यहोआश मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। यारोबाम नया राजा बना और यहोआश के राज सिंहासन पर बैठा। यहोआश शोमरोन में इस्राएल के राजाओं के साथ दफनाया गया।
होशे 1:1 - पवित्र बाइबल यह यहोवा का वह सन्देश है, जो बेरी के पुत्र होशे के द्वारा प्राप्त हुआ। यह सन्देश उस समय आया था जब यहूदा में उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह का राज्य था। यह उन दिनों की बात है जब इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम का समय था। Hindi Holy Bible यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशे के पास पहुंचा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहूदा प्रदेश के राजाओं उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकियाह के राज्य-काल में तथा इस्राएल प्रदेश के राजा यारोबआम बेन-योआश के राज्य-काल में प्रभु के सन्देश होशे बेन-बएरी को मिले थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में, और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशे के पास पहुँचा। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह का वह संदेश, जो बएरी के पुत्र होशिया के पास यहूदिया के राजा उज्जियाह, योथाम, आहाज़ और हिज़किय्याह के शासनकाल में, और इस्राएल के राजा यहोआश के पुत्र यरोबोअम के शासनकाल में आया: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशे के पास पहुँचा। |
यहोआश मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। यारोबाम नया राजा बना और यहोआश के राज सिंहासन पर बैठा। यहोआश शोमरोन में इस्राएल के राजाओं के साथ दफनाया गया।
योआश मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। योआश शोमरोन में इस्राएल के राजाओं के साथ दफनाया गया। योआश का पुत्र यारोबाम उसके बाद नया राजा हुआ।
इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम ने शोमरोन में यहूदा के राजा योआश के पुत्र अमस्याह के राज्यकाल के पन्द्रहवें वर्ष में शासन करना आरम्भ किया। यारोबाम ने इकतालीस वर्ष तक शासन किया।
उजिय्याह का पुत्र योताम यहूदा का राजा बना। यह इस्राएल के राजा रमल्याह के पुत्र पेकह के राज्यकाल के दूसरे वर्ष में हुआ।
यहोवा ने राजा अजर्याह को हानिकारक कुष्ठरोग का रोगी बना दिया। वह मरने के दिन तक इसी रोग से पीड़ित रहा। अजर्याह एक अलग महल में रहता था। राजा का पुत्र योताम राज महल की देखभाल और जनता का न्याय करता था।
अजर्याह मरा और अपने पूर्वजों के साथ दाऊद के नगर में दफनाया गया। अजर्याह का पुत्र योताम उसके बाद नया राजा हुआ।
योताम पच्चीस वर्ष का था जब वह राजा हुआ। उसने सोलह वर्ष तक यरूशलेम में शासन किया। उसकी माँ का नाम यरूशा था। यरूशा सादोक की पुत्री थी।
आहाज बीस वर्ष का था, जब वह राजा हुआ। उसने यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य किया। आहाज अपने पूर्वज दाऊद की तरह सच्चाई से नहीं रहा। आहाज ने वह नहीं किया जो कुछ यहोवा चाहता था कि वह करे।
यह आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन है। यहूदा और यरूशलेम में जो घटने वाला था, उसे परमेश्वर ने यशायाह को दिखाया। यशायाह ने इन बातों को उज्जिय्याह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में देखा था। ये यहूदा के राजा थे।
आहाज, योताम का पुत्र था। योताम उज्जिय्याह का पुत्र था। उन्हीं दिनों रसीन आराम का राजा हुआ करता था और इस्राएल पर रमल्याह के पुत्र पेकह राजा था। जिन दिनों यहूदा पर आहाज शासन कर रहा था, रसीन और पेकह युद्ध के लिये यरूशलेम पर चढ़ बैठे। किन्तु वे इस नगर को हरा नहीं सके।
यहोवा ने यिर्मयाह से उन दिनों बातें करनी आरम्भ की। जब योशिय्याह यहूदा राष्ट्र का राजा था। योशिय्याह आमोन नामक राजा का पुत्र था। यहोवा ने यिर्मयाह से योशिय्याह के राज्यकाल के तेरहवें वर्ष में बातें करनी आरम्भ की।
आमोस का सन्देश। आमोस तकोई नगर का गड़ेरिया था। यहूदा पर राजा उज्जिय्याह के शासन काल और इस्राएल पर योआश के पुत्र राजा यारोबाम के शासन काल में आमोस को इस्राएल के बारे में (अन्त) दर्शन हुआ। यह भूकम्प के दो वर्ष पूर्व हुआ।
यहोवा का वह वचन जो राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में मीका को प्राप्त हुआ। ये पुरूष यहूदा के राजा थे। मीका मोरेशेती से था। मीका ने शोमरोन और यरूशलेम के बारे में ये दर्शन देखे।
बेरेक्याह के पुत्र जकर्याह ने यहोवा का सन्देश पाया। फारस में दारा के राज्यकाल के दूसरे वर्ष के आठवें महीने में यह हुआ। (जकर्याह बेरेक्याह का पुत्र था। बेरेक्याह इद्दो नबी का पुत्र था।) सन्देश यह है:
क्या यहाँ ईश्वर उन्हीं लोगों के लिये नहीं कहा गया जिन्हें परम पिता का संदेश मिल चुका है? और धर्मशास्त्र का खंडन नहीं किया जा सकता।
जैसा कि होशे की पुस्तक में लिखा है: “जो लोग मेरे नहीं थे उन्हें मैं अपना कहूँगा। और वह स्त्री जो प्रिय नहीं थी मैं उसे प्रिया कहूँगा।”
क्योंकि कोई मनुष्य जो कहना चाहता है, उसके अनुसार भविष्यवाणी नहीं होती। बल्कि पवित्र आत्मा की प्रेरणा से मनुष्य परमेश्वर की वाणी बोलते हैं।