबूवत करें। इस सेवा के काम करनेवाले मनुष्यों की गिनती यह थी : सरल हिन्दी बाइबल दावीद और सेनापतियों ने मिलकर आसफ, हेमान और यदूथून के पुत्रों को अलग कर दिया कि जब वे नेबेल और किन्नोर नामक वाद्य यंत्र और झांझ बजाएं, वे भविष्यवाणी किया करें. जिन्हें इस सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी, उनकी सूची इस प्रकार है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर दाऊद और सेनापतियों ने आसाप, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को सेवकाई के लिये अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और झाँझ बजा-बजाकर नबूवत करें। और इस सेवकाई के काम करनेवाले मनुष्यों की गिनती यह थी: |
राजा सुलेमान ने चन्दन की लकड़ी से प्रभु के भवन और राजमहल के लिए आसन और संगीतकारों के लिए सितार और सारंगियां बनाईं। इतनी मात्रा में चन्दन की लकड़ी फिर कभी देश में नहीं आई, और न आज तक दिखाई दी।
खैर, अब मेरे पास वीणा बजाने वाले को लाओ।’ जब वीणा-वादक ने वीणा बजाई, तब प्रभु की शक्ति एलीशा पर उतरी।
दाऊद और सब इस्राएली परमेश्वर के सम्मुख वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियों की ताल पर पूरे उत्साह से नाच रहे थे।
यों सब इस्राएली प्रभु की विधान-मंजूषा को उठाकर ले चले। वे जय-जयकार कर रहे थे। वे नरसिंगे और तुरहियां फूंक रहे थे। वे झांझ बजा रहे थे। वे सारंगी और वीणा पर राग-रागिनियां बजा रहे थे।
आसाफ के पुत्र : जक्कूर, योसेप, नतन्याह और अशरएलाह। आसाफ के ये पुत्र आसाफ के ही निर्देशन में सेवा-कार्य करते थे। आसाफ राजा के अधीन नबूवत करता था।
ये यदूतून के पुत्र थे : गदलयाह, सरी, यशायाह, शिमई, हशबयाह और मत्तित्याह। ये छ: पुत्र अपने पिता यदूतून के अधीन सेवा-कार्य करते थे। यदूतून प्रभु की सराहना और स्तुति में आराधना के अवसर पर वीणा बजाता और नबूवत करता था।
आसाफ के परिवार में पहली चिट्ठी योसेप के नाम पर निकली। दूसरी चिट्ठी गदलयाह के नाम पर निकली। वह और उसके भाई तथा उसके पुत्र कुल मिलाकर बारह जन थे।
सेवक और उनके पुत्रों के ये नाम हैं : कहाती गोत्र के लोग : गायक हेमान − यह योएल का पुत्र और शमूएल का पौत्र था।
हेमान का भाई आसाफ उसके दाहिने खड़ा हुआ करता था − आसाफ बेरेकयाह का पुत्र था। बेरेकयाह शिमआ का पुत्र था।
हेमोन की बायीं ओर मरारी का वंशज एतान खड़ा हुआ करता था। एतान कीशी का पुत्र था और कीशी अबद्दई का पुत्र था। अबद्दई मल्लूख का पुत्र था।
अपने-अपने पितृकुल के वंश-क्रमानुसार मन्दिर के गायक ये थे। ये मन्दिर के कमरों में रहते थे। ये मन्दिर की अन्य सेवाओं से मुक्त थे। ये मन्दिर की गान-सेवा में रात-दिन संलग्न रहते थे।
रानी अतल्याह के शासन के सातवें वर्ष में पुरोहित यहोयादा ने साहस किया और सेना के इन शतपतियों से सन्धि की : अजर्याह बेन-यरोहाम, यिश्माएल बेन-यहोहानान, अजर्याह बेन-ओबेद, मासेयाह बेन-अदायाह और एलीशाफट बेन-जिक्री।
उसने देखा, प्रवेश-द्वार पर राजा राजकीय मंच पर खड़ा है। शतपति और तुरही-वादक भी राजा के समीप खड़े हैं। आम जनता आनन्द मना रही है। वे नरसिंगे फूंक रहे हैं। गायक अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए समारोह का संचालन कर रहे हैं। अतल्याह ने अपने राजसी वस्त्र फाड़ दिए, और वह चिल्लाई, ‘यह राज-द्रोह है!’
