वे प्रभु की मंजूषा के साथ मिलन-शिविर तथा उसके भीतर के सब पवित्र पात्र ले गए। उन्हें उठाने वाले व्यक्ति केवल पुरोहित और उपपुरोहित थे।
1 इतिहास 23:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इस प्रकार वे मिलन-शिविर तथा पवित्र-स्थान का दायित्व संभालेंगे। वे मन्दिर में प्रभु की आराधना में पुरोहितों की, अपने चचेरे भाई-बन्धुओं, हारून के वंशजों की सहायता करेंगे।’ पवित्र बाइबल अतः लेवीवंशी वे सब काम करते थे। जिनकी आशा उनसे की जाती थी। वे पवित्र तम्बू की देखभाल करते थे वे पवित्र स्थान की देखभाल करते थे और वे अपने सम्बन्धियों हारून के वंशज याजकों को सहायता देते थे। लेवीवंशी यहोवा के मन्दिर में सेवा करके याजकों की सेवा करते थे। Hindi Holy Bible और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले नम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियोंके सौंपे हुए काम को चौकसी से करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार वे यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें। सरल हिन्दी बाइबल इस प्रकार याहवेह के भवन की सेवा के लिए उनकी जवाबदारी थी, मिलनवाले तंबू, पवित्र स्थान और उनके संबंधी अहरोन के पुत्रों की अगुवाई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें। |
वे प्रभु की मंजूषा के साथ मिलन-शिविर तथा उसके भीतर के सब पवित्र पात्र ले गए। उन्हें उठाने वाले व्यक्ति केवल पुरोहित और उपपुरोहित थे।
वे मन्दिर के चारों ओर दिन-रात पहरा देते थे; क्योंकि पहरा देने का दायित्व उनको ही सौंपा गया था। वे प्रतिदिन सबेरे उसका द्वार खोलते थे।
फिर भी मैं उन्हें पुरोहित-पद से वंचित कर अपने भवन के सेवक नियुक्त करता हूँ। वे मन्दिर के सब कामों को करेंगे। जो भी सेवा-कार्य मन्दिर में सम्पन्न होगा, उसको ये सेवक ही करेंगे।
परन्तु लेवीय ही साक्षी-शिविर के चारों ओर पड़ाव डालेंगे, जिससे इस्राएलियों की मंडली पर मेरा प्रकोप न हो। लेवीय साक्षी-शिविर का उत्तरदायित्व संभालेंगे।’
किन्तु तुम लोग पवित्र-स्थान तथा वेदी के समस्त सेवा-कार्य का दायित्व संभालोगे जिससे इस्राएली समाज पर मेरा क्रोध पुन: न भड़के।
निवास-स्थान के सम्मुख, पूर्व दिशा में, मिलन-शिविर की सूर्योदय की दिशा में पड़ाव डालने वाले मूसा, हारून और उसके पुत्र थे। उनका यह दायित्व था कि वे इस्राएली समाज के हेतु पवित्र-स्थान के भीतर के धार्मिक कार्य सम्पन्न करें। जो अपुरोहित व्यक्ति सेवा-कार्य के लिए मिलन-शिविर में आता, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाता था।
यद्यपि वे मिलन-शिविर में अपने भाइयों के दायित्व-पालन में सहायता कर सकते हैं, किन्तु वे स्वयं कोई सेवा-कार्य नहीं करेंगे। तू लेवियों को इस नियम के अनुसार उत्तरदायित्व सौंपना।’
तो वह अपने लेवीय भाइयों के समान, जो वहां प्रभु के सम्मुख उपस्थित रहकर सेवा-कार्य करते हैं, अपने प्रभु परमेश्वर के नाम से सेवा-कार्य कर सकता है।