एलिय्याह सभी लोगों के पास आया। उसने कहा, “आप लोग कब निर्णय करेंगे कि आपको किसका अनुसरण करना है यदि यहोवा सच्चा परमेश्वर है तो आप लोगों को उसका अनुयायी होना चाहिये। किन्तु यदि बाल सत्य परमेश्वर है तो तुम्हें उसका अनुयायी होना चाहिये।” लोगों ने कुछ भी नहीं कहा।
जब हम लोग यह सब कर चुके तब इस्राएल के प्रमुख मेरे पास आए। उन्होंने कहा, “एज्रा इस्राएल के लोगों और याजकों तथा लेवीवंशियों ने अपने चारों ओर रहने वाले लोगों से अपने को अलग नहीं रखा है। इस्राएल के लोग कनानियों, हित्तियों, परिज्जियों, यबूसियों, अम्मोनियों, मोआबियों, मिस्र के लोगों और एमोरियों द्वारा की जाने वाली बहुत सी बुरी बातों से प्रभावित हुए हैं
अत: इस्राएल के लोगों, अपने बच्चों को उनके बच्चों से विवाह मत करने दो। उनके साथ सम्बन्ध न रखो! और उनकी वस्तुओ की लालसा न करो! मेरे आदेशों का पालन करो जिससे तुम शाक्तिशाली होगे और इस देश की अच्छी चीज़ों का भोग करोगे। तब तुम इस देश को अपना बनाये रखोगे और अपने बच्चों को दोगे।’
एप्रैम अपना रोग देख कर और यहूदा अपना घाव देख कर अश्शुर की शरण पहुँचेंगे। उन्होने अपनी समस्याएँ उस महान राजा को बतायी थी। किन्तु वह राजा तुझे चंगा नहीं कर सकता, वह तेरे घाव को नहीं भर सकता है।
लोग उन झूठे पुरोहितों के बारे में भूल जाएंगे। कछ लोग कहते हैं कि वे मेरी उपसाना करते हैं। उन लोगों ने मेरी उपासना करने की प्रतिज्ञा की किन्तु अब वे झूठे देवता मोलेक की पूजा करते हैं। अत: मैं उन लोगों को उस स्थान से हटाऊँगा।
यहूदा के लोगों ने अन्य लोगों को ठगा। यरूशलेम और इस्राएल के लोगों ने भयंकर काम किये! यहूदा के निवासियों ने यहोवा के पवित्र मंदिर का सम्मान नहीं किया। परमेश्वर उस स्थान से प्रेम करता है। यहूदा के लोगों ने उन विदेशी स्त्रियों से विवाह किए जो झूठे देवों की पूजा किया करती थी!
“कोई भी एक साथ दो स्वामियों का सेवक नहीं हो सकता क्योंकि वह एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम। या एक के प्रति समर्पित रहेगा और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम धन और परमेश्वर दोनों की एक साथ सेवा नहीं कर सकते।