तत्पश्चात् पुरोहित यहोयादा ने प्रभु के भवन के लिए पहरेदार नियुक्त किए। ये पहरेदार लेवी-कुल के पुरोहितों तथा उप-पुरोहितों के निर्देशन में सेवा-कार्य करते थे। लेवी-कुल के पुरोहितों तथा उप-पुरोहितों को राजा दाऊद ने प्रभु के भवन में सेवा-कार्य का दायित्व सौंपा था कि वे प्रभु को अग्नि-बलि चढ़ाएं; जैसा कि मूसा की व्यवस्था में लिखा है। राजा दाऊद के आदेश के अनुसार वे आराधना के समय स्तुति गाते तथा आनन्द-उल्लास प्रकट करते थे।
यहोयादा ने उनके नायकों को राजा दाऊद के भाले, फरी और ढाल सौंप दिए। ये शस्त्र परमेश्वर के भवन में सुरक्षित रखे हुए थे।
राजा हिजकियाह ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों को उनके सेवा-कार्य के अनुसार विभिन्न दलों में विभक्त कर दिया। उसने प्रत्येक पुरोहित और उप-पुरोहित को उसके सेवा-कार्य के अनुसार अग्नि-बलि, सहभागिता-बलि और धन्यवाद-बलि चढ़ाने, स्तुति-गान गाने तथा प्रभु के शिविर के द्वारों पर पहरा देने के लिए नियुक्त किया।
मजदूरों ने ईमानदारी से काम किया। उनके काम की निगरानी करनेवाले अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं: मरारी-वंशीय उपपुरोहित यहत और ओबद्याह, कहात-वंशीय मशल्लूम और जकर्याह। अन्य उपपुरोहित, जो वाद्ययंत्र बजानेवाले कुशल कलाकार थे,
राजा दाऊद, आसाफ, हेमान और राज-द्रष्टा यदूतून के निर्देश के अनुसार आसाफ-वंशीय गायक निर्धारित स्थान पर उपस्थित थे। हर एक द्वारपाल अपने द्वार पर उपस्थित था। उनको अपना कार्य बीच में छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी; क्योंकि उनके सहयोगी उपपुरोहितों ने उनके लिए बलि-भोज का प्रबन्ध कर दिया।
लेवीय कुल के गायक, आसाफ, हेमान, यदूतून, उनके पुत्र और नाते-रिश्तेदार सूती-मलमल की पोशाक पहिने हुए और हाथों में वाद्य-यन्त्र−झांझ, सारंगियां और वीणा−लिए हुए वेदी के पूर्व में खड़े थे। उनके साथ तुरही बजाने वाले एक सौ बीस पुरोहित भी थे।
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।
उन्होंने यरूशलेम में निर्मित परमेश्वर के भवन में आराधना-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों की पारी और उपपुरोहितों के दल की व्यवस्था की, जैसा मूसा के ग्रन्थ में लिखा हुआ है।
मत्तन्याह बेन-मीका। इसकी वंशावली इस प्रकार है। मत्तन्याह का पिता मीका और उसका दादा जब्दी था। जब्दी आसाफ का पुत्र था। मत्तन्याह भजन-कीर्तन करने वालों का अगुआ था। वह आराधना के समय भजन-कीर्तन आरम्भ करता था। उसके भाई-बन्धुओं में बकबुक्याह उसका सहायक था। अब्दा बेन-शम्मूअ। इसकी वंशावली इस प्रकार है: अब्दा के पिता का नाम शम्मूअ, दादा का नाम गालाल और परदादा का नाम यदूतून था।
लेवी वंशजों के मुखिया ये थे : हशब्याह, शेरेब्याह, और येशुअ बेन-कदमीएल। उनके साथ उनके भाई थे जो आराधना में स्तुति और भजन-कीर्तन गाते समय परमेश्वर के जन दाऊद के आदेश के अनुसार निर्धारित दलों में बंटकर उनके सम्मुख खड़े रहते थे।
जब यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा का समय आया, तब जगह-जगह उपपुरोहितों को ढूंढ़ा गया, ताकि उनको यरूशलेम में लाया जाए और शहरपनाह की प्रतिष्ठा का पर्व आनन्द-उल्लास से परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए, झांझ, सारंगी, और वीणा के साथ गीत-भजन गाते हुए मनाया जाए।
इसके पश्चात् वह मुझे बाहर से भीतरी आंगन में ले गया। वहाँ मैंने दो कमरे देखे। एक कमरा उत्तरी फाटक के दक्षिण में था, और दूसरा कमरा दक्षिणी फाटक के उत्तर में था।
उसके बाद तुम गिबअत-एलोहीम नामक स्थान पर पहुँचोगे, जहाँ पलिश्तियों का प्रशासक रहता है। जब तुम नगर में प्रवेश करोगे तब तुम्हें वहाँ पहाड़ी शिखर की वेदी से नबियों का एक दल उतरता हुआ मिलेगा। वे सितार, डफ, बांसुरी और वीणा बजाते होंगे। वे नबूवत कर रहे होंगे।