एक दिन दाऊद ने पूछा, ‘क्या शाऊल के परिवार में अब तक कोई जीवित है? मैं योनातन के कारण उससे प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ।’
1 इतिहास 19:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद ने यह सोचा, ‘जैसे हानून के पिता नाहाश ने मुझसे प्रेमपूर्ण व्यवहार किया था, वैसे ही मैं हानून के साथ करूंगा।’ अत: दाऊद ने उसके पिता की मृत्यु के विषय में अपने दरबारियों के हाथ संवेदना-संदेश भेजा। दाऊद के दरबारी हानून को सांत्वना देने के लिए अम्मोन देश में आए। पवित्र बाइबल तब दाऊद ने कहा, “नाहाश मेरे प्रति दयालु था, इसलिए मैं नाहाश के पुत्र हानून के प्रति दायालु रहूँगा।” अतः दाऊद ने अपने दूतों को उसके पिता की मृत्यु पर सांत्वना देने भेजे। दाऊद के दूत हानून को सांन्तवा देने अम्मोन देश को गए। Hindi Holy Bible तब दाऊद ने यह सोचा, कि हानून के पिता नाहाश ने जो मुझ पर प्रीति दिखाई थी, इसलिये मैं भी उस पर प्रीति दिखाऊंगा। तब दाऊद ने उसके पिता के विषय शांति देने के लिये दूत भेजे। और दाऊद के कर्मचारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास उसे शांति देने को आए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद ने यह सोचा, “हानून के पिता नाहाश ने जो मुझ पर प्रीति दिखाई थी, इसलिये मैं भी उस पर प्रीति दिखाऊँगा।” तब दाऊद ने उसके पिता के विषय शांति देने के लिये दूत भेजे। दाऊद के कर्मचारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास उसे शांति देने को आए। सरल हिन्दी बाइबल दावीद ने सोचा, “मैं नाहाश के पुत्र हानून पर अपनी दया बनाकर रखूंगा, क्योंकि उसका पिता मुझ पर कृपालु था,” इसलिये दावीद ने उसे उसके पिता की मृत्यु के संबंध में सांत्वना देने के लिए अपने दूत भेजे. दावीद के दूत अम्मोन के वंशजों के नगर में राजा हानून को सांत्वना देने पहुंचे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद ने यह सोचा, “हानून के पिता नाहाश ने जो मुझ पर प्रीति दिखाई थी, इसलिए मैं भी उस पर प्रीति दिखाऊँगा।” तब दाऊद ने उसके पिता के विषय शान्ति देने के लिये दूत भेजे। और दाऊद के कर्मचारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास उसे शान्ति देने को आए। |
एक दिन दाऊद ने पूछा, ‘क्या शाऊल के परिवार में अब तक कोई जीवित है? मैं योनातन के कारण उससे प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ।’
दाऊद ने उससे कहा, ‘मत डरो। मैं तुम्हारे पिता योनातन के कारण तुम्हारे साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ। मैं तुम्हारे दादा शाऊल की समस्त भूमि तुम्हें लौटा दूँगा। अब तुम मेरे साथ सदा भोजन करोगे।’
एलीशा ने अपने सेवक से कहा, ‘इनसे कह : देखो, तुमने हमारी सुविधा के लिए इतनी चिन्ता की। अब तुम्हारे लिए क्या करना चाहिए? क्या तुम चाहती हो कि तुम्हारे लिए महाराज अथवा सेनापति से सिफारिश की जाए?’ शूनेमवासी महिला बोली, ‘मैं अपने निज लोगों के मध्य रहते हुए सन्तुष्ट हूँ।’
इसके पश्चात् अम्मोनी जाति के राजा नाहाश की मृत्यु हो गई। उसके स्थान पर उसका पुत्र हानून राज्य करने लगा।
परन्तु अम्मोन देश के सामन्तों ने अपने स्वामी हानून से यह कहा, ‘दाऊद ने आपके पास संवेदना प्रकट करने वाले भेजे। इस कारण क्या आप यह सोचते हैं कि वह आपके पिता के प्रति सम्मान प्रकट कर रहा है? कदापि नहीं। उसने खोजबीन करने, उलट-पुलट करने और देश का भेद लेने के लिए उनको आपके पास भेजा है।’
उसी दिन लोगों के सम्मुख मूसा के व्यवस्था-ग्रन्थ में से पाठ किया गया। उसमें यह लिखा हुआ मिला : ‘तुम अम्मोनी और मोआबी कौम के किसी भी व्यक्ति को परमेश्वर की धर्म-सभा में कभी प्रवेश नहीं करने देना;
अम्मोन देश का तोबियाह उसके साथ था। उसने कहा, ‘जो पत्थर की दीवार ये लोग बना रहे हैं, उस पर अगर गीदड़ भी चढ़ जाए तो वह उसको गिरा देगा।’
जब सनबल्लत और तोबियाह ने तथा अरबी और अम्मोनी कौम के लोगों ने और अशदोद के पलिश्ती लोगों ने सुना कि यरूशलेम की शहरपनाह का मरम्मत-कार्य निरन्तर हो रहा है, उसकी दरारें भरी जा रही हैं, तो वे अत्यन्त क्रुद्ध हुए।
सम्राट क्षयर्ष ने पूछा, ‘इस कार्य के लिए मोरदकय के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया गया? उसे कौन-सा पुरस्कार अथवा पद दिया गया?’ सम्राट के सेवकों ने जो उसकी सेवा में उपस्थित थे, उसको बताया, ‘उसके लिए कुछ भी नहीं किया गया।’
उस छोटे-से नगर में एक गरीब, पर बुद्धिमान मनुष्य था। उसने अपनी बुद्धि से उस नगर को बचाया। फिर भी उस गरीब को सब लोग भूल गए।
इसलिए भाई की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।
जब दाऊद सिक्लग में आया तब उसने यहूदा प्रदेश के धर्मवृद्धों को, अपने मित्रों को लूट का कुछ माल भेजा। उसने यह सन्देश भेजा, ‘यह आपके लिए उपहार है। यह प्रभु के शत्रुओं से लूटे गए माल में से आपका हिस्सा है।’