राजा दाऊद ने दृढ़ता से योआब और सेना के नायको के लोगों की गणना करने का आदेश दिया। अत: योआब और सेना के नायक दाऊद के यहाँ से इस्राएल को लोगों को गिनने गए।
सभोपदेशक 8:4 - पवित्र बाइबल आज्ञाएँ देने का राजा को अधिकार है, कोई नहीं पूछ सकता कि वह क्या कर रहा है। Hindi Holy Bible क्योंकि राजा के वचन में तो सामर्थ्य रहती है, और कौन उस से कह सकता है कि तू क्या करता है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा के शब्दों में परम सत्ता होती है। राजा से कौन पूछ सकता है, ‘आप यह क्या कर रहे हैं?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि राजा के वचन में तो सामर्थ्य रहती है, और कौन उससे कह सकता है कि तू क्या करता है? नवीन हिंदी बाइबल राजा का वचन अधिकारपूर्ण होता है, इसलिए कौन उससे कह सकता है कि तू क्या करता है? सरल हिन्दी बाइबल राजा की बातों में तो अधिकार होता है, उन्हें कौन कहेगा, “आप क्या कर रहे हैं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि राजा के वचन में तो सामर्थ्य रहती है, और कौन उससे कह सकता है कि तू क्या करता है? |
राजा दाऊद ने दृढ़ता से योआब और सेना के नायको के लोगों की गणना करने का आदेश दिया। अत: योआब और सेना के नायक दाऊद के यहाँ से इस्राएल को लोगों को गिनने गए।
मैं आज वह कार्य करूँगा जिसका वचन मैंने इसके पूर्व तुम्हें दिया था। मैंने यह प्रतिज्ञा यहोवा इस्राएल के परमेश्वर की शक्ति से की थी। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि तुम्हारा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा और मेरे बाद सिंहासन पर मेरा स्थान वही लेगा। मैं अपनी प्रतिज्ञा पूरी करुँगा।”
तब राजा ने बनायाह को शिमी को मार डालने का आदेश दिया और उसने इसे पूरा किया। अब सुलैमान अपने राज्य पर पूर्ण नियन्त्रण कर चुका था।
अत: फ़रात नदी के पश्चिम क्षेत्र के प्रशासक तत्तनै, शतर्बोजनै और उसके साथ के लोगों ने राजा दारा के आदेश का पालन किया। उन लोगों ने आज्ञा का पालन शीघ्र और पूर्ण रूप से किया।
यदि परमेश्वर छीनने लगता है तो कोई भी उसे रोक नहीं सकता। कोई भी उससे कह नहीं सकता, ‘तू क्या कर रहा है।’
मिस्र के राजा ने धाइयों को बुलाया और कहा, “तुम लोगों ने ऐसा क्यों किया? तुम लोगों ने पुत्रों (लड़कों) को क्यों जीवित रहने दिया?”
अब देखो, तुम जब नरसिंगों, बाँसुरियों, सितारों, सात तारों के बाजों, वाणाओं, मशक—शहनाइयों तथा हर तरह के दूसरे वाद्य—यन्त्रों की ध्वनि सुनो तो तुम्हें सोने को प्रतिमा के आगे झुक कर उसकी पूजा करनी होगी। यदि तुम मेरे द्वारा बनवाई गई उस मूर्ति की पूजा करने को तैयार हो, तब तो अच्छा है किन्तु यदि उसकी पूजा नही करते हो तो तुम्हें तत्काल ही धधकती हुई भट्टी में झोंक दिया जायेगा। फिर तुम्हें कोई भी देवता मेरी शक्ति से बचा नहीं पायेगा!”
इस धरती के लोग सचमुच बड़े नहीं हैं। परमेश्वर लोगों के साथ जो कुछ चाहता है वह करता है। स्वर्ग की शक्तियों को कोई भी रोक नहीं पाता है। उसका सशक्त हाथ जो कुछ करता है उस पर कोई प्रश्न नहीं कर सकता है।
मनुष्य तू कौन होता है जो परमेश्वर को उलट कर उत्तर दे? क्या कोई रचना अपने रचने वाले से पूछ सकती है, “तूने मुझे ऐसा क्यों बनाया?